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मनसे-सेना सुलह बैठक फडणवीस-राज ठाकरे की गुप्त मुलाकात

मनसे-सेना सुलह बैठक

महाराष्ट्र की सियासत में अचानक गर्माहट बढ़ गई है। मनसे-सेना सुलह बैठक की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की गुप्त बैठक ने नए राजनीतिक समीकरणों के संकेत दिए हैं।

मुख्य बिंदु :

  • फडणवीस-राज ठाकरे की गुप्त बैठक से सियासी हलचल तेज हुई।
  • मुंबई के होटल में सुबह एक घंटे तक बैठक चली।
  • शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच सुलह के संकेत मिले।
  • भाजपा-मनसे संभावित गठबंधन पर गंभीर चर्चा।
  • शिंदे गुट भी मनसे से गठबंधन को लेकर रुचि दिखा रहा।
  • स्थानीय निकाय चुनाव से पहले समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव।
  • मराठी समाज के 86% लोग ठाकरे भाइयों के साथ आने के पक्ष में।

मुंबई के होटल में हुई गोपनीय मुलाकात

गुरुवार सुबह मुंबई के बांद्रा स्थित एक पांच सितारा होटल में फडणवीस और राज ठाकरे की यह मुलाकात हुई। हालांकि दोनों पक्षों ने इस मुलाकात पर सार्वजनिक रूप से कोई भी विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने बयान में कहा कि दोनों नेता “अच्छे मित्र” हैं और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिले होंगे।

ठाकरे भाइयों की सुलह की बढ़ती चर्चा

बीते कुछ हफ्तों से मनसे-सेना सुलह बैठक की संभावनाओं पर लगातार चर्चा हो रही है।उद्धव ठाकरे ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि यदि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को किनारे किया जाए तो वह मामूली मतभेद भुलाने को तैयार हैं। इसी तरह, राज ठाकरे ने भी कहा है कि “मराठी मानुष” के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है। इससे साफ है कि दोनों के बीच एक नई शुरुआत की संभावनाएं प्रबल होती दिख रही हैं।

स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सियासी हलचल

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में 29 नगर निगमों के लिए वार्ड परिसीमन के आदेश जारी किए हैं, जिससे स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव से ठीक पहले फडणवीस और राज ठाकरे की यह बैठक कई सवाल खड़े कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा और मनसे के बीच संभावित गठबंधन से मराठी वोट बैंक पर असर पड़ सकता है। भाजपा के लिए मनसे का साथ मुंबई और अन्य शहरी इलाकों में बड़ा लाभ दिला सकता है।

क्या भाजपा मनसे को साथ लाने की कोशिश में है?

सूत्रों का कहना है कि फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई बैठक में भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन में मनसे को शामिल करने और सीटों के समायोजन पर चर्चा की गई। हालांकि बैठक के बाद फडणवीस और राज ठाकरे दोनों ने ही इस विषय में कोई बयान नहीं दिया। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने भी इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच नरम होते रिश्ते

शिवसेना (यूबीटी) की नेता किशोरी पेडनेकर ने कहा कि मराठी समाज चाहता है कि दोनों भाई एक साथ आएं। एक हालिया सर्वे में 86% मराठी जनता ने दोनों के एकजुट होने की इच्छा जताई है। उद्धव ठाकरे ने भी हाल ही में कहा था कि वे तुच्छ मुद्दों को दरकिनार कर सकते हैं, बशर्ते महाराष्ट्र विरोधी ताकतों को किनारे रखा जाए।

शिंदे गुट भी नजर रखे हुए

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट के नेता संजय शिरसाट ने भी बैठक पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मनसे के साथ गठबंधन को लेकर उनके दरवाजे भी खुले हैं। इससे साफ है कि शिंदे गुट भी संभावित समीकरणों पर नजर बनाए हुए है।

मनसे के उतार-चढ़ाव का राजनीतिक सफर

  • राज ठाकरे ने जनवरी 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे बनाई थी।
  • 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतकर मनसे ने दम दिखाया था।
  • इसके बाद से मनसे का प्रदर्शन कमजोर होता गया।
  • 2024 के विधानसभा चुनाव में पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का पिछले 5 वर्षों का चुनावी प्रदर्शन

वर्षचुनाव प्रकारलड़ी गई सीटेंजीती सीटेंवोट शेयर (%)प्रदर्शन का सारांश
2017मुंबई महापालिका (BMC)2277~3.1%2012 में 28 सीटें थीं, भारी गिरावट
2017पुणे महापालिका (PMC)16226.44%सीमित प्रभाव, कुछ वार्डों में पकड़
2017नासिक महापालिका1225~4%2012 में 40 सीटें थीं, गिरावट जारी
2019महाराष्ट्र विधानसभा28812.25%सीमित उपस्थिति, गिरता जनसमर्थन
2024महाराष्ट्र विधानसभा2881~1.55%लगभग निष्क्रिय उपस्थिति, सिर्फ प्रतीकात्मक
2019लोकसभा चुनाव0समर्थन मात्रMNS ने चुनाव नहीं लड़ा, BJP को समर्थन
2024लोकसभा चुनाव0समर्थन मात्रफिर से चुनाव नहीं लड़ा, NDA समर्थक रुख

भाजपा के साथ मनसे के रिश्तों का उतार-चढ़ाव

राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का समर्थन किया था लेकिन विधानसभा चुनाव में अलग राह पकड़ी थी। यही दुविधा आज मनसे की स्थिति को और जटिल बना रही है।

राजनीतिक विश्लेषण : बड़े गठबंधन की जमीन तैयार?

मनसे-सेना सुलह बैठक और फडणवीस की सक्रियता भविष्य में महाराष्ट्र की सियासत में नया गठबंधन रच सकती है। अगर मनसे, भाजपा और शिंदे गुट एक साथ आते हैं तो यह गठबंधन महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर कर सकता है। दूसरी ओर यदि मनसे और शिवसेना (यूबीटी) का मेल होता है तो विपक्षी महा विकास अघाड़ी को मजबूती मिलेगी। फिलहाल फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात ने इस बहस को और तेज कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में जाएगी।

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