राहुल फडणवीस तीखी बहस: महाराष्ट्र चुनाव धांधली आरोप पर कड़ा जवाब

राहुल फडणवीस तीखी बहस तब शुरू हुई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में “मैच फिक्सिंग” का गंभीर आरोप लगाया। गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे एक लेख में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के इन दावों पर करारा जवाब दिया।
- राहुल गांधी ने अपने लेख में कई गंभीर आरोप लगाए।
- उन्होंने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली की बात कही।
- यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
फडणवीस ने राहुल गांधी की “विफलता को स्वीकार न कर पाने” के लिए आलोचना की। उन्होंने कहा कि “जिसे जनता खारिज करती है, वह जनादेश को खारिज करता है।”
मुख्य बिंदु :
- राहुल गांधी ने 2024 महाराष्ट्र चुनावों में “मैच फिक्सिंग” और फर्जी मतदान का आरोप लगाया।
- देवेंद्र फडणवीस ने जनादेश का सम्मान न करने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की।
- राहुल ने चुनाव आयोग पर पक्षपात और फर्जी मतदाता जोड़ने का आरोप लगाया।
- फडणवीस ने चुनावी धांधली के आरोपों को “अर्ध-सत्य” और “हास्यास्पद” बताया।
- कांग्रेस की चुनाव आयोग नियुक्तियों पर भी फडणवीस ने गंभीर सवाल उठाए।
- ‘भारत जोड़ो’ को संविधान विरोधी भावना फैलाने वाला अभियान बताया गया।
- चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “बेतुका” और “अवैधानिक प्रक्रिया का अपमान” कहा।
महाराष्ट्र चुनावों में मतदाता संख्या (करोड़ में)
क्रमांक | चुनाव का वर्ष | चुनाव प्रकार | मतदाता संख्या (करोड़) | वृद्धि पिछली बार से |
---|---|---|---|---|
1 | 2019 | विधानसभा चुनाव | 8.98 | — |
2 | मई 2024 | लोकसभा चुनाव | 9.29 | +0.31 करोड़ |
3 | नवम्बर 2024 (अनुमानित) | विधानसभा चुनाव (अनुमान) | 9.70 | +0.41 करोड़ |
आरोपों में चुनावी अनियमितताएँ
राहुल गांधी ने अपनी एक्स पोस्ट में पाँच चरणों में अनियमितताओं का उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में हेरफेर की गई और फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया। इसके साथ ही उन्होंने मतदान प्रतिशत बढ़ाने और फर्जी मतदान को ठीक उसी जगह लक्षित करने की बात कही, जहाँ भाजपा को जीतना था, साथ ही सबूत छिपाने का भी आरोप लगाया।
- गांधी के अनुसार, यह कोई छोटी-मोटी धोखाधड़ी नहीं थी।
- उन्होंने इसे “औद्योगिक पैमाने की धांधली” बताया, जो संस्थानों को कमजोर कर रही है।
- राहुल गांधी ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों को “बहुत अजीब” करार दिया।
राहुल गांधी ने यह भी लिखा कि उन्हें “भारतीय चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह है, हर बार नहीं, हर जगह नहीं, लेकिन अक्सर”। उन्होंने कहा कि “मैच फिक्सिंग वाले चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर हैं।”
फडणवीस का जवाब: ‘जनता जनादेश को अस्वीकार नहीं करती’
देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के “मैच फिक्सिंग” के दावों का तीखा जवाब दिया। फडणवीस ने यह भी कहा कि “यदि आप लोगों को समझा नहीं सकते, तो उन्हें भ्रमित करें”, यही नीति राहुल गांधी अपना रहे हैं। उन्होंने एक मराठी दैनिक में लिखा कि कांग्रेस को लोगों ने खारिज कर दिया है।
- फडणवीस ने विपक्षी दलों द्वारा EVM पर लगातार सवाल उठाने की प्रवृत्ति पर टिप्पणी की।
- उन्होंने बताया कि EVM के खिलाफ सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई हैं।
- फडणवीस ने पूछा कि कांग्रेस की जीती हुई सीटों पर EVM सही क्यों होती हैं।
यही वजह है कि वे अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को दोषी ठहराकर लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी से “जनादेश का सम्मान” करने को कहा और जोर दिया कि “जनता सब देख रही है। अब बहानेबाजी नहीं चलेगी और जवाबदेही तय की जाएगी।”
फडणवीस ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया
फडणवीस ने राहुल गांधी के “फर्जी मतदाताओं” के दावों का खंडन करते हुए बताया कि युवा मतदाताओं की संख्या में वृद्धि पिछले रुझानों के अनुरूप है। उन्होंने आँकड़ों का हवाला दिया जिसमें 26 लाख से अधिक युवा मतदाता शामिल थे। फडणवीस ने गांधी से चुनाव आयोग का विस्तृत पत्र पढ़ने का भी आग्रह किया।
- उन्होंने उन दावों को “अर्ध-सत्य” और “हास्यास्पद” बताया।
- यह दावा किया गया था कि अंतिम समय में बढ़े हुए मतदान से एनडीए उम्मीदवारों को लाभ हुआ।
- फडणवीस ने उदाहरण दिए जहाँ मतदान में वृद्धि ने विपक्षी उम्मीदवारों को भी फायदा पहुँचाया।
यह स्पष्ट करते हुए कि 2024 में मतदाता संख्या के संबंध में कुछ भी असामान्य नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि साक्ष्य छिपाने के आरोप अर्थहीन और जनता के विश्वास के लिए हानिकारक हैं।
कांग्रेस की चुनाव आयुक्त नियुक्तियों पर कड़ी आलोचना
फडणवीस ने कांग्रेस की चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “वर्ष 1950 से लेकर नया कानून बनने तक आपकी कांग्रेस सरकार ने सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की थी।” उन्होंने आगे कहा कि “पहली बार माननीय मोदी जी ने ऐसी समिति गठित की है जिसमें विपक्ष के नेता या सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता को शामिल किया गया है”।
- फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस इस लोकतांत्रिक कदम को स्वीकार नहीं करती।
- उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल में यह सिद्धांत कभी नहीं अपनाया गया था।
- यह वर्तमान सरकार का प्रयास लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है।
अब तक नियुक्त किए गए 26 आयुक्तों में से 25 की नियुक्ति सीधे केंद्र सरकार द्वारा की गई है। फडणवीस ने कहा कि गांधी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं।
‘भारत जोड़ो’ अभियान पर तीखे सवाल
राहुल फडणवीस तीखी बहस में फडणवीस ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा पर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनावों में महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला ही एकमात्र कारक नहीं था। “भारत जोड़ो अभियान” भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। फडणवीस ने सवाल किया, “जोड़ो” (एकजुट) के नाम से स्थापित यह “तोड़ो” (तोड़ो) अभियान क्या कर रहा था? उन्होंने दावा किया कि 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस समिति में शामिल कई लोगों को शहरी नक्सली इकाई के रूप में सूचीबद्ध किया था।
- फडणवीस ने आरोप लगाया कि यह अभियान संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ गलत धारणाएं फैला रहा था।
- उनके अनुसार, इसका उद्देश्य लोगों को देश के खिलाफ उकसाना था।
- फडणवीस ने कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग जैसे संस्थानों को निशाना बनाया गया।
फडणवीस ने सवाल किया, “जोड़ो” (एकजुट) के नाम से स्थापित यह “तोड़ो” (तोड़ो) अभियान क्या कर रहा था? उन्होंने दावा किया कि 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस समिति में शामिल कई लोगों को शहरी नक्सली इकाई के रूप में सूचीबद्ध किया था।
राहुल गांधी कांग्रेस को और गर्त में धकेलेंगे: फडणवीस
फडणवीस ने दावा किया कि “लोगों ने राहुल गांधी को खारिज कर दिया है, और बदले में वह लोगों और उनके जनादेश को खारिज कर रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी को और गर्त में धकेल देगा।” उन्होंने कहा कि “उन्हें आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि उनकी अपनी पार्टी के विधायक किसी को भी एक दिन के भीतर उनसे मिलने की चुनौती देने वाले बयान क्यों देते हैं।” फडणवीस ने कहा कि गांधी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “उनके ‘लेख’ को नजरअंदाज किया जाना चाहिए, लेकिन यह एक सिद्धांत पर काम करता है यदि आप लोगों को समझा नहीं सकते, तो उन्हें भ्रमित करें।” राहुल गांधी ठीक यही बार-बार कर रहे हैं।
- फडणवीस ने लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार संदेह फैलाने को “जहर” बताया।
- उन्होंने राहुल गांधी के लेख को अनदेखा करने की सलाह दी, लेकिन तथ्यों को जनता के सामने लाने पर जोर दिया।
- फडणवीस ने आरोप लगाया कि गांधी भविष्य की हार के लिए अभी से बहाने बना रहे हैं, खासकर बिहार सहित आगामी विधानसभा चुनावों के लिए।
चुनाव आयोग और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के एक्स पोस्ट के कुछ घंटों बाद, चुनाव आयोग ने इस साल अप्रैल में जारी किए गए एक दस्तावेज को फिर से जारी किया। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप “पूरी तरह से बेतुके” हैं। आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के संबंध में राहुल गांधी के आरोपों को निराधार और कानून के शासन का अपमान करार दिया।आयोग ने जोर दिया कि भारतीय चुनाव कानून के अनुसार आयोजित होते हैं। राहुल फडणवीस तीखी बहस ने भारत में एक बड़े राजनीतिक मुद्दे को जन्म दिया है, जो चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर गंभीर सवाल उठा रहा है।
- भारतीय चुनाव उनके पैमाने और सटीकता के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी गांधी के दावों को खारिज कर दिया, उन्होंने महायुति गठबंधन की जीत का हवाला दिया।
- भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर चुनावी हार के बाद हताशा में फर्जी आख्यान गढ़ने का आरोप लगाया।
राहुल फडणवीस तीखी बहस अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में तब्दील हो चुकी है, जिसने भारत की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
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