पाक जनरल का बयान : भारत-पाक रिश्तों में नया तनाव

सेना प्रमुख की विवादास्पद टिप्पणी से बढ़ा तनाव :
नई दिल्ली : पाक जनरल का बयान विदेश में बसे पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए आया, जिसमें उन्होंने कश्मीर को “गले की नस” बताया। जनरल असीम मुनीर ने प्रवासी पाकिस्तानियों से कहा कि वे अपने बच्चों को पाकिस्तान की “असली कहानी” जरूर बताएं। उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत का बचाव करते हुए कहा कि मुसलमान और हिंदू जीवन के हर पहलू में अलग हैं।
पाक जनरल का बयान भारत विरोधी एजेंडा :
जनरल मुनीर ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को कभी नहीं भूलेगा और कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में समर्थन देता रहेगा। उन्होंने बलूचिस्तान पर भी बात करते हुए कहा कि “बलूचिस्तान पाकिस्तान का गौरव है” और आतंकवादी दस पीढ़ियों में भी इसे नहीं छीन सकते।
उन्होंने कहा, “13 लाख भारतीय सैनिक हमें डरा नहीं सके, तो आतंकवादी कैसे पाकिस्तान की नियति छीन सकते हैं?” यह बयान भारत के खिलाफ सैन्य तेवर और पाकिस्तान के कट्टर रुख को दर्शाता है।
प्रमुख बिंदु :
- जनरल मुनीर ने कश्मीर को “गले की नस” बताया।
- बलूचिस्तान में आतंकवादियों पर सख्त कार्रवाई का संकेत दिया।
- प्रवासी पाकिस्तानियों से कहा कि वे अगली पीढ़ी को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं।
- भारत की सेना का नाम लेकर कहा, “वे हमें डरा नहीं सकते।”
- दो-राष्ट्र सिद्धांत को फिर से वैचारिक आधार बताया।
भारत की प्रतिक्रिया और विश्लेषण :
- भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,”पाक जनरल का बयान भारत को वैश्विक मंच पर बदनाम करने की साजिश है।”
उन्होंने कहा कि यह बयान वक्फ अधिनियम में बदलाव और भारत में मुस्लिम समुदाय को लेकर झूठे नैरेटिव फैलाने की रणनीति का हिस्सा है।
- एक पत्रकार से बात करते हुए एक सरकारी अधिकारी ने कहा,
“मुनीर अपने देश की असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए यह धार्मिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं।”
ऐतिहासिक संदर्भ और समान घटनाएं :
1947 में जब भारत का विभाजन हुआ था, तब जिन्ना द्वारा प्रस्तुत दो-राष्ट्र सिद्धांत को ही पाकिस्तान की नींव माना गया। जनरल मुनीर उसी सिद्धांत को दोबारा जिंदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।
इससे पहले भी पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख इस तरह के विवादास्पद बयान देते रहे हैं, खासकर जब देश में आंतरिक संकट या राजनीतिक अस्थिरता होती है।
कानूनी और राजनीतिक विश्लेषण :
हालांकि अभी तक भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन जानकार मानते हैं कि जल्द प्रतिक्रिया आ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका विरोध किया जाना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :
- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा,
“पाकिस्तान के सेना प्रमुख को अपने देश की बर्बादी की चिंता करनी चाहिए, न कि भारत को लेकर जहर उगलना।” - सेवानिवृत्त भारती लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा,
“यह बयान पाकिस्तान की आतंरिक विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।”
पाक जनरल का बयान भारत-पाक संबंधों में एक और तनावपूर्ण मोड़ है। यह बयान न केवल कूटनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन है, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए भी खतरा है।
इससे साफ है कि पाकिस्तान अभी भी भारत विरोधी नैरेटिव को अपने राजनीतिक अस्तित्व का आधार बनाए हुए है।
Post Comment