नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन से भारत-पाक में बढ़ा युद्ध जैसा माहौल

नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान की ओर से LOC पर की गई गोलाबारी में अब तक 13 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 59 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से 44 केवल पुंछ जिले से हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी साझा की।
इस बार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा से सटे चार अलग-अलग सेक्टरों में तोपखानों का इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। उसी के बाद से नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना आतंकी गतिविधियों को कवर देने के लिए संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है।
मुख्य बिंदु:
- नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन में 13 नागरिकों की मौत।
- कुल 59 लोग घायल, जिनमें 44 केवल पुंछ जिले से।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
- पाकिस्तानी सेना ने चार सेक्टरों में की तोपों से गोलाबारी।
- भारत की सेना ने दिया करारा जवाब।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सभी 13 मौतें पुंछ जिले में हुईं, जो सीमा के समीप स्थित है। पाकिस्तान की यह कार्रवाई 2021 के संघर्ष विराम समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। जनवरी 2025 से अब तक पाकिस्तान ने करीब 15 बार इस समझौते को तोड़ा है।
इतिहास और सामरिक विश्लेषण:
फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए एक संघर्ष विराम समझौता किया था। इसके तहत दोनों पक्ष किसी भी तरह की गोलाबारी से परहेज करेंगे। लेकिन 2025 की शुरुआत से पाकिस्तान की ओर से इस समझौते का बार-बार उल्लंघन हो रहा है। पहले जो घटनाएं सीमित और संचार चैनलों से सुलझाई जाती थीं, अब वे बहु-सीमावर्ती गोलाबारी में बदल चुकी हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और रणनीतिक जवाब:
भारत सरकार ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन जारी रहा, तो भारतीय सेना अपनी कार्यवाही और तेज करेगी। रक्षा मंत्रालय के उच्च अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है और किसी भी हमले का दुगुना जवाब देने में सक्षम है।
स्थानीय स्थिति और नागरिक प्रतिक्रिया:
पुंछ और राजौरी जैसे सीमावर्ती जिलों में डर और अस्थिरता का माहौल है। कई गांवों में लोग अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने और आपातकालीन मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की स्थिति:
हालांकि अभी तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं किया है, लेकिन भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यह मुद्दा उठाने की योजना बना रहा है। भारत यह स्पष्ट करना चाहता है कि पाकिस्तान न केवल संघर्ष विराम तोड़ रहा है, बल्कि आतंकियों को सहायता भी प्रदान कर रहा है।
नियंत्रण रेखा संघर्ष उल्लंघन ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति की संभावनाओं को चुनौती दी है। भारत की जवाबी कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि अब वह आतंक और उल्लंघनों के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा।
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