ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक में विपक्ष का समर्थन, 100 आतंकी मारे गए

ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने दिया पूरा समर्थन। बैठक में विपक्ष ने स्पष्ट किया कि वे आतंकवाद के विरुद्ध सरकार के साथ खड़े हैं। बुधवार को पाकिस्तान और पीओके में हुए सटीक सैन्य हमलों के बाद सरकार ने विपक्षी नेताओं को बुलाकर ऑपरेशन की जानकारी साझा की।
मुख्य जानकारी और बिंदु:
- मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी मुख्यालयों पर हमले
- लश्कर और जैश के शिविरों का विनाश
- राजनाथ सिंह ने कहा – “हम जवाबी कार्रवाई को तैयार हैं”
- राहुल गांधी बोले – “हमने पूरा समर्थन दिया है”
- 100 आतंकियों के मारे जाने की सूचना दी गई
सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई :
बुधवार सुबह भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पीओके और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक में विपक्ष को बताया गया कि यह कार्रवाई सीमित, सटीक और गैर-उत्तेजक थी।
लक्ष्य ऐसे शिविर थे जहां 26/11 हमलों में शामिल आतंकियों को प्रशिक्षण मिला था। इसके अलावा, हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल लॉन्चपैड भी ध्वस्त किए गए।
राजनाथ सिंह की चेतावनी: हमला हुआ तो जवाब मिलेगा
रक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन हमला हुआ तो कड़ा जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और इसलिए कुछ तकनीकी जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
सरकार के पास इस बात के प्रमाण हैं कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान की डीप स्टेट की भूमिका थी।
इस्लामाबाद ने हालांकि इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
विपक्ष का समर्थन :
- राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है और सरकार को पूरा समर्थन देता है।
- उन्होंने सरकार के इस कदम की सराहना की कि ऑपरेशन से पहले और बाद में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई।
- कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अहम बैठक में अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।
- उन्होंने कहा, “यह संकट का समय है, आलोचना का नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री को उपस्थित रहना चाहिए था।”
रिजिजू बोले – यह राजनीति का समय नहीं :
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने परिपक्वता दिखाई है। उन्होंने कहा, “हम सरकार चलाने के लिए हैं, सिर्फ बनाने के लिए नहीं।” रिजिजू ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक में सभी नेताओं ने एकमत होकर सरकार और सेना की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी बताया कि यह एक जारी ऑपरेशन है और इसलिए विवरण सीमित रूप से साझा किया गया है।
ऐतिहासिक संदर्भ और आतंकी ठिकानों की जानकारी :
मुरीदके में लश्कर का मुख्यालय वह स्थान है जहाँ डेविड हेडली और अजमल कसाब जैसे आतंकी प्रशिक्षित हुए थे।
बहावलपुर में जैश का ठिकाना वर्षों से भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर में रहा है। पहलगाम हमला भारतीय सुरक्षा बलों को सीधे चुनौती देने की एक बड़ी कोशिश थी। सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उसी चुनौती का जवाब देने का प्रयास किया है।
राजनीतिक एकता से मिला बल :
- ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर देश एकमत है।
- सभी दलों ने राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर सरकार के फैसले का समर्थन किया है।
- ऐसे समय में जब सीमा पार से आतंकी हमले बढ़ रहे हैं, यह राष्ट्रीय एकता एक सशक्त संदेश देती है।
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