नई दिल्ली : एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा को समन जारी कर सख्ती दिखाई है । कांग्रेस नेता एवं सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को शिकोहपुर जमीन घोटाले में ED ने दूसरा समन भेजा है। इससे पहले 8 अप्रैल को भी उन्हें तलब किया गया था, लेकिन वे पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला कांग्रेस की हुड्डा सरकार के दौरान हरियाणा के 2008 की एक जमीन डील से जुड़ा है।
रॉबर्ट वाड्रा पर 50 एकड़ जमीन के अवैध लेनदेन का आरोप है।
इस डील से उन्हें 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ बताया जा रहा है।
इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और DLF भी आरोपी हैं।
CBI भी इस मामले की जांच कर चुकी है।
पुराना मामला :
2011 में वर्तमान AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने वाड्रा पर DLF से बड़ा लोन लेने का आरोप लगाया था।
हालांकि, DLF ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
अरविंद केजरीवाल ने वाड्रा पर DLF से 65 करोड़ रुपये का लोन लेने का आरोप लगाया
राजनीति गरमाई :
कांग्रेस इस समन को “राजनीतिक बदला” बता रही है। ” वहीं, भाजपा नेता ने जवाब दिया, “कानून किसी के लिए नहीं रुकेगा।”
इसे पहले 2015 में भी वाड्रा पर जमीन घोटाले का आरोप लगा था। तब कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। अगर वाड्रा इस बार भी नहीं आते हैं, तो ED कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है। वाड्रा के दोषी होने पर 7 साल की सजा हो सकती है।
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