ओला इलेक्ट्रिक पर मंडराता संकट: पेमेंट डिफ़ॉल्ट, बिक्री आंकड़ों में उलझन और उपभोक्ता शिकायतें

- 20 करोड़ के भुगतान विवाद में फंसी ओला इलेक्ट्रिक
इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में छाई ओला इलेक्ट्रिक इन दिनों कानूनी और वित्तीय उलझनों से जूझ रही है। हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज ने ओला पर 18-20 करोड़ का भुगतान न करने का आरोप लगाते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में केस दर्ज किया है। रोसमेर्टा का दावा है कि ओला ने 2021 से 2023 के बीच वाहन पंजीकरण और HSRP प्लेट सेवाओं का भुगतान नहीं किया। ओला ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ेगी।
- रोसमेर्टा डिजिटल कौन है और क्यों है यह मामला अहम?
रोसमेर्टा डिजिटल, रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज ग्रुप की सहयोगी कंपनी, सरकारी मान्यता प्राप्त एजेंसी है जो वाहनों के लिए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) तैयार करती है। यह कंपनी देशभर में वाहन पंजीकरण प्रक्रिया से भी जुड़ी हुई है। रोसमेर्टा का आरोप है कि ओला ने प्रति वाहन 200-250 के हिसाब से भुगतान में देरी की, जो 2 साल में करोड़ों रुपये के ऋण में बदल गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह विवाद EV उद्योग में बढ़ते वेंडर-कंपनी टकराव को उजागर करता है।
- VAHAN पोर्टल vs ओला: बिक्री आंकड़ों में बड़ा अंतर
ओला इलेक्ट्रिक के बिक्री दावों और सरकारी आंकड़ों के बीच गहरा अंतर सामने आया है। फरवरी 2024 में, ओला ने 25,000 से अधिक स्कूटर बेचने का दावा किया, लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय के VAHAN पोर्टल पर केवल 8,647 वाहनों का पंजीकरण दर्ज हुआ। मार्च में यह अंतर और बढ़ गया: ओला के 25,000+ के दावे के मुकाबले VAHAN पर सिर्फ 5,208 रजिस्ट्रेशन दिखे।
ओला का पक्ष: कंपनी का कहना है कि वह पंजीकरण एजेंसियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पुनर्गठन कर रही थी, जिससे VAHAN पर डेटा अपडेट में देरी हुई। हालांकि, विश्लेषकों को संदेह है कि यह अंतर इन्वेंटरी प्रबंधन या डीलरशिप समस्याओं का संकेत हो सकता है।
- CCPA की जांच: उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतें
ओला की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कंपनी के खिलाफ 10,000 से अधिक शिकायतों की जांच शुरू की है। इनमें बैटरी खराबी, स्कूटर में अचानक ब्रेक फेल होना, सॉफ्टवेयर गड़बड़ियां, और झूठे विज्ञापनों के आरोप शामिल हैं। सोशल मीडिया पर #OlaElectricScam और #OlaCustomerCare जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
उपभोक्ता सर्वे (LocalCircles):
- 34% उपयोगकर्ताओं ने ओला की सर्विस क्वालिटी को “खराब” बताया।
- 28% ने बैटरी परफॉर्मेंस से असंतोष जताया।
- ओला का भविष्य: IPO, इलेक्ट्रिक कार और चुनौतियां
इन सबके बीच, ओला इलेक्ट्रिक अपने $7 बिलियन के IPO और 2024 में इलेक्ट्रिक कार लॉन्च की तैयारी कर रही है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कानूनी विवाद और उपभोक्ता असंतोष कंपनी की योजनाओं में बाधा बन सकते हैं।
मुख्य चुनौतियां:
- निवेशक भरोसा: IPO से पहले वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल।
- प्रतिस्पर्धा: अथर एनर्जी, TVS, और बजाज जैसी कंपनियों का बढ़ता दबाव।
- ग्लोबल एक्सपांशन: यूरोप और लैटिन अमेरिका में बाजार पकड़ने की कोशिश।
CEO बाविश अग्रवाल का बयान:
“हम भारत को ग्लोबल EV हब बनाने के मिशन पर काम कर रहे हैं। इन चुनौतियों को हल करने के लिए टीम प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष: EV उद्योग के लिए सबक
ओला इलेक्ट्रिक का यह संकट पूरे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए एक सबक है। तेज ग्रोथ के दौरान सप्लाई चेन प्रबंधन, उपभोक्ता विश्वास, और वित्ती अनुशासन पर ध्यान देना जरूरी है। अगर ओला इन मोर्चों पर सुधार करती है, तो वह भारत की EV क्रांति का नेतृत्व कर सकती है। नहीं तो, प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।
राजेश सिंह
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