शोपियां आतंकवादी झड़प के बाद जंगलों में आतंकवादियों से सीधी मुठभेड़

शोपियां आतंकवादी झड़प मंगलवार सुबह उस वक्त शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने केलर के जंगलों में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संभावित आतंकी मौजूदगी की सूचना पर कार्रवाई शुरू की। सूत्रों के अनुसार जंगल में 2 से 3 आतंकी छिपे हो सकते हैं, जिन्हें घेरे में लिया गया है। मुठभेड़ अभी जारी है और दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हो रही है। हालांकि अब तक किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है।
मुठभेड़ के विशेष बिंदु :
i) शोपियां आतंकवादी झड़प मंगलवार सुबह केलर जंगलों में शुरू हुई।
ii) 2–3 आतंकियों की मौजूदगी की आशंका, सुरक्षा बलों ने घेरा।
iii) ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा बल और अधिक सतर्क।
iv) कुलगाम से शोपियां तक आतंकियों का मूवमेंट ट्रैक किया गया।
v) अभी तक कोई हताहत नहीं, मुठभेड़ जारी है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सैन्य सक्रियता :
- 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने POK और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए।
- प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकी हमलों को युद्ध की कार्रवाई मानेगा।
- भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर बड़ा संदेश दिया।
- साथ ही भारतीय सेना ने दक्षिण कश्मीर में तलाशी अभियानों की रफ्तार तेज कर दी है।
शोपियां से पहले कुलगाम में भी था मूवमेंट :
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार आतंकवादियों की गतिविधियां कुलगाम के सीमावर्ती इलाकों में सबसे पहले देखी गईं। स्थानीय ग्रामीणों ने कुछ अजनबी लोगों को जंगल की ओर जाते देखा और तुरंत पुलिस को जानकारी दी। खुफिया इनपुट में संभावित बड़े आतंकी हमले की आशंका जताई गई थी। इसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। कुलगाम के कई गांवों में संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि के बाद इलाके की घेराबंदी की गई। सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए आतंकियों ने शोपियां के केलर जंगलों की ओर भागने की कोशिश की। उन्होंने केलर के घने जंगलों में छिपने की रणनीति अपनाई, जहां पहले भी आतंकी गतिविधियां दर्ज की जा चुकी हैं।
ऑपरेशन की प्रमुख रणनीतियां :
1] सुरक्षा बलों ने आतंकियों को ट्रैक करने के लिए हाई-रेजोल्यूशन ड्रोन और नाइट-विज़न उपकरणों का इस्तेमाल किया।
2] सेना की Para SF यूनिट को किसी आपात स्थिति के लिए तैनात किया गया।
3] मुठभेड़ स्थल के आसपास सभी सड़कें सील कर दी गईं, बाहरी हस्तक्षेप पूरी तरह रोका गया।
4] मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद की गईं ताकि आतंकी संपर्क से वंचित रहें।
5] गोलीबारी के बीच सेना ने आतंकियों को आत्मसमर्पण का विकल्प भी दिया, पर उन्होंने भारी फायरिंग शुरू कर दी।
6] आसपास के गांवों को खाली करा लिया गया ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
7] सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त कमांड के तहत पूरा ऑपरेशन चलाया गया।
8] यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
9]सेना सैटेलाइट सर्विलांस और जमीनी गश्त से हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है।
10] सुरक्षा बलों का कहना है कि अंतिम आतंकी के निष्क्रिय होने तक ऑपरेशन जारी रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा संदेश :
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीन स्पष्ट संदेश दिए—
पहला: आतंकवादी हमला होगा तो जवाब और भी बड़ा होगा।
दूसरा: भारत परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
तीसरा: आतंक के प्रायोजक और आतंकवादी में कोई फर्क नहीं माना जाएगा।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की निर्णायक नीति का प्रतीक बताया।
साथ ही पाकिस्तान पर आतंकी मदद का सीधा आरोप लगाया।
मुठभेड़ में निर्णायक कार्रवाई की उम्मीद :
शोपियां आतंकवादी झड़प भारत की नई सैन्य नीति के तहत आने वाली घटनाओं का संकेत है। पहलगाम हमले के बाद जिस तीव्रता से ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, उसी दृढ़ता से यह मुठभेड़ भी लड़ी जा रही है। भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि निवारक कार्रवाई की नीति पर काम कर रहा है। सुरक्षा बलों की ओर से स्पष्ट है कि आतंक के खिलाफ अब कोई ढील नहीं दी जाएगी। अधिकृत जानकारी की प्रतीक्षा है, लेकिन संकेत हैं कि मुठभेड़ जल्द निर्णायक मोड़ ले सकती है।
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