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राहुल गांधी का PM मोदी को पत्र छात्रवृत्ति और छात्रावासों की बदहाली पर घेरा

छात्रवृत्ति और छात्रावासों

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने देश भर के छात्रों, विशेषकर हाशिए के समुदायों से आने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और छात्रावासों की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह पत्र 10 जून को लिखा गया था, जिसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया।

  • राहुल गांधी ने अपने पत्र में दो प्रमुख मुद्दों को उठाया है।
  • पहला मुद्दा आवासीय छात्रावासों की खराब स्थिति से संबंधित है।
  • दूसरा मुद्दा मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति के वितरण में देरी का है।

राहुल गांधी का मानना है कि ये समस्याएं हाशिए के समुदायों के 90% छात्रों के अवसरों को बाधित करती हैं।

मुख्य बिंदु :

  1. राहुल गांधी ने पीएम मोदी को छात्रवृत्ति व छात्रावासों की बदहाली पर पत्र लिखा।
  2. दरभंगा अंबेडकर छात्रावास में बदतर सुविधाएं, अस्वच्छता और भीड़भाड़ की शिकायतें सामने आईं।
  3. बिहार में छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल बंद, हजारों छात्रों को समय पर सहायता नहीं मिली।
  4. पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में कटौती, कई हाशिए के छात्रों को नाममात्र की राशि मिली।
  5. राहुल गांधी ने प्रत्येक छात्रावास का ऑडिट कराने और आधारभूत ढांचे में सुधार की मांग की।
  6. छात्रवृत्ति वितरण में समयबद्धता और राज्य सरकारों के सहयोग से बेहतर क्रियान्वयन की अपील।
  7. कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के उठाए मुद्दों का खुलकर समर्थन किया।

छात्रावासों में ‘दयनीय’ स्थितियाँ: अंबेडकर छात्रावास का उदाहरण

राहुल गांधी ने बिहार के दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के अपने हालिया दौरे का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों ने वहां की दयनीय स्थिति की शिकायत की। एक ही कमरे में 6-7 छात्रों को रहने पर मजबूर होना पड़ता है।

  • छात्रों ने अस्वच्छ शौचालयों की शिकायत की।
  • पीने का पानी भी असुरक्षित बताया गया।
  • मेस सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या है।
  • पुस्तकालयों या इंटरनेट तक पहुंच भी नहीं है। ये शिकायतें छात्रावासों की बदहाली को उजागर करती हैं।

छात्रवृत्ति में देरी और विफलताएं: बिहार का हाल

राहुल गांधी ने हाशिए के समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के खराब कार्यान्वयन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल से बंद पड़ा था। 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली।

  • पोर्टल चालू होने के बाद भी स्थिति सुधरी नहीं।
  • वित्त वर्ष 23 में 1.36 लाख दलित छात्रों को छात्रवृत्ति मिली।
  • यह संख्या वित्त वर्ष 24 में घटकर 0.69 लाख रह गई। छात्रों को मिलने वाली राशि भी ‘अपमानजनक रूप से कम’ बताई गई। राहुल गांधी ने कहा कि ये विफलताएं सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं हैं। यह समस्या पूरे देश में व्यापक है।

राहुल गांधी की मांगें: ऑडिट और समय पर वितरण

विपक्षी नेता ने सरकार से इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है। उन्होंने दलित, अनुसूचित जनजाति (ST), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए हर छात्रावास का ऑडिट करने का आह्वान किया है।

  • ऑडिट का उद्देश्य अच्छे बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करना है।
  • स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता भी जांची जानी चाहिए।
  • शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार भी ऑडिट का हिस्सा होगा।
  • कमियों को दूर करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित हो। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छात्रवृत्ति और छात्रावासों में सुधार हो।

उन्होंने छात्रवृत्ति के समय पर वितरण की भी अपील की। राहुल गांधी ने छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया। इससे मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब तक हाशिए के समुदायों के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत आगे नहीं बढ़ सकता।

कांग्रेस का रुख: प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा समर्थन

राहुल गांधी के पत्र के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख राजेंद्र पाल गौतम शामिल थे। आदिवासी कांग्रेस के प्रमुख विक्रांत भूरिया भी मौजूद थे। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

  • यह प्रेस कॉन्फ्रेंस पार्टी के इंदिरा भवन मुख्यालय में हुई।
  • नेताओं ने राहुल गांधी के उठाए गए मुद्दों का समर्थन किया।
  • उन्होंने हाशिए के छात्रों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है।

राहुल गांधी के इस कदम को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह मुद्दा हाशिए के समुदायों के छात्रों के भविष्य से जुड़ा है। सरकार पर अब छात्रवृत्ति और छात्रावासों की स्थिति सुधारने का दबाव बढ़ गया है। राहुल गांधी सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

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