दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की रहस्यमय मौत के 5 साल बाद, उनके पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। याचिका में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे, अभिनेता सुराज पंचोली और डिनो मोरेया समेत कई लोगों के खिलाफ गैंगरेप, हत्या और साक्ष्य छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दिशा की मौत 8 जून 2020 को मलाड की एक इमारत से गिरने से हुई थी, जिसे पुलिस ने “आकस्मिक” बताया था।
“सामूहिक बलात्कार और हत्या” का दावा: क्या कहती है याचिका?
सतीश सालियान के अनुसार, दिशा की मौत से एक दिन पहले उसके घर पर हुई पार्टी में आदित्य ठाकरे मौजूद थे। याचिका में प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों का हवाला देते हुए दावा किया गया कि दिशा के साथ “सामूहिक बलात्कार, यौन उत्पीड़न और जबरन हत्या” की गई। हैरान करने वाला आरोप यह भी है कि दिशा के शव में एक भी फ्रैक्चर नहीं था और घटनास्थल पर खून के निशान गायब थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल: “राजनीतिक दबाव में बदला गया सच”
याचिका के मुताबिक, दिशा का पोस्टमार्टम 50 घंटे की देरी से हुआ, जबकि सुशांत का उसी दिन कर दिया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर यौन उत्पीड़न के सबूत मिटाए गए। सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक साक्ष्य भी नष्ट किए गए, ताकि “आत्महत्या का झूठा नैरेटिव” बनाया जा सके।
सुशांत केस से कनेक्शन: क्या है लिंक?
दिशा की मौत के ठीक 6 दिन बाद सुशांत सिंह राजपूत के निधन ने इस मामले को और गहरा रहस्य दिया। दोनों केस में सीबीआई जांच चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। याचिका में दावा है कि दोनों मौतों में “छिपे हाथ” और “राजनीतिक कनेक्शन” हो सकते हैं।
आदित्य ठाकरे का जवाब: “भाजपा की साजिश, अदालत में साबित करूंगा निर्दोष”
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इन आरोपों को “झूठा प्रोपेगैंडा” बताया और कहा कि भाजपा सरकार उन्हें बदनाम करने पर तुली है। उन्होंने ट्वीट किया, “5 साल से यही रिकॉर्ड बजा रहे हैं। अदालत में सच सामने आएगा।” वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, “अगर दोषी हैं, तो जेल भेजेंगे।”
महाराष्ट्र की सियासत: शिवसेना vs भाजपा की जंग का नया अध्याय
यह मामला महायुति गठबंधन और शिवसेना (यूबीटी) के बीच तनाव का नया बिंदु बन गया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने याचिका के “राजनीतिक मकसद” पर सवाल उठाते हुए कहा, “5 साल बाद याचिका? जनता जानती है यह औरंगजेब विवाद के बाद भाजपा का डायवर्शन है।”
क्या कहती है एसआईटी रिपोर्ट? जांच में देरी पर सवाल
2023 में महाराष्ट्र सरकार ने इस केस की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया, लेकिन अभी तक रिपोर्ट सामने नहीं आई। सतीश सालियान की याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई है, ताकि “न्याय में हो रही देरी” रुके।
न्याय की उम्मीद या राजनीति का खेल?
दिशा केस ने एक बार फिर महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर #JusticeForDishaSalian और #CBIInvestigationNow ट्रेंड कर रहा है। जनता की नज़रें अब अदालत और एसआईटी पर टिकी हैं, जो इस राजनीतिक-आपराधिक पहेली का हल कर सकते हैं।
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