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कर्नाटक जनेऊ प्रवेश विवाद: परीक्षा केंद्र पर आस्था से टकराव

कर्नाटक जनेऊ प्रवेश विवाद

पवित्र धागा परीक्षा टकराव :

कर्नाटक जनेऊ प्रवेश विवाद अब संवेदनशील धार्मिक मुद्दा बन गया है। बीदर जिले के साईं स्पुर्ति पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी की शिकायत के बाद हुआ, छात्र ने गंभीर आरोप लगाए कॉलेज स्टाफ पर धार्मिक प्रतीक हटाने का दबाव डालने का आरोप एक जैसी घटना शिवमोगा जिले में भी हुई।

मुख्य बिंदु :

  • बीदर और शिवमोगा में परीक्षा के समय धार्मिक प्रतीक पर विवाद
  • छात्र ने आस्था का हवाला देकर जनेऊ हटाने से किया इनकार
  • कॉलेज प्रिंसिपल और स्टाफ निलंबित
  • शिक्षा मंत्री सुधाकर और बंगारप्पा ने की सख्त कार्रवाई की घोषणा
  • सरकार ने स्पष्ट किया – जनेऊ हटाने का कोई निर्देश नहीं

परीक्षा केंद्र पर आस्था विवाद :

CET के दौरान कर्नाटक जनेऊ प्रवेश विवाद ने परीक्षा नियमों और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच टकराव को उजागर कर दिया है। छात्र ने बताया कि उसे जीवविज्ञान की परीक्षा जनेऊ पहनकर देने दी गई लेकिन गणित के पेपर के लिए नहीं। पहले दो पेपर जनेऊ पहनकर दिए, तीसरे में रोका गया 45 मिनट इंतज़ार के बाद छात्र लौट गया दोपहर में अनुमति मिली लेकिन परीक्षा छूट चुकी थी, कॉलेज स्टाफ ने सुरक्षा के नाम पर यह निर्णय लिया। छात्र का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है। वही छात्र फिजिक्स और केमिस्ट्री के पेपर बिना रोक के दे चुका था।

जांच और प्रशासनिक कार्रवाई :

  • बीदर DC शिल्पा शर्मा ने मुख्य परीक्षक को कारण बताओ नोटिस भेजा
  • बीदर SP ने जांच कमेटी पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया
  • कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. चंद्रशेखर बिरादर और स्टाफ सतीश पवार निलंबित
  • शिवमोगा में भी आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज में तीन छात्रों से जनेऊ हटाने को कहा गया।
  • एक छात्र ने विरोध किया लेकिन उसे परीक्षा देने दी गई, जबकि अन्य दो ने जनेऊ उतारकर परीक्षा में प्रवेश किया।

कर्नाटक सरकार की कार्रवाई :

  • उच्च शिक्षा मंत्री एम सी सुधाकर ने कहा : “इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जा रही है। यदि आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी।” उन्होंने कार्यकारी निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश: परीक्षा प्रोटोकॉल का पालन हो, धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन न हो सरकार ने दोहराया: “जनेऊ हटाने का कोई सरकारी आदेश नहीं था”
  • स्कूली शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा :
    “धार्मिक मान्यता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।” सरकार ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए दिशा-निर्देश दोबारा स्पष्ट किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने सभी परीक्षा केंद्रों को चेतावनी दी है।

कानूनी नजरिया और संभावित दंड :

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है
  • छात्र की धार्मिक भावना के साथ छेड़छाड़ की जांच होगी
  • दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के अलावा आपराधिक मामला भी बन सकता है

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :

कर्नाटक जनेऊ प्रवेश विवाद कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी राज्य में हिजाब विवाद, मंदिर पूजा स्थलों में प्रवेश जैसे मामलों पर विवाद हो चुका है। यह घटना राज्य में शिक्षा और धार्मिक अधिकारों के टकराव को फिर चर्चा में ले आई है।

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