ऑपरेशन सिंदूर जासूसी : भारतीय नौसेना कर्मचारी की गिरफ्तारी

भारतीय नौसेना के एक कर्मचारी की गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। ऑपरेशन सिंदूर जासूसी मामले में नौसेना मुख्यालय में तैनात विशाल यादव को पकड़ा गया है। उस पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी का आरोप है।
- विशाल यादव, हरियाणा का निवासी है, और नौसेना मुख्यालय में अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) के पद पर तैनात था।
- उसे राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने महीनों की निगरानी के बाद हिरासत में लिया।
मुख्य बिंदु :
- नौसेना क्लर्क विशाल यादव को पाकिस्तानी महिला से संवेदनशील जानकारी साझा करते हुए पकड़ा गया।
- फेसबुक और गेमिंग के जरिए ‘प्रिया शर्मा’ बनी महिला ने यादव को फँसाया।
- क्रिप्टोकरेंसी और बैंक खातों में मिला ₹2 लाख से अधिक का भुगतान सामने आया।
- यादव ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी खुफिया जानकारी टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर साझा की।
- मोबाइल की फोरेंसिक जांच में वर्षों की चैट्स और डेटा ट्रांसफर का खुलासा हुआ।
- इस केस की कड़ियाँ 2022 में गिरफ्तार मीना के नेटवर्क से जुड़ती पाई गईं।
- सुरक्षा एजेंसियों ने सोशल मीडिया पर सतर्कता और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना की अपील की।
प्रिया शर्मा का हनीट्रैप: ऑनलाइन गेमिंग से हुआ शिकार
विशाल यादव कथित तौर पर एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर के जाल में फँस गया। यह महिला खुद को ‘प्रिया शर्मा’ बताती थी। उसने फेसबुक के जरिए यादव से दोस्ती की।
- बाद में उनकी बातचीत व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर हुई, जो एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म हैं।
- यादव ऑनलाइन गेमिंग का आदी था और उसे वित्तीय नुकसान हुआ था।
महिला हैंडलर ने उसे पैसों का लालच दिया। पहले छोटे भुगतान किए गए, फिर अधिक संवेदनशील जानकारी के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस के अनुसार, उसे कुल लगभग ₹2 लाख मिले।
- यह भुगतान क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग खातों और सीधे उसके बैंक खातों में हुआ।
- विशाल यादव की इस आदत का फायदा उठाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीय जानकारी हुई लीक
विशाल यादव पर नौसेना के संचालन की गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप है। इसमें अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं भी शामिल हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर जासूसी के दौरान भी जानकारी साझा की।
- ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का सैन्य अभियान था।
- यह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हुआ था।
यादव के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच हुई है। इससे कई वर्षों के संचार और डेटा ट्रांसफर का पता चला है।
- चैट और दस्तावेज़ों से संवेदनशील जानकारी के आदान-प्रदान के सबूत मिले हैं।
- इसमें ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी शामिल है।
जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़: रवि प्रकाश मीना से जुड़ी कड़ी
विशाल यादव की गिरफ्तारी एक बड़े जासूसी नेटवर्क की कड़ी है। यह मामला रवि प्रकाश मीना से जुड़ा है, जिसे 2022 में गिरफ्तार किया गया था। मीना रक्षा मंत्रालय के सेना भवन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था।
- मीना को भी अपने पाकिस्तानी हैंडलर से क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भुगतान मिला था।
- मीना के क्रिप्टोकरेंसी चैनल पर नज़र रखने से यादव का पता चला।
यादव को दो साल से अधिक समय तक निगरानी में रखा गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद जांच तेज हो गई है।
- यह गिरफ्तारी निरंतर निगरानी और समय पर की गई कार्रवाई का परिणाम है।
- पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क कमजोर व्यक्तियों को निशाना बना रहे हैं।
राष्ट्रव्यापी कार्रवाई: कई गिरफ्तारियां, जनता से अपील
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क पर कार्रवाई तेज हुई है। भारत भर में कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शकूर खान (राजस्थान) और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (हरियाणा) भी शामिल हैं।
- ज्योति मल्होत्रा भी नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी के संपर्क में थी।
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी वह सक्रिय थी।
भारत ने दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ कर्मचारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया है। यादव से जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में विभिन्न खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है। ऑपरेशन सिंदूर जासूसी से जुड़े इस मामले में लीक हुई जानकारी की सीमा का पता लगाया जा रहा है।
- सुरक्षा एजेंसियों ने जनता से सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की अपील की है।
- किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत देने को कहा गया है।
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