कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप- पूर्व टीएमसी नेता सहित तीन गिरफ्तार

कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले ने पूरे पश्चिम बंगाल को झकझोर दिया है। बुधवार शाम कोलकाता के कस्बा स्थित एक लॉ कॉलेज के अंदर 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं।
- यह दिल दहला देने वाली घटना 25 जून की शाम 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच हुई।
- कॉलेज के ही एक गार्ड रूम में पीड़िता को कथित तौर पर बंधक बनाया गया।
मुख्य बिंदु :
- कॉलेज गार्ड रूम में सामूहिक बलात्कार, छात्रा को बंधक बनाकर तीन युवकों ने किया हमला।
- मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, टीएमसी छात्र नेता और कॉलेज का पूर्व संविदा कर्मचारी बताया गया।
- पीड़िता का आरोप: वीडियो बनाया, धमकी दी गई, सार्वजनिक करने पर जान से मारने की चेतावनी।
- मेडिकल रिपोर्ट ने पुष्टि की, पीड़िता के शरीर पर हिंसा के स्पष्ट निशान पाए गए।
- कल्याण बनर्जी का विवादित बयान, महिलाओं पर ही जिम्मेदारी डालने को लेकर हुआ विरोध।
- बीजेपी का तीखा हमला, राज्य सरकार और टीएमसी पर कानून-व्यवस्था विफल होने का आरोप।
- छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन, कस्बा पुलिस स्टेशन के बाहर संघर्ष, कई हिरासत में लिए गए।
आरोपियों की गिरफ्तारी और हैरान करने वाले खुलासे
पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सभी तीन आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान 31 वर्षीय मोनोजीत मिश्रा, 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमित मुखोपाध्याय के रूप में हुई है। मोनोजीत मिश्रा इस लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र और वर्तमान में संविदा कर्मचारी था। चौंकाने वाली बात यह है कि छात्र जीवन के दौरान वह तृणमूल छात्र परिषद का नेता भी था। हालांकि, टीएमसी ने उससे संबंध होने से इनकार किया है। जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय वर्तमान में उसी लॉ कॉलेज के छात्र हैं।
- मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने पीड़िता पर शादी का दबाव बनाया था।
- पीड़िता के इनकार करने पर उसने उसके प्रेमी को नुकसान पहुँचाने की धमकी दी थी।
पीड़िता का दर्द और मेडिकल रिपोर्ट की सच्चाई
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, मोनोजीत मिश्रा ने ही उस पर यौन हमला किया, जबकि अन्य दो आरोपियों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और वारदात में मदद की। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उसे जबरदस्ती गार्ड रूम में बंद किया। उसने उनसे दया की भीख मांगी, अपने बॉयफ्रेंड का हवाला दिया, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी। हमले के दौरान उसे घबराहट का दौरा पड़ा और सांस लेने में भी तकलीफ हुई। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने इस वारदात का वीडियो भी बनाया था। उन्होंने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो वे फुटेज ऑनलाइन अपलोड कर देंगे।
- मेडिकल जांच में पीड़िता के शरीर पर ‘जबरदस्ती प्रवेश, काटने के निशान और नाखून के खरोंच’ मिले हैं।
- यह रिपोर्ट पीड़िता के आरोपों को पूरी तरह से सत्यापित करती है।
कल्याण बनर्जी का विवादित बयान और सियासी तूफान
इस दर्दनाक घटना के बाद टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक महिला को बाहर जाने से पहले यह पता होना चाहिए कि वह कैसी संगत में है। बनर्जी ने यह भी कहा कि कोई कानून या पुलिस ऐसी घटनाओं को नहीं रोक सकती। जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदल जाती, ये घटनाएं होती रहेंगी। उन्होंने महिलाओं से भी पूछा कि वे ऐसी ‘गंदी मानसिकता’ वाले पुरुषों के खिलाफ क्यों नहीं खड़ी होतीं। इस बयान को लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।
- टीएमसी ने घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
- पार्टी ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
भाजपा का हमला और पुलिस हिरासत में आरोपी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर जमकर हमला बोला है। भाजपा ने मोनोजीत मिश्रा के कथित टीएमसी संबंधों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। तीनों आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 1 जुलाई तक के लिए चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना स्थल का दौरा किया गया है और फोरेंसिक जांच तक उसे सुरक्षित रखा गया है।
- मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 127(2), 70(1) और 3(5) के तहत दर्ज किया गया है।
- यह धाराएं गलत तरीके से बंधक बनाने, सामूहिक बलात्कार और आपराधिक कृत्यों में साझा इरादे से संबंधित हैं।
विरोध प्रदर्शन और न्याय की मांग
कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप को लेकर गुस्सा साफ देखा जा रहा है। कस्बा पुलिस स्टेशन के बाहर छात्र संगठन एसएफआई और डीवाईएफआई के सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। कई प्रदर्शनकारी घायल हुए और कुछ को हिरासत में भी लिया गया। यह घटना आरजी कर मेडिकल कॉलेज सामूहिक बलात्कार मामले के कुछ ही महीनों बाद हुई है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिला सुरक्षा के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। अब देखना यह है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को कब तक और कितनी कड़ी सजा मिलती है।
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