पुणे ISIS मॉड्यूल केस : NIA ने दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया

पुणे ISIS मॉड्यूल केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी की बड़ी कार्रवाई
NIA ने पुणे ISIS मॉड्यूल केस में दो प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब्दुल्ला फैयाज शेख (उर्फ डायपरवाला) और तल्हा लियाकत खान को मुंबई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया। ये दोनों इंडोनेशिया के जकार्ता से भारत लौट रहे थे, जहां वे छिपे हुए थे।
NIA के अनुसार, ये आरोपी पुणे के कोंढवा इलाके में एक किराए के घर में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में शामिल थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने 2022-23 के बीच बम बनाने की ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की और एक नियंत्रित विस्फोट भी किया।
क्या है पूरा मामला?
- यह मामला 2023 का है, जब पुणे में ISIS से जुड़े एक मॉड्यूल का पता चला।
- आरोपियों ने कोंढवा में एक घर किराए पर लेकर वहां आतंकवादी गतिविधियां चलाईं।
- पुलिस ने इनके कब्जे से विस्फोटक सामग्री, ड्रोन, टेंट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए।
- NIA ने इनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे और 3 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
आरोपियों का आतंकी नेटवर्क और गतिविधियां
जांच में पता चला है कि यह ग्रुप ISIS के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगा हुआ था। इनका मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाकर इस्लामिक शासन स्थापित करना था।
आरोपियों की भूमिका:
- अब्दुल्ला फैयाज शेख: मुख्य आरोपी, जिसने कोंढवा में घर किराए पर लिया और IED असेंबल किए।
- तल्हा लियाकत खान: तकनीकी विशेषज्ञ, जिसने बम बनाने में मदद की।
- अन्य आरोपी: मोहम्मद इमरान खान, शाहनवाज आलम समेत 8 अन्य लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
आरोपियों का इंडोनेशिया कनेक्शन और भागने की कोशिश
जांच में पता चला है कि अब्दुल्ला फैयाज शेख और तल्हा खान गिरफ्तारी से बचने के लिए इंडोनेशिया भाग गए थे। वे जकार्ता में छिपे हुए थे और फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे। NIA को खुफिया सूचना मिली कि वे भारत लौटने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद एयरपोर्ट पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
मुख्य जानकारियां:
- आरोपी दो साल से अधिक समय से फरार थे
- इंडोनेशिया में उनके स्थानीय संपर्कों की जांच चल रही है
- विदेश मंत्रालय ने इंडोनेशियाई अधिकारियों के साथ समन्वय बढ़ाया है
- NIA अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क की जांच कर रही है
पुणे में आतंकी ट्रेनिंग कैंप का खुलासा
जांचकर्ताओं ने पुणे के कोंढवा इलाके में एक किराए के घर को आतंकी ट्रेनिंग कैंप के रूप में इस्तेमाल होने का पता लगाया है। इस स्थान पर आरोपियों ने न केवल IED बनाने का प्रशिक्षण दिया, बल्कि ड्रोन ऑपरेशन और जंगलों में बम परीक्षण भी किए।
खुलासे के प्रमुख बिंदु:
- कोंढवा स्थित किराए के घर में बम बनाने की पूरी लैब स्थापित थी
- आरोपियों ने यहां नियंत्रित विस्फोट करके अपने बनाए IED का परीक्षण किया
- पुलिस को मकान से विस्फोटक सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आतंकवादी साहित्य मिला
- यह मकान ग्राफिक डिजाइनर के रूप में काम करने का बहाना बनाकर किराए पर लिया गया था
ऐतिहासिक संदर्भ और राजनीतिक प्रतिक्रिया
ISIS के भारत में नेटवर्क को लेकर सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से सतर्क हैं। 2022 में राजस्थान से विस्फोटक बरामद होने के बाद यह केस और गंभीर हुआ।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की नीति दोहराई है।
- गृह मंत्रालय ने NIA की कार्रवाई की सराहना की है।
- महाराष्ट्र सरकार ने भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाने का फैसला किया है।
टाइमलाइन: घटनाओं का क्रम
- मार्च 2022: NIA ने तल्हा खान के घर पर छापा मारा, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया।
- जुलाई 2023: पुणे पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें शाहनवाज आलम शामिल था।
- अगस्त 2023: मामला NIA को ट्रांसफर किया गया और “पुणे ISIS मॉड्यूल केस” नाम दिया गया।
- सितंबर 2023: NIA ने फरार आरोपियों पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया।
- मई 2024: एक विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराया।
- जून 2024: अब्दुल्ला फैयाज शेख और तल्हा खान को मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया।
कानूनी पहलू और आगे की कार्रवाई
NIA ने आरोपियों पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और IPC की कड़ी धाराएं लगाई हैं। अदालत ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा है।
जांच के मुख्य बिंदु:
- आरोपियों के फंडिंग सोर्स की जांच की जा रही है।
- इंडोनेशिया और अन्य देशों में उनके संपर्कों की पड़ताल हो रही है।
- NIA इस ग्रुप के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई
यह मामला भारत में ISIS के बढ़ते प्रभाव को रोकने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। NIA की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
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