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दिल्ली में कूड़ा शुल्क: घर-दुकान पर नई योजना!

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने शहर में कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करने और राजस्व बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। एमसीडी अब रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्तियों से “यूजर चार्ज” वसूलने जा रही है। इसके तहत मकानों के आकार और कमर्शियल प्रॉपर्टीज के प्रकार के आधार पर अलग-अलग शुल्क तय किए गए हैं।

क्या है नई योजना की मंसा ?

एमसीडी के अनुसार, यूजर चार्ज का उद्देश्य कूड़ा संग्रहण और निस्तारण पर होने वाले भारी खर्च की भरपाई करना है। नए नियमों के तहत:

  • 50 वर्गमीटर तक के घरों से ₹50 प्रति माह।
  • 50 से 200 वर्गमीटर वाले घरों से ₹100 प्रति माह।
  • 200 वर्गमीटर से बड़े घरों से ₹200 प्रति माह वसूला जाएगा।

वाणिज्यिक प्रॉपर्टीज जैसे ऑफिस, बैंक, कोचिंग सेंटर, क्लिनिक, गोदाम आदि के लिए शुल्क का स्तर उनकी कैटेगरी (जैसे थ्री स्टार या उससे ऊपर) के आधार पर तय होगा। साथ ही, स्ट्रीट वेंडर्स भी इसके दायरे में होंगे।

एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन 11,000 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकलता है, जिसके निस्तारण पर नगर निगम को हर साल 1,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने पड़ते हैं। 2011 की जनगणना के बाद से शहर की आबादी लगभग 3 करोड़ तक पहुँच चुकी है, जिससे कूड़ा प्रबंधन की चुनौती बढ़ी है।

एक वरिष्ठ एमसीडी अधिकारी ने बताया, “यूजर चार्ज से हमें सालाना 300-400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि सफाई कर्मचारियों के वेतन और नई टेक्नोलॉजी में निवेश भी हो सकेगा।”

जुर्माने का प्रावधान

शुल्क न चुकाने वालों पर प्रति माह 10% अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। साथ ही, लगातार भुगतान न करने पर संपत्ति सेवाओं (जैसे कूड़ा उठाना) को रोका भी जा सकता है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और चुनौतियाँ

इस योजना पर आम जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित है। कुछ नागरिकों का कहना है कि “यह शुल्क छोटा है, लेकिन सेवाओं में सुधार होना चाहिए।” वहीं, स्ट्रीट वेंडर्स संघ ने इसे “छोटे व्यवसायियों पर बोझ” बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप है, लेकिन पारदर्शिता और जनसहभागिता जरूरी है।

अन्य शहरों से तुलना

मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में पहले से ही कूड़ा शुल्क लागू है। दिल्ली में यह व्यवस्था नागरिकों को कूड़ा कम करने और रिसाइक्लिंग के प्रति जागरूक करने में मददगार साबित हो सकती है।

एमसीडी ने इस योजना को अगले महीने से लागू करने का लक्ष्य रखा है। नागरिकों से आग्रह है कि वे शुल्क का समय पर भुगतान करें और स्वच्छता अभियान में सहयोग दें।

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