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राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि: एक स्मरण

राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि

“आज 21 मई 2025 को भारत राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि मना रहा है। ज्ञात हो कि1991 में LTTE के आत्मघाती हमले में उनकी जघन्य हत्या कर दी गयी थी। इस दिन को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भी जाना जाता है। राजीव गांधी ने 40 की उम्र में देश का नेतृत्व किया और कंप्यूटर क्रांति की नींव रखी। उनकी विरासत, हत्या की घटना और शांति के प्रयासों पर इस लेख में चर्चा की गई है। साथ ही, जानें कि क्यों 2025 में यह दिन और भी खास होगा। श्रद्धांजलि, इतिहास और वर्तमान संदर्भों के साथ समझें उनके योगदान को।”

राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि: इतिहास और संदर्भ

21 मई 1991 का वह काला दिन भारतीय इतिहास में दर्ज है। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली के दौरान हुए आत्मघाती हमले ने देश को स्तब्ध कर दिया। राजीव गांधी, जो 46 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे, उसी रात शहीद हो गए। इस घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को भी उजागर किया।

आज, राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर देश उन्हें याद कर रहा है। इसके साथ ही, यह दिन आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी अवसर है। वी.पी. सिंह सरकार ने 1992 से इसे राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस घोषित किया। समाज में शांति और एकता का संदेश देने के लिए यह पहल की गई।

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क्यों महत्वपूर्ण है राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि?

राजीव गांधी ने 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनके कार्यकाल में दूरसंचार और शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए। कंप्यूटर और तकनीकी उन्नयन को बढ़ावा देकर उन्होंने भारत को आधुनिक युग में ले जाने का प्रयास किया। हालांकि, श्रीलंका में भेजी गई शांति सेना ने उनके लिए विवाद भी खड़े किए।

LTTE के साथ तनाव के कारण ही उनकी हत्या हुई। 21 मई को केवल शोक नहीं, बल्कि सीखने का दिन भी है। यह दिन याद दिलाता है कि आतंकवाद किस तरह मानवता को नुकसान पहुँचाता है

राजीव गांधी: व्यक्तित्व और विरासत

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। वे इंदिरा गांधी के पुत्र और नेहरू परिवार के तीसरे प्रधानमंत्री थे। उन्होंने शुरू में राजनीति से दूरी बनाई, लेकिन 1980 में अपने भाई संजय की मृत्यु के बाद सक्रिय हुए। 1984 में इंदिरा की हत्या के बाद उन्होंने कांग्रेस की कमान संभाली।

उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा में रिकॉर्ड 414 सीटें जीतीं। युवाओं के लिए रोजगार योजनाएँ और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल था। आज भी, उनके सपनों को पूरा करने की बात की जाती है।

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हत्या की घटना: क्या हुआ था 21 मई 1991 को?

श्रीपेरंबदूर में चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी भीड़ के बीच उतरे। एक महिला हमलावर ने उनके पैर छूने का नाटक किया। इसी दौरान उसने आरडीएक्स से भरा बेल्ट विस्फोट कर दिया। विस्फोट में गांधी समेत 14 लोगों की मौत हुई। हमलावर LTTE सदस्य थी, जिसे कलैवानी राजरत्नम के नाम से जाना गया।

इस घटना के बाद देश भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई। चुनाव के बाकी चरण स्थगित कर दिए गए। 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया। 2022 में सभी को रिहा कर दिया गया

2025 में पुण्यतिथि का महत्व

21 मई 2025 को राजीव गांधी की पुण्यतिथि आज बुधवार को है। यह दिन उनकी दूरदर्शिता को याद करने का अवसर देगा। शैक्षणिक संस्थानों में आतंकवाद के दुष्प्रभावों पर चर्चाएँ होंगी। साथ ही, युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाएँगे।

राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि न केवल अतीत को याद कराती है, बल्कि भविष्य के प्रति सजग भी करती है। उनकी तकनीकी सोच आज के डिजिटल इंडिया की नींव है।

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस: समाज की जिम्मेदारी

इस दिन स्कूलों और कार्यालयों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम होते हैं। आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता रैलियाँ निकाली जाती हैं। सोशल मीडिया पर #AntiTerrorismDay ट्रेंड करता है। युवा पीढ़ी को बताया जाता है कि हिंसा कभी समाधान नहीं हो सकती।

राजीव गांधी की मृत्यु ने साबित किया कि आतंकवाद कितना विनाशकारी हो सकता है। इसलिए, शिक्षा और संवाद को ही हथियार बनाने पर जोर दिया जाता है।

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सपनों को जीवित रखने का संकल्प

राजीव गांधी की विरासत केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। वे एक ऐसे भारत की कल्पना करते थे, जो तकनीक में अग्रणी हो। राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि हमें उनकी उसी दृष्टि को आगे बढ़ाने का आह्वान करती है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर, हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

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