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नीलांबुर उपचुनाव किशोर की मौत बनी चुनावी मुद्दा, कांग्रेस-CPM आमने-सामने

नीलांबुर उपचुनाव

नीलांबुर उपचुनाव से ठीक पहले, केरल के मलप्पुरम जिले में एक दुखद घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। वझिक्कादवु में एक 15 वर्षीय छात्र अनंथु सुरेश, जिसे जीतू भी कहते थे, की दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना 7 जून 2025, शनिवार शाम को हुई।

  • अनंथु जंगली सूअरों को मारने के लिए बिछाए गए एक अवैध बिजली के जाल के संपर्क में आ गया।
  • वह क्राइस्ट किंग हायर सेकेंडरी स्कूल, मनिमूली में 10वीं का छात्र था।
  • वह उस समय अपने चचेरे भाइयों के साथ मछली पकड़ने गया था।

पुलिस के अनुसार, अनंथु की मौत एक ओवरहेड सरकारी केबल से चोरी की गई बिजली के तार से हुई। उसके चचेरे भाई यदुकृष्णन (25) और शानू (24) उसे बचाने की कोशिश में घायल हो गए।

मुख्य बिंदु :

  1. 15 वर्षीय छात्र अनंथु की अवैध बिजली जाल से मौत ने केरल को झकझोरा
  2. मछली पकड़ते समय बिजली के तार से झुलसा, दो रिश्तेदार भी गंभीर रूप से घायल
  3. वन्यजीवों से संघर्ष के चलते ग्रामीणों ने लगाए थे खतरनाक बिजली जाल
  4. कांग्रेस ने मौत को बताया ‘सरकार प्रायोजित हत्या’, विरोध मार्च और गिरफ्तारी की मांग
  5. वन मंत्री बोले – यह विपक्ष की राजनीतिक साजिश, सरकार पर आरोप निराधार
  6. पीवी अनवर के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर अब बहुकोणीय मुकाबला तय
  7. केएसईबी ने हादसे की जिम्मेदारी नकारते हुए अवैध बिजली दोहन को बताया कारण

कानूनी कार्रवाई और जांच का दायरा

अनंथु की मौत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। नीलांबुर के पुलिस उपाधीक्षक साजू के अब्राहम ने जानकारी दी। उन्होंने अवैध रूप से बिजली का जाल बिछाने वाले आरोपी विनेश को गिरफ्तार किया है।

  • यह मामला गैर इरादतन हत्या (बीएनएस की धारा 105 के तहत) में दर्ज हुआ है।
  • एक अन्य व्यक्ति कुंजुमुहम्मद को भी हिरासत में लिया गया है।
  • पड़ोसियों ने पहले भी विनेश पर ऐसे जाल बिछाने का आरोप लगाया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि अनंथु के पेट पर बिजली के झटके के कारण चोटें थीं। पुलिस विनेश के फोन कॉल लिस्ट की जांच कर रही है। यह अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए हो रहा है, खासकर जंगली सूअर का मांस बेचने के धंधे में।

मानव-पशु संघर्ष: एक बड़ा मुद्दा

नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से मानव-पशु संघर्ष एक चुनौती रहा है। जंगली जानवरों, विशेषकर हाथियों और जंगली सूअरों का कृषि भूमि में घुसना आम है। यह घटना इस गंभीर समस्या को उजागर करती है।

  • केरल सरकार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को “राज्य-विशिष्ट आपदा” घोषित किया है।
  • सरकार ने केंद्र से खतरनाक जानवरों को मारने की अनुमति मांगी है।
  • स्थानीय निकायों को जंगली सूअरों को मारने का अधिकार दिया गया है।

पिछले तीन वर्षों में लगभग 5,000 जंगली सूअर मारे गए हैं। सरकार ने इस संघर्ष को कम करने के लिए बजट भी बढ़ाया है।

राजनीतिक खींचतान: श्रेय और आरोप

इस दुखद घटना के बाद कांग्रेस ने कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी का श्रेय भी लिया। यूडीएफ उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया। शौकत ने कहा कि अनंथु की मौत इस क्षेत्र में अनियंत्रित जंगली जानवरों के खतरे का शिकार है। उन्होंने इसे नीलांबुर उपचुनाव का मुख्य मुद्दा बनाने की बात कही। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शौकत का समर्थन किया। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।

  • शौकत ने अनंथु की मौत को “सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या” बताया।
  • उन्होंने राज्य सरकार पर प्रशासनिक मिलीभगत का आरोप लगाया।
  • उनका कहना था कि केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) की जानकारी में ऐसे जाल बिछाए जा रहे हैं।

वन मंत्री का ‘राजनीतिक साजिश’ का दावा

वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने इस मामले को “राजनीतिक साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा कि वन विभाग अब बिजली के ऐसे बाड़ नहीं लगाता। उनका आरोप था कि इसे उपचुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए लगाया गया।

  • मंत्री ने कहा कि यह एक निजी संपत्ति पर हुआ।
  • उन्होंने सरकार को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया।
  • ससीन्द्रन ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया।

सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने भी मंत्री का समर्थन किया। उन्होंने आरोपी के कॉल डिटेल की जांच की मांग की। गोविंदन ने कहा कि यह एक “राजनीतिक साजिश” हो सकती है।

लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) का पलटवार और चुनावी गणित

सत्ताधारी एलडीएफ ने विपक्ष पर इस त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। सीपीएम उम्मीदवार एम स्वराज ने इसे “मानवीय क्षति के बावजूद राजनीतिक अवसरवाद” कहा। नीलांबुर उपचुनाव में अब यह घटना एक बड़ा मुद्दा बन गई है। पीवी अनवर, जो पहले एलडीएफ समर्थित निर्दलीय विधायक थे, ने जनवरी 2024 में इस्तीफा दिया था। उनकी वजह से ही उपचुनाव हो रहा है, और वह अब तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर चुके हैं।

  • मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एम स्वराज को “स्वच्छ छवि” वाला उम्मीदवार बताया।
  • विजयन ने एलडीएफ सरकार की नौ साल की उपलब्धियों को गिनाया।
  • उन्होंने जनता से स्वराज का समर्थन करने का आग्रह किया।

विपक्षी नेता की आलोचना और अन्य दलों की भूमिका

विपक्षी नेता वी.डी. सतीसन ने वन मंत्री ससीन्द्रन की तीखी आलोचना की। उन्होंने मंत्री के शब्दों को “घृणित” बताया। सतीसन ने कहा कि मंत्री अपनी कुर्सी पर रहने के लायक नहीं हैं।सतीसन ने जंगली जानवरों के हमलों को नियंत्रित करने में सरकार की विफलता का आरोप लगाया।

  • उन्होंने एमवी गोविंदन की आलोचना की, क्योंकि उन्होंने मंत्री का समर्थन किया।
  • बीजेपी ने भी इस उपचुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

बीजेपी ने एक ईसाई उम्मीदवार एडवोकेट मोहन जॉर्ज को मैदान में उतारा है। यह पार्टी की केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंच बनाने की रणनीति का हिस्सा है। इस प्रकार, नीलांबुर उपचुनाव एक बहुकोणीय मुकाबला बन गया है।

केएसईबी का बयान और भविष्य की दिशा

केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) ने एक आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घातक दुर्घटना बिजली के अनधिकृत दोहन के कारण हुई। इसमें इन्सुलेशन रहित तार इस्तेमाल किए गए थे।

  • बयान में कहा गया कि अस्थायी उपकरणों का उपयोग हुआ था।
  • मछली पकड़ने वाले लड़के इन तारों के संपर्क में आ गए।
  • केएसईबी ने अपनी तरफ से किसी भी लापरवाही से इनकार किया।

नीलांबुर उपचुनाव 19 जून 2025 को होगा और मतगणना 23 जून 2025 को होगी।

इन्सुलेशन रहित तार: जानलेवा लापरवाही की एक बड़ी वजह

इन्सुलेशन रहित तारों का उपयोग ग्रामीण इलाकों में एक आम लेकिन खतरनाक चलन बन चुका है। ऐसे तारों में बिजली का सीधा संपर्क रहता है, जिससे छूते ही करंट लग सकता है। नीलांबुर उपचुनाव से पहले जो घटना हुई, उसमें भी यही लापरवाही सामने आई। अवैध रूप से खेतों में जंगली सूअरों को भगाने के लिए इन्सुलेशन रहित तारों को बिजली से जोड़ा गया। इन तारों में कोई रबर या प्लास्टिक कोटिंग नहीं थी जो बिजली के झटके से बचाती।

यह तकनीकी रूप से प्रतिबंधित और कानूनन अपराध है, क्योंकि:

  • इससे बिना चेतावनी जानलेवा करंट फैल सकता है
  • जानवरों के साथ-साथ मानव जीवन भी खतरे में पड़ता है
  • बिजली चोरी के तहत मामला दर्ज हो सकता है
  • केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) ने भी इस तरीके को पूरी तरह अस्वीकार किया है

अनंथु सुरेश की मौत इसी वजह से हुई, जब वह मछली पकड़ते हुए गलती से तार के संपर्क में आ गया। बिजली सीधे उसके शरीर में प्रवाहित हो गई क्योंकि तार में कोई सुरक्षा परत (इन्सुलेशन) नहीं थी। इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में बिजली सुरक्षा जागरूकता और निगरानी की कमी को भी उजागर कर दिया है।

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