Loading Now

नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड बसवराजू छत्तीसगढ़ मुठभेड़ में ढेर

नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड कहे जाने वाले नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराया। 70 वर्षीय बसवराजू सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था और लगभग चार दशकों से भूमिगत था। इस मुठभेड़ में उसके साथ 26 अन्य माओवादी भी मारे गए।

बसवराजू ढेर: सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ में किया ऐतिहासिक सफाया

27 माओवादी मारे गए, शीर्ष नेता बसवराजू भी ढेर

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ में देश ने माओवादी हिंसा के खिलाफ एक बड़ी जीत दर्ज की। इस मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत कुल 27 माओवादी मारे गए

गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन को नक्सल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम बताते हुए सुरक्षा बलों को सलाम किया।

बसवराजू: माओवादी आंदोलन की रीढ़ टूटी

  • बसवराजू माओवादी संगठन में महासचिव पद पर थे।
  • 2018 में उन्होंने संगठन की बागडोर संभाली थी।
  • उन्हें घेरने और मार गिराने को सुरक्षा एजेंसियों की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।
  • यह पहली बार है जब इतना उच्च-स्तरीय नेता मुठभेड़ में मारा गया।

गृह मंत्री ने कहा,

“नक्सलवाद के खिलाफ तीन दशकों की लड़ाई में यह पहली बार है कि संगठन के महासचिव स्तर के नेता को हमारे जवानों ने ढेर किया है।”

मुठभेड़ कैसे शुरू हुई : अबूझमाड़ में घेरा गया गढ़

  • मुठभेड़ नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमाओं पर स्थित अबूझमाड़ जंगल क्षेत्र में हुई।
  • अभियान में चार जिलों की पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की टीमें शामिल थीं।
  • खुफिया इनपुट मिला था कि क्षेत्र में केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्य मौजूद हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,

“जब हमारी टीमें सर्च ऑपरेशन पर थीं, तभी माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में 27 उग्रवादी मारे गए।”

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: एक और बड़ी सफलता

  • यह मुठभेड़ “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” का हिस्सा थी।
  • अमित शाह ने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन के बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 54 नक्सली गिरफ्तार किए गए और 84 ने आत्मसमर्पण किया।
  • ऑपरेशन की अवधि 50 घंटे से ज्यादा रही।

माओवादियों को लगा बड़ा झटका

  • बसवराजू की मौत के बाद संगठन को नया नेता चुनना होगा।
  • वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आर. के. विज ने कहा कि यह माओवादी नेटवर्क को मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक दोनों स्तर पर कमजोर करेगा।

“जब शीर्ष नेता मारे जाते हैं, तो बाकी कैडर में असुरक्षा बढ़ जाती है,” – आरके विज

छत्तीसगढ़ सरकार का बयान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ऑपरेशन की सराहना की।
साय ने लिखा,

“कठिन भौगोलिक हालात और भारी चुनौतियों के बावजूद डीआरजी ने साहस और समर्पण से यह मिशन पूरा किया है।”

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि तलाशी अभियान 50 घंटे तक चला और यह बीजापुर के करेगुट्टा इलाके में हुए पिछले ऑपरेशन का अगला चरण था।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सराहना की

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बसवराजू के मारे जाने को ऐतिहासिक जीत बताया।
  • शाह ने कहा, “यह पहली बार है जब महासचिव स्तर का माओवादी मारा गया है।”
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुरक्षा बलों की सराहना की।

इंजीनियरिंग छात्र से माओवादी नेता तक

नंबाला केशव राव, जो कि नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड बन गया, मूलतः आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियान्नापेटा गांव का निवासी था। वह एक स्कूल शिक्षक का बेटा था और प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही ली।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि और रेडिकल झुकाव

  • हाईस्कूल के बाद तेक्काली जूनियर कॉलेज से इंटरमीडिएट किया।
  • बाद में एनआईटी वारंगल (तत्कालीन आरईसी) से बीटेक में दाखिला लिया।
  • कॉलेज में ही रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन से जुड़ गया, जो पीपुल्स वार ग्रुप का छात्र संगठन था।
  • 1984 में एमटेक छोड़कर पूर्णकालिक माओवादी बन गया।

रणनीतिक कौशल और युद्ध तकनीकें

बसवराजू की छवि एक चालाक और खतरनाक रणनीतिकार के रूप में थी। वह हमेशा एके-47 के साथ चलता था और उसका नाम कई बड़े हमलों से जुड़ा रहा।

गुरिल्ला युद्ध विशेषज्ञ

  • 1987 में अबूझमाड़ के जंगलों में एलटीटीई से गुरिल्ला प्रशिक्षण लिया।
  • हथियार डीलरों से नेटवर्क बनाए और विस्फोटक योजनाओं में माहिर था।
  • छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में सक्रिय था।

राजनीतिक हत्याओं और नरसंहारों का सूत्रधार

नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड बसवराजू की योजना पर आधारित कई नक्सली घटनाएं देश की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे चुकी हैं।

प्रमुख हमले जिनका वह मास्टरमाइंड था:

  • चिंतलनार हमला (2010): 74 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
  • अलीपीरी हमला (2003): तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को क्लेमोर माइन से निशाना बनाया गया।
  • झीरम घाटी हमला (2013): सलवा जुडूम के नेता महेंद्र कर्मा समेत 27 लोग मारे गए।
  • बालीमेला हमला (2008): आंध्र-ओडिशा सीमा पर ग्रेहाउंड्स पुलिस बल को निशाना बनाया गया।

माओवादी नेतृत्व में शीर्ष पर रहा

2018 में मुप्पला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति के पद छोड़ने के बाद बसवराजू को महासचिव बनाया गया। वह इससे पहले केंद्रीय सैन्य आयोग का सचिव था और माओवादी संगठन के सैन्य ढांचे का मुख्य मस्तिष्क था।

विचारधारा का कट्टर समर्थक

  • गणपति की तुलना में अधिक आक्रामक और सख्त विचारधारा का पालन करता था।
  • सशस्त्र संघर्ष को ही समाधान मानता था।

गांव से नाता टूट गया था

जियान्नापेटा गांव के स्थानीय लोगों के अनुसार, बसवराजू एक बार भी गांव नहीं लौटा। उसने न तो संपत्ति छोड़ी और न ही संपर्क बनाए। उसके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज थे, लेकिन उसकी कोई हालिया तस्वीर तक एजेंसियों के पास नहीं थी।

नक्सल गतिविधियों पर सरकारी डेटा

  • 1 दिसंबर 2023 से 20 मई 2025 तक 401 माओवादी मारे गए
  • 1,355 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया
  • बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं।
  • कुल 682 घटनाएं, 199 मुठभेड़ें, और 516 हथियार जब्त किए गए।
  • 214 जवान घायल और 87 नागरिकों की मौत हुई।

2026 तक नक्सल मुक्त भारत का लक्ष्य

  • अमित शाह ने दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक केंद्र सरकार देश से माओवाद का पूर्ण सफाया करना चाहती है।
  • सरकार की प्राथमिकता शांति, सुरक्षा और विकास है।

“मोदी सरकार माओवाद की जड़ें उखाड़ने को पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी जीत

नक्सल आंदोलन की रीढ़ माने जाने वाले बसवराजू का अंत माओवादी नेटवर्क के लिए एक गहरा झटका है। सुरक्षा बलों के लिए यह एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।

नक्सली हिंसा का मास्टरमाइंड का अंत

  • उसकी मौत के साथ माओवादी नेतृत्व में बड़ा शून्य पैदा हुआ है।
  • अबूझमाड़ जैसे क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों पर असर पड़ने की उम्मीद है।

क्रूर हिंसा के खिलाफ निर्णायक जीत

इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय सुरक्षा बल अब सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की नीति पर चल रहे हैं। बसवराजू की मौत से न केवल एक शीर्ष कमांडर खत्म हुआ, बल्कि एक पूरे नेटवर्क की कमर भी टूट गई

Spread the love

Post Comment

You May Have Missed