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‘राहुल के आरोप बेतुके’ चुनाव आयोग ने चुनावी धांधली के दावों को खारिज किया

राहुल के आरोप बेतुके

राहुल के आरोप बेतुके, चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को राहुल गांधी के पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों में धांधली के दावों को “अस्पष्ट” और “पूरी तरह से बेतुका” करार दिया। कांग्रेस नेता के मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों का बिंदुवार खंडन जारी किया गया है। चुनाव आयोग ने अपने कड़े शब्दों वाले जवाब में कहा, “मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है।”

  • चुनाव आयोग ने आरोपों को निराधार बताया।
  • राहुल गांधी ने फर्जी मतदाताओं का आरोप लगाया।
  • भाजपा के पक्ष में पक्षपातपूर्ण आचरण का दावा किया।

राहुल गांधी ने एक समाचार पत्र में अपना लेख साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भाजपा के पक्ष में कराए गए थे। उन्होंने मतदाता सूचियों में फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े जाने का दावा किया।

मुख्य बिंदु :

  1. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के चुनाव धांधली आरोपों को “बेतुका” और “अस्पष्ट” बताया।
  2. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा के पक्ष में “मैच फिक्सिंग” का आरोप लगाया।
  3. चुनाव आयोग ने कहा – कांग्रेस या एजेंटों ने मतदान के समय कोई शिकायत नहीं की।
  4. केवल 89 अपीलें दाखिल हुईं, जबकि 9.78 करोड़ मतदाता थे – आयोग ने आंकड़े दिए।
  5. चुनाव आयोग ने कांग्रेस के 27,099 बूथ एजेंटों की उपस्थिति का हवाला दिया।
  6. आयोग ने कहा – चुनाव प्रणाली को बदनाम करना लोकतंत्र और कानून का अपमान है।
  7. राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि बिहार चुनावों में भी ऐसी गड़बड़ी हो सकती है।
  8. चुनाव आयोग ने दोहराया – सबूतों की गैरमौजूदगी में आरोप सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए हैं।
  9. भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी के 1971 चुनाव में गड़बड़ी का उदाहरण दिया।

“मैच फिक्सिंग” के दावों का खंडन

राहुल गांधी के “मैच फिक्सिंग” के दावों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। आयोग ने कहा कि पूरी मतदान प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थी। इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों के मतदान एजेंट मौजूद थे। चुनाव आयोग ने बताया कि कांग्रेस के अधिकृत एजेंटों ने कभी भी असामान्य मतदान के बारे में कोई आपत्ति या शिकायत नहीं की।

  • राहुल गांधी ने “मैच फिक्सिंग” का दावा किया।
  • चुनाव आयोग ने दावों को “पूरी तरह से बेतुका” बताया।
  • मतदान प्रक्रिया पारदर्शी थी, आयोग ने स्पष्ट किया।

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन किया गया। उन्होंने दावा किया कि इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पैनल से हटाकर केंद्र को लाभ पहुँचाया गया।

चुनाव आयोग का पूर्व जवाब और तथ्यों की अनदेखी

राहुल गांधी के आरोपों को “निराधार” बताते हुए, चुनाव आयोग ने दोहराया कि उसने पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हारने के तुरंत बाद कांग्रेस द्वारा उठाए गए इसी तरह के आरोपों का जवाब दिया था। ECI ने कहा, “चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को दिए अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे। ये ECI की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।” आयोग ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते समय इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।”

  • चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को जवाब दिया था।
  • कांग्रेस ने इन तथ्यों की अनदेखी की।
  • आरोप “निराधार” थे, आयोग ने दोहराया।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के संचालन के तरीके पर कई सवाल उठाए थे। नवंबर 2024 के महाराष्ट्र चुनावों में कांग्रेस, NCP शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट का गठबंधन केवल 46 सीटें जीत पाया। जबकि भाजपा को 132 सीटें मिलीं।

फर्जी मतदाता और मतदान प्रतिशत के आरोप

राहुल गांधी ने मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को शामिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का दावा किया। उन्होंने फर्जी मतदान को लक्षित करने और सबूत छिपाने के बारे में भी सवाल उठाए। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने आशंका जताई कि इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही हो सकता है।

  • फर्जी मतदाताओं को शामिल करने का आरोप।
  • मतदान प्रतिशत बढ़ाने का दावा।
  • बिहार में भी ऐसा होने की आशंका जताई।

चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान के समय पार्टी या उसके नियुक्त मतदान एजेंटों द्वारा कोई गंभीर आरोप नहीं लगाए गए थे। आयोग ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नामित उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों ने कभी कोई पुष्ट आरोप नहीं लगाया। राहुल के आरोप बेतुके और निराधार हैं।

आयोग का स्पष्टीकरण और कानून का सम्मान

आयोग ने यह भी कहा कि किसी भी पार्टी ने मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के खिलाफ पर्याप्त संख्या में अपील दायर नहीं की। महाराष्ट्र चुनाव के दौरान 9,77,90,752 मतदाताओं के मुकाबले, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष केवल 89 अपीलें दायर की गईं। द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष केवल 1 अपील दायर की गई। चुनाव आयोग ने कहा, “यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आयोजन से पहले कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल की कोई शिकायत नहीं थी।”

  • कोई पर्याप्त अपील दायर नहीं की गई।
  • शिकायतों की संख्या नगण्य थी।
  • कानून का सम्मान महत्वपूर्ण है।

बेबुनियाद आरोपों पर चुनाव आयोग की फटकार

चुनाव आयोग ने बेबुनियाद आरोप लगाने और तथ्यों की अनदेखी करने के लिए पार्टी की कड़ी खिंचाई की है। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी राजनीतिक दलों द्वारा बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए गए थे, जिनमें कांग्रेस के 27,099 एजेंट भी शामिल थे। इसलिए, महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ उठाए गए ये बेबुनियाद आरोप कानून के शासन का अपमान हैं।

  • बेबुनियाद आरोप कानून का अपमान हैं।
  • बूथ लेवल एजेंट मौजूद थे।
  • तथ्यों की अनदेखी की गई। चुनाव आयोग के एक सूत्र ने बताया कि महाराष्ट्र के 1 लाख से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी अभी भी ऐसे आरोपों के लिए एक वास्तविक अपील का इंतजार कर रहे हैं।

चुनाव प्रक्रिया की अखंडता और आयोग का दृढ़ संदेश

आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय चुनाव कानून के अनुसार होते हैं, और उनकी सटीकता की दुनिया भर में प्रशंसा की जाती है। आयोग ने कहा कि कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर है, बल्कि हजारों राजनीतिक प्रतिनिधियों और लाखों चुनाव कर्मचारियों को भी बदनाम करती है, जो अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं। राहुल के आरोप बेतुके हैं, यह चुनाव आयोग का साफ संदेश है।

  • भारतीय चुनाव प्रक्रिया विश्वसनीय है।
  • गलत सूचना फैलाना गलत है।
  • चुनाव कर्मचारियों को हतोत्साहित न करें। आयोग ने फिर दोहराया कि मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करना कि वह समझौतावादी है, पूरी तरह से बेतुका है। आयोग ने कहा कि राहुल के आरोप बेतुके हैं।

भाजपा का पलटवार: इंदिरा गांधी का उदाहरण

भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 1975 के फैसले को पढ़ने का आग्रह किया। दुबे ने कहा कि राहुल गांधी को जानना चाहिए कि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के लोकसभा चुनावों को कैसे “फिक्स” और “चुराया” था। दुबे ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “राहुल बाबा, चुनाव कैसे फिक्स या चुराया जाता है? अपनी दादी इंदिरा गांधी के कारनामे पढ़िए, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला है।”

  • निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर पलटवार किया।
  • इंदिरा गांधी के 1971 के चुनावों का उदाहरण दिया।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया।

इंदिरा गांधी के चुनावों पर दुबे का आरोप

  • निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि 1971 के चुनाव में :
    • सेना और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल।
    • शराब और कपड़े का वितरण।
    • हिंदू धर्म के नाम पर वोट मांगे गए।
    • सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार में शामिल थे। दुबे ने कड़े शब्दों में कहा, “आप चुनावी ड्रामा रचते हैं, आपका परिवार देश को बर्बाद करता है। आपको अब चुनाव लूटने की आजादी नहीं मिलेगी।”

इंदिरा गांधी की अयोग्यता और राहुल की ‘मैच फिक्सिंग’ चेतावनी

  • इंदिरा गांधी चुनावी कदाचार की दोषी पाई गईं
  • उन्हें 6 साल के लिए अयोग्य ठहराया गया।
  • राहुल ने बिहार में “मैच फिक्सिंग” की आशंका जताई। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैच फिक्सिंग चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर है।”

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