पुणे बलात्कार कांड में नया मोड़ आरोपी निकला पुराना जानकार,जांच में खुलासा

पुणे बलात्कार कांड में एक अप्रत्याशित मोड़ आया है। एक 22 वर्षीय आईटी पेशेवर के साथ कथित बलात्कार के मामले में पुलिस की शुरुआती जांच ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। महिला ने पहले एक कूरियर डिलीवरी एजेंट पर बलात्कार का आरोप लगाया था। लेकिन अब सामने आया है कि आरोपी उसका परिचित ही था। यह मामला अब पुलिस के लिए भी एक चुनौती बन गया है।
- पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने इस संवेदनशील मामले पर जानकारी दी।
- उन्होंने बताया कि आरोपी और शिकायतकर्ता एक-दूसरे को लगभग एक साल से जानते थे।
मुख्य बिंदु :
- पहले कूरियर बताकर लगाया आरोप, बाद में निकला पुराना परिचित और पेशेवर मित्र।
- शिकायत में जबरन घुसने का दावा झूठा, फ्लैट में प्रवेश सहमति से हुआ था।
- पीड़िता द्वारा बताई गई बेहोशी की कहानी और पदार्थ का छिड़काव संदिग्ध निकला।
- धमकी भरा मैसेज खुद जोड़ा गया, सेल्फी भी दोनों की सहमति से ली गई थी।
- पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालकर तथ्यात्मक जांच की पुष्टि की।
- शिकायतकर्ता का बयान विरोधाभासी निकला, मानसिक स्थिति को लेकर भी संदेह उठे।
- पुलिस ने जताई चिंता, झूठे मामले असली पीड़ितों की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाते हैं।
दावों पर सवाल: जबरन प्रवेश या सहमति?
पीड़िता ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि एक डिलीवरी एग्जीक्यूटिव ने कूरियर बैंक दस्तावेज देने के बहाने उसके फ्लैट में प्रवेश किया। उसने आरोप लगाया था कि आरोपी ने पेन लाने के लिए कहकर दरवाजा बंद कर दिया। फिर उसके चेहरे पर कोई पदार्थ छिड़ककर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद उसके साथ बलात्कार किया गया। हालांकि, पुलिस की जांच में ये दावे संदिग्ध पाए गए हैं। अपार्टमेंट में कोई जबरन प्रवेश नहीं हुआ था। सेल्फी उसकी सहमति से उसके फोन पर ली गई थी। उस पर कोई पदार्थ नहीं छिड़का गया था।
- शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि वह व्यक्ति डिलीवरी एग्जीक्यूटिव नहीं था।
- बल्कि वह 25 वर्षीय व्यक्ति था जिसे वह लगभग एक साल से जानती थी।
सेल्फी और धमकी भरे संदेश का रहस्य
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि जब वह बेहोश थी तो हमलावर ने उसके फोन पर सेल्फी ली। उस पर एक धमकी भरा संदेश छोड़ा था। संदेश में लिखा था, “मैं फिर आऊंगा।” पुलिस ने इस बिंदु पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। पुलिस को पता चला कि सेल्फी दोनों की सहमति से ली गई थी। जिस समय इस तस्वीर पर धमकी वाला टेक्स्ट एडिट किया गया है, वह उस समय का है जब वह व्यक्ति उसके घर से निकल चुका था। प्रथम दृष्टया यह सुझाव देता है कि शिकायतकर्ता ने खुद ही वह धमकी वाला टेक्स्ट डाला था।
- पुलिस ने लगभग 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
- संदिग्ध को बानेर में एक स्थान पर देखा गया।
शिकायतकर्ता का विरोधाभासी बयान
शिकायतकर्ता ने अपने प्रारंभिक बयान में कहा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसने ससून जनरल अस्पताल में मनोवैज्ञानिक परामर्श लिया है। जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि जब पीड़िता ने पुलिस को फोन दिया, तो उसने उसमें से कुछ चीजें डिलीट कर दी थीं। इन चीजों को पुलिस ने रिकवर कर लिया है। पुलिस को कुछ और तस्वीरें बरामद हुई हैं। इन तस्वीरों से पता चलता है कि वास्तव में क्या हुआ था। पुणे बलात्कार कांड में यह तथ्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
- पुलिस को घर पर उस व्यक्ति के आने से ठीक पहले दोनों के बीच बातचीत मिली है।
- इससे पता चलता है कि यह दोनों की सहमति से हुआ था।
पुलिस की चुनौती और विश्वसनीयता का सवाल
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि इस मामले में पुलिस को कम से कम कुछ हद तक गुमराह किया गया। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि झूठी शिकायतों से वास्तविक शिकायतकर्ताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। यह आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए दीर्घकालिक नुकसान है। आरोपी एक उच्च योग्यता प्राप्त पेशेवर है। वह पुणे में एक बहुराष्ट्रीय लेखा फर्म के कार्यालय में काम करता है। उसके और महिला के परिवार एक-दूसरे को जानते थे। पुणे बलात्कार कांड में जांच अभी भी जारी है।
- क्राइम ब्रांच के 200 कर्मी और जोनल यूनिट के 300 अधिकारी जांच में लगे थे।
- महिला और आरोपी के कॉल रिकॉर्ड भी पुलिस के पास उपलब्ध हैं।
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