महाराष्ट्र ई-बाइक टैक्सी नियम हरित भविष्य की ओर एक कदम

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में ई-बाइक टैक्सी नियम का मसौदा जारी किया है, जिसका मकसद हरित गतिशीलता को बढ़ावा देना और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देना है। यह मसौदा 5 जून तक सार्वजनिक सुझावों और आपत्तियों के लिए खुला रहेगा, जिसके बाद जुलाई में अंतिम नियम लागू होंगे। ये नियम राज्य में एक नई परिवहन क्रांति लाने की ओर कदम हैं, जिससे पर्यावरण के अनुकूल और कुशल यात्रा की सुविधा मिलेगी।
राज्य मंत्रिमंडल ने 1 अप्रैल को इस नीति को मंजूरी दी थी, जिसका मुख्य लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन है। यह नीति ई-बाइक टैक्सियों को औपचारिक रूप देने की कोशिश करती है, जिससे उनकी सेवा की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सार्वजनिक प्रतिक्रिया के आधार पर जुलाई में अंतिम ई-बाइक टैक्सी नियम जारी होंगे, जो इस सेवा के संचालन को नियंत्रित करेंगे। इस कदम से शहरों की भीड़ और प्रदूषण में कमी आएगी।
गति और सुरक्षा के सख्त प्रावधान
ई-बाइक टैक्सी नियम 2025 में सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी गई है। इन टैक्सियों की गति सीमा 60 किमी/घंटा से कम होगी ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। खराब मौसम जैसे भारी बारिश या तूफान में सेवाएं रोक दी जाएंगी।
- 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे इन टैक्सियों में यात्रा नहीं कर सकेंगे।
- ड्राइवर का पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
- ड्रग्स, शराब के प्रभाव या गंभीर अपराध में दोषी ड्राइवरों को नौकरी नहीं मिलेगी।
- यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा देने के लिए कड़े सुरक्षा मानदंड तय किए गए हैं।
रंग कोड और ड्राइवर मानदंड
सभी ई-बाइक टैक्सियों का रंग पीला होगा ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। हेलमेट पहनना और चालक-यात्री के बीच विभाजक होना अनिवार्य होगा, जिससे स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- ड्राइवर की उम्र 20 से 50 साल के बीच होनी चाहिए और उसका नैतिक चरित्र अच्छा होना चाहिए।
- भर्ती के समय ड्राइवर की शिष्टता, भाषा और व्यवहार पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- ड्राइवर को क्षेत्रीय सड़कों और मार्गों की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि यात्रा सरल हो सके।
- इन मानकों से यात्री का अनुभव बेहतर और सुरक्षित होगा।
प्रशिक्षण और काम के घंटे
ड्राइवरों का सत्यापन न केवल नियुक्ति के समय बल्कि लाइसेंस नवीनीकरण के समय भी किया जाएगा। उन्हें सुरक्षित ड्राइविंग, लिंग संवेदनशीलता और शिष्टाचार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- कार्य घंटे 8 से अधिक नहीं होंगे ताकि थकान न हो और सुरक्षा बनी रहे।
- महिला ड्राइवरों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
- ऐप में महिला यात्रियों के लिए महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
- इससे सुरक्षा बढ़ेगी और कार्यबल में विविधता भी आएगी।
यात्री नियम और जीपीएस ट्रैकिंग
सेवा प्रदाता को बाइक टैक्सी, ड्राइवर, ऑपरेटर और शिकायत निवारण की पूरी जानकारी यात्रियों को देनी होगी। यात्रियों को न तो धूम्रपान की अनुमति होगी और न ही शराब पीने की।
- सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना मना होगा।
- यात्री ड्राइवर को गति सीमा का उल्लंघन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
- ई-बाइक टैक्सी नियम के तहत जीपीएस ट्रैकिंग अनिवार्य होगी।
- यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में पुलिस को त्वरित जानकारी दे सकेगी।
ऐप आधारित निगरानी और शिकायत निवारण प्रणाली
ई-बाइक टैक्सी नियम के तहत एक और महत्वपूर्ण पहलू है—ऐप आधारित निगरानी और शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा प्रदाताओं का ऐप केवल बुकिंग तक सीमित न रहे, बल्कि वह निगरानी और पारदर्शिता के एक प्रभावी माध्यम के रूप में भी कार्य करे। प्रत्येक सेवा प्रदाता को ऐसा ऐप विकसित करना होगा जिसमें लाइव ट्रैकिंग, शिकायत दर्ज करने की सुविधा, चालक का मूल्यांकन, और सवारी के बाद फीडबैक देने का विकल्प हो। यात्री सीधे ऐप पर किसी भी असुविधा की शिकायत दर्ज कर सकेंगे, जिसे संबंधित अधिकारी निर्धारित समय सीमा में निपटाएंगे। इसके अतिरिक्त, ड्राइवर की रेटिंग और फीडबैक के आधार पर सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था यात्रियों को सशक्त बनाती है और सेवा प्रदाताओं को लगातार सुधार के लिए प्रेरित करती है। तकनीक आधारित यह प्रणाली ई-बाइक टैक्सी सेवा को और अधिक जवाबदेह और सुरक्षित बनाएगी।
समर्पित स्टॉप और किराया निर्धारण
ई-बाइक टैक्सियों के लिए विशिष्ट स्टैंड चिह्नित किए जाएंगे जिससे संचालन सुव्यवस्थित होगा। किराया राज्य परिवहन प्राधिकरण तय करेगा और कोई भी सेवा प्रदाता उससे अधिक शुल्क नहीं ले सकेगा।
- सवारी शुरू होने से पहले यात्री को किराए की जानकारी दी जाएगी।
- इससे पारदर्शिता और भरोसे में बढ़ोतरी होगी।
- समर्पित स्टॉप से ट्रैफिक कम होगा और सवारी की सुविधा बढ़ेगी।
- ई-बाइक टैक्सी नियम महाराष्ट्र में इस सेवा को एक संगठित और सुरक्षित ढांचा देंगे।
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