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मद्रास हाईकोर्ट में कुणाल कामरा की याचिका, गिरफ्तारी पर रोक की अपील

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कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित अपमानजनक टिप्पणी की, जिसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है, एवं महाराष्ट्र पुलिस से गिरफ़्तारी से बचने के लिए कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है

मुकदमा और धमकियों का दबाव ;

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद कानूनी मुसीबत में फंस गए हैं। उनके खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 356(2) (मानहानि) के तहत केस बनाया गया है। कामरा ने 28 मार्च को मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया और ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की। उनके वकील ने बताया कि कॉमेडियन को मुंबई शो के बाद से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

मद्रास HC में तत्काल सुनवाई की मांग :

कुणाल कामरा के वकील ने न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की अदालत में मामले को तुरंत सुनवाई के लिए उल्लेख किया। चूंकि कामरा तमिलनाडु के विल्लुपुरम के स्थायी निवासी हैं, इसलिए उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने लंच मोशन को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई का आदेश दिया। लंच मोशन एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें तत्काल सुनवाई की जरूरत होने पर अदालत सामान्य कार्य घंटों के बाहर भी केस सुनती है।

ट्रांजिट जमानत क्या होती है?

ट्रांजिट जमानत (Transit Bail) एक अंतरिम कानूनी सुरक्षा है जो किसी व्यक्ति को एक राज्य से दूसरे राज्य में गिरफ्तारी से बचाने के लिए दी जाती है। यह तब मांगी जाती है जब किसी पर एक राज्य में केस दर्ज होता है, लेकिन वह दूसरे राज्य में रहता है और उसे डर होता है कि पुलिस उसे बिना कानूनी प्रक्रिया के गिरफ्तार कर लेगी। इसका उद्देश्य व्यक्ति को समय देकर न्यायालय में नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का अवसर देना है।

धाराओं के तहत मामला दर्ज :

कुणाल कामरा के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 356(2) – मानहानि , धारा 353(1)(b) – सार्वजनिक उपद्रव, धारा 353(2) – अपराधी बल प्रयोग के तहत मामला दर्ज किया है ।

राजनेताओं की प्रतिक्रिया :

  • इस मामले पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “कॉमेडी की आजादी का मतलब किसी का अपमान करना नहीं है।
  • शिवसेना नेता संभाजी देसाई ने कुणाल कामरा को “विभाजनकारी भाषण फैलाने वाला” बताया। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है, जहां एक तरफ कॉमेडियन की आजादी का समर्थन किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ उनकी आलोचना भी हो रही है।

YouTube पर वीडियो हटाने का मामला :

कामरा ने 26 मार्च को आरोप लगाया कि उनका स्टैंड-अप स्पेशल ‘नया भारत’ YouTube से कॉपीराइट उल्लंघन के आधार पर हटा दिया गया है। उन्होंने टी-सीरीज पर दबाव बनाने का आरोप लगाया, हालांकि कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुणाल कामरा ने यूट्यूब पर अपने वीडियो के हटाए जाने पर टी-सीरीज को टैग करते हुए लिखा: “हेलो टी-सीरीज, कठपुतली मत बनो। पैरोडी और व्यंग्य कानूनी रूप से उचित उपयोग के अंतर्गत आते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा: “अगर आप इस वीडियो को हटाते हैं, तो हर कवर गीत/नृत्य वीडियो को हटाया जा सकता है।”

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