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ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारतीय वापसी 1,428 की सुरक्षित निकासी

ईरान से भारतीय वापसी

ईरान से भारतीय वापसी के तहत भारत सरकार ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी जारी रखी है। शनिवार को 311 भारतीय नागरिक ईरान के मशहद शहर से विशेष उड़ान के ज़रिए नई दिल्ली पहुंचे। यह उड़ान ऐसे समय पर संचालित की गई जब अमेरिका द्वारा ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमले के बाद पूरा क्षेत्र अत्यधिक तनाव में है।भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने रविवार को जानकारी दी कि अब तक कुल 1,428 भारतीयों को ईरान से वापस लाया जा चुका है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा :

“ऑपरेशन सिंधु जारी है। 311 भारतीय नागरिक 22 जून को 16:30 बजे मशहद से विशेष उड़ान से दिल्ली पहुंचे। अब तक 1,428 भारतीय स्वदेश लौटे हैं।”

मुख्य बिंदु :

  1. भारत ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से 1,428 नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाया।
  2. 22 जून को मशहद से विशेष विमान द्वारा 311 भारतीय नई दिल्ली सुरक्षित पहुंचाए गए।
  3. निकाले गए लोगों में 200 से अधिक छात्र जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों से थे।
  4. जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने MEA और सरकार को त्वरित निकासी के लिए धन्यवाद दिया।
  5. भारत ने नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी मानवीय आधार पर निकाला है।
  6. ईरान ने भारत के लिए चार्टर्ड उड़ानों हेतु हवाई क्षेत्र प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाया।
  7. ईरान-अमेरिका तनाव के बीच भारत ने तेजी से निकासी कर वैश्विक जिम्मेदारी निभाई।

कश्मीरी छात्रों की सुरक्षित वापसी

मशहद से लौटे नागरिकों में बड़ी संख्या में छात्र हैं, जिनमें 200 से अधिक कश्मीर से हैं। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने भी सरकार के इस निरंतर अभियान की सराहना करते हुए कहा:

  • “यह उन सैकड़ों परिवारों के लिए बहुत राहत का क्षण है जो चिंता में थे।”
  • “हम MEA और सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हमारे छात्र सुरक्षित लौटें।”

संघ के अनुसार, “महान एयर की फ्लाइट W50071A मशहद से उड़कर 280 से अधिक छात्रों को लेकर दिल्ली उतरी।” यह विशेष उड़ान भारत सरकार द्वारा निकासी मिशन के तहत भेजी गई थी।

निकासी का अंतर्राष्ट्रीय दायरा

भारत न सिर्फ अपने नागरिकों की वापसी सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी सहायता प्रदान कर रहा है। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने घोषणा की कि नेपाल और श्रीलंका के निवासियों को भी भारत सरकार द्वारा निकाला जाएगा। यह निर्णय संबंधित देशों के अनुरोध पर लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने इसे “मानवीय कर्तव्य” बताया है और कहा कि किसी भी जरूरतमंद को, चाहे वह भारतीय हो या मित्र राष्ट्र का नागरिक, सहायता देने से भारत पीछे नहीं हटेगा।

चार्टर्ड उड़ानों से वापसी की रणनीति

ईरान ने शुक्रवार को विशेष रूप से भारत के लिए तीन चार्टर्ड उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर से प्रतिबंध हटा दिए। इसके बाद भारत ने कई दिशाओं से नागरिकों की निकासी शुरू की। अब तक जो प्रमुख उड़ानें संचालित की गईं, वे इस प्रकार हैं:

तारीखस्थाननागरिकएयरलाइन
20 जूनमशहद290महान एयर
21 जूनमशहद310महान एयर
22 जूनमशहद311महान एयर
22 जूनअश्गाबातसंख्या उपलब्ध नहींचार्टर्ड

इसके अतिरिक्त एक उड़ान आर्मेनिया के येरेवन शहर से भी संचालित की गई थी। यह उड़ानें ज़रूरी थीं क्योंकि पारंपरिक उड़ानों पर सुरक्षा खतरा बना हुआ था।

क्षेत्रीय संकट और भारत की तत्परता

ईरान और इज़राइल के बीच बीते एक सप्ताह से सैन्य हमलों का दौर जारी है। अब अमेरिका के शामिल होने से हालात और गंभीर हो गए हैं। अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फ़हान और फ़ोर्डो परमाणु ठिकानों पर बमबारी की है। इसके बाद फारस की खाड़ी में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। इस स्थिति में ईरान से भारतीय वापसी केवल एक कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि मानवीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत आवश्यक बन गया था। भारत सरकार ने इस खतरे को तुरंत पहचाना और ऑपरेशन सिंधु के तहत तीन दिन में 1,428 नागरिकों को सुरक्षित निकाला।

भारत सरकार द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंधु, केवल एक निकासी नहीं बल्कि एक संपूर्ण राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है। छात्रों, कामगारों और यात्रियों को बिना देर किए वापस लाने की कार्यशैली ने भारत की वैश्विक मानवीय भूमिका को और मजबूत किया है। सरकार ने दिखाया है कि चाहे विदेश हो या संकट, भारतीय नागरिक कभी अकेले नहीं हैं।

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