सीमावर्ती तनावग्रस्त उड़ान सेवाएं: सुरक्षा कारणों से रद्द हुई कई फ्लाइट्स

सीमावर्ती तनावग्रस्त उड़ान सेवाएं मंगलवार को फिर से बाधित रहीं, जब एयर इंडिया और इंडिगो ने जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर सहित कई सीमावर्ती शहरों की उड़ानें रद्द कर दीं। यह फैसला भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। एयर इंडिया और इंडिगो दोनों ने सोशल मीडिया पर यात्रियों को सूचित किया कि स्थिति की निगरानी की जा रही है और सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी।
एयर इंडिया-इंडिगो ने साझा किया कारण
१ ] AIR INDIA ने कहा कि ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उसने दोतरफा उड़ानें रद्द कीं।
२] एयर इंडिया ने जम्मू, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट की उड़ानें रोकीं।
३] इंडिगो ने श्रीनगर, लेह, राजकोट, जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़ की सेवाएं बंद कीं।
४] बयान में कहा गया, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
५] सभी एयरलाइनों ने यात्रियों से वेबसाइट पर अपडेट देखने की अपील की।
६] यह निर्णय 13 मई के लिए लागू किया गया है, लेकिन आगे भी विस्तार हो सकता है।
सुरक्षा चिंताओं के कारण रद्द हुईं उड़ानें :
भारत-पाक के बीच सैन्य टकराव के मद्देनजर लिया गया फैसला
एयर इंडिया और इंडिगो ने मंगलवार को घोषित किया अपडेट
एयर इंडिया ने 8 शहरों के लिए उड़ानें रद्द कीं
इंडिगो ने 6 सीमावर्ती शहरों से सेवाएं रोकीं
यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस की जांच की सलाह दी गई
नागरिक हवाई अड्डों को दोबारा खोलने की पृष्ठभूमि :
भारत-पाक तनाव के बीच नागरिक उड़ानों पर अस्थायी रोक लगी थी, जिसे 12 मई को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने हटा दिया गया। इसके तहत 32 हवाई अड्डों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई। इनमें अधमपुर, पठानकोट, हलवारा, लुधियाना, जैसलमेर, शिमला जैसे छोटे लेकिन सामरिक दृष्टि से अहम एयरबेस शामिल हैं। परंतु, बढ़ते तनाव के कारण अब एक बार फिर उड़ानों में रुकावट आई है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम की घोषणा के बावजूद, अप्रैल में हुए घातक आतंकी हमले के बाद हालात पूरी तरह शांत नहीं हो पाए हैं। इससे एयरस्पेस पर असर पड़ा है। हालांकि एयर इंडिया और इंडिगो ने ऐहतियातन इन क्षेत्रों में अपनी सेवाएं अभी बंद रखी हैं।
कुल 32 हवाई अड्डों की सूची में शामिल हैं:
- श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, लेह
- जोधपुर, भुज, जामनगर, राजकोट
- अधमपुर, अंबाला, जैसलमेर, पोरबंदर, बीकानेर, शिमला आदि
एयरलाइनों की ओर से सफाई :
इंडिगो ने अपने बयान में कहा, “नवीनतम घटनाक्रमों को देखते हुए और आपकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, उड़ानों को रद्द किया गया है।”
एयर इंडिया ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया, “13 मई को जिन शहरों से उड़ानें रद्द की गई हैं, वे हैं – जम्मू, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट।”
दोनों एयरलाइनों ने यात्रियों से अपनी वेबसाइटों और ऐप पर उड़ान स्थिति जांचने की अपील की है।
ऑपरेशन सिंदूर और तनाव की जड़ें :
क] 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
ख] भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
ग] लश्कर, जैश, हिजबुल जैसे संगठनों को टारगेट किया गया।
घ] 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।
च] जवाबी हमले में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जिन्हें भारत ने विफल किया।
छ] भारत ने फिर पाक के रडार, गोदामों पर गहरे हमले किए।
झ] इन सैन्य गतिविधियों ने हवाई सुरक्षा को और संवेदनशील बना दिया, जिससे सीमावर्ती तनावग्रस्त उड़ान सेवाएं स्थिर नहीं हो पाईं।
उड़ान सेवाएं प्रभावित होने के प्रमुख कारण :
- जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई है।
- भारत-पाक सीज़फायर के बावजूद तनाव कम नहीं हुआ।
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद एयरस्पेस में अनिश्चितता बनी।
- सीमावर्ती हवाई अड्डे संवेदनशील घोषित किए गए हैं।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय सतर्क निगरानी कर रहा है।
- एयर इंडिया, इंडिगो ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
- यात्रियों को उड़ान से पहले स्थिति जांचने की सलाह।
- एयरपोर्ट पर सुरक्षा चेक्स और बढ़ाए गए हैं।
- दुबारा सेवाएं शुरू होने की कोई स्पष्ट तिथि नहीं।
यात्रियों और सरकार की प्रतिक्रिया
उड़ानें रद्द होने से हजारों यात्रियों की योजना प्रभावित हुई है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे शहरों से सीमावर्ती इलाकों में जाने वाले कई लोग परेशान हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार से स्थायी समाधान की अपील की है।
गृह मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि स्थिति सामान्य होने तक नागरिक उड़ानें सीमित रखी जाएंगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी एक टास्क फोर्स गठित की है जो हर घंटे स्थिति की निगरानी कर रही है।
सरकार का स्पष्ट संकेत है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोई समझौता नहीं होगा और कोई भी निर्णय जनहित में ही लिया जाएगा।
सरकार और एयरलाइनों की जिम्मेदारी है कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। आने वाले दिनों में हालात सामान्य होने की उम्मीद है, लेकिन जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित नहीं होती, तब तक ऐसी अस्थिरता बनी रह सकती है।
Post Comment