रेवंत सरकार का बड़ा फैसला तेलंगाना गौ संरक्षण नीति के लिए समिति का गठन

तेलंगाना गौ संरक्षण नीति राज्य में मवेशी कल्याण और संरक्षण को एक नई दिशा दे रही है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य गौ संरक्षण को मजबूत करना और राज्य की संस्कृति में गायों के महत्व के प्रति भक्तों की गहरी भावनाओं का सम्मान करना है। यह नीति पशुधन प्रबंधन और समग्र पशु कल्याण में सुधार लाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
व्यापक नीति का खाका और मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
तेलंगाना में अब जल्द ही एक व्यापक गौ संरक्षण नीति लागू होगी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को गौ संरक्षण के लिए एक विस्तृत और प्रभावी नीति तैयार करने का निर्देश दिया।
- मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नई नीति का मुख्य फोकस हमारी संस्कृति में गायों के महत्व पर रहेगा।
- यह नीति मुख्य रूप से गौ संरक्षण पर केंद्रित होगी, जिसमें भक्तों की धार्मिक भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
मुख्य बिंदु :
- तेलंगाना सरकार ने गौ कल्याण हेतु व्यापक और दूरदर्शी नीति लाने की घोषणा की।
- मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गायों की धार्मिक-सांस्कृतिक महत्ता को प्राथमिकता देने की बात कही।
- नीति निर्माण हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन, अन्य राज्यों से मॉडल का अध्ययन करेगी।
- वेमुलावाड़ा समेत चार धार्मिक स्थलों पर अत्याधुनिक गौशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा- गौ कल्याण पर खर्च में कोई वित्तीय बाधा नहीं होगी।
- धर्मार्थ संगठनों की भागीदारी से गौशालाओं का प्रबंधन और रखरखाव सुनिश्चित होगा।
- बकरीद बाद की हिंसा की पृष्ठभूमि में यह नीति सामंजस्यकारी कदम के रूप में देखी जा रही।
समिति का गठन और गहन अध्ययन
नीति निर्माण का नेतृत्व करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में पशुपालन विभाग के विशेष मुख्य सचिव सब्यसाची घोष, बंदोबस्ती विभाग की प्रमुख सचिव शैलजा रामैयार और कृषि विभाग के सचिव रघुनंदन राव शामिल हैं। यह टीम गौशालाओं की स्थापना और प्रबंधन के संबंध में गहन अध्ययन करेगी।
- समिति देश भर से सर्वोत्तम प्रथाों का अध्ययन करने के लिए अन्य राज्यों का दौरा करेगी।
- समिति का उद्देश्य टिकाऊ और संवेदनशील मॉडल का सुझाव देना होगा जो तेलंगाना की जरूरतों के अनुसार होंगे।
अत्याधुनिक गौशालाओं का विकास और स्थान
राज्य में चार स्थानों पर चार अत्याधुनिक गौ संरक्षण केंद्र (गौशालाएँ) स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। पहले चरण में, इन गौशालाओं का निर्माण प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होगा, जहाँ भक्तों द्वारा गायों का दान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने मौजूदा गौशालाओं में जगह की कमी और खराब रखरखाव के कारण दान की गई गायों की मौतों पर चिंता व्यक्त की।
- वेमुलावाड़ा मंदिर के पास, जहाँ भक्त ‘कोडे मोक्कू’ अनुष्ठान के तहत बछड़े दान करते हैं, एक बड़ी गौशाला प्रस्तावित है।
- वेमुलावाड़ा में 100 एकड़ से अधिक भूमि पर गौशाला बनेगी। ताकि दान किए गए बछड़ों की पर्याप्त देखभाल हो सके।
- इसके अतिरिक्त, हैदराबाद शहर के पास यादगिरिगुट्टा, येनकेपल्ली और पशुपालन विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्रों में भी आधुनिक गौशालाएँ बनाई जाएंगी।
- मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सा और कृषि विश्वविद्यालयों की भूमि का सुझाव दिया।
वित्तीय प्रतिबद्धता और प्रबंधन
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दृढ़ता से कहा कि राज्य सरकार गौ संरक्षण के लिए उदारतापूर्वक खर्च करने के लिए तैयार है, यह सुनिश्चित करते हुए कि गायों के कल्याण के लिए कोई बजट बाधा नहीं होगी। बैठक के दौरान, पशुपालन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गौशालाओं के प्रबंधन और नीति कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत दृष्टिकोण पत्र प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गौशालाओं के निर्माण, प्रबंधन और देखभाल के लिए पूर्ण बजट अनुमानों के साथ योजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गौशालाओं के प्रबंधन और रखरखाव में धर्मार्थ संगठनों की सक्रिय भागीदारी की जांच की जानी चाहिए। रंगारेड्डी जिले के मोइनाबाद मंडल के एम. के. पल्ली में प्रस्तावित गौशाला के लिए विभिन्न डिजाइनों की भी समीक्षा की गई, और मुख्यमंत्री ने शेड के निर्माण में कुछ बदलावों का सुझाव दिया।
पृष्ठभूमि और राजनीतिक आयाम
यह महत्वपूर्ण घोषणा ईद उल अज़हा (बकरीद) के बाद गौ रक्षकों द्वारा हुई हिंसा की लगातार घटनाओं के लगभग एक सप्ताह बाद आई है। इन घटनाओं ने राज्य में मवेशी व्यापारियों के उत्पीड़न और सांप्रदायिक तनाव के मुद्दों को उजागर किया है। कांग्रेस द्वारा संचालित राज्य सरकार को नागरिक समाज के सदस्यों द्वारा इस स्थिति को संभालने के तरीके पर आलोचना का सामना करना पड़ा है।
- विश्लेषकों का मानना है, तेलंगाना गौ संरक्षण नीति गौ रक्षकों को रोकेगी।
- हालांकि, कुछ इसे भाजपा के लिए फायदेमंद मानते हैं।
बैठक में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति
मंगलवार की बैठक में कई अधिकारी मौजूद थे। पशुपालन मंत्री वक्ति श्रीहरि उपस्थित थे। प्रधान सचिव वी शेषाद्रि और श्रीनिवास राजू भी थे।
- सब्यसाची घोष और शैलजा रामैयार भी शामिल थे।
- कृषि सचिव रघुनंदन राव भी उपस्थित थे।
- एचएमडीए आयुक्त सरफराज अहमद भी मौजूद थे।
- पशुपालन निदेशक गोपी और कलेक्टर नारायण रेड्डी भी
तेलंगाना गौ संरक्षण नीति: एक दूरदर्शी और व्यापक पहल
तेलंगाना गौ संरक्षण नीति का लक्ष्य राज्य में गाय कल्याण की एक स्थायी, नैतिक और सांस्कृतिक रूप से संरेखित प्रणाली विकसित करना है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के निर्देश दर्शाते हैं कि राज्य सरकार गौ संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह पहल न केवल गायों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगी, बल्कि उम्मीद है कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल के रूप में कार्य करेगी, जो गौ संरक्षण और पशु कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी।
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