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तेलंगाना मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक न्याय को मिली प्राथमिकता

तेलंगाना सामाजिक न्याय विस्तार

तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना सामाजिक न्याय विस्तार की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए तीन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें दो अनुसूचित जाति (SC) और एक पिछड़े वर्ग (OBC) समुदाय से आने वाले नेता शामिल हैं। इसके अलावा एक आदिवासी विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया है।

सामाजिक न्याय के तहत कैबिनेट विस्तार

रविवार को हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस ने साफ किया कि यह केवल राजनीतिक संतुलन नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की नीति का हिस्सा है।

  • मडिगा समुदाय से अदलुरी लक्ष्मण कुमार
  • माला समुदाय से गद्दाम विवेक वेंकटस्वामी
  • मुदिराज समुदाय से वक्ति श्रीहरि
  • आदिवासी समुदाय से रामचंद्रू नाइक बने उपाध्यक्ष

AICC ने इस विस्तार को अंतिम रूप तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराजन के साथ गहन परामर्श के बाद दिया।

कांग्रेस की रणनीति: हाशिए पर खड़े समुदायों को मुख्यधारा में लाना

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,

“सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों से आने वाले विधायक ही कांग्रेस की असली ताकत हैं। यही AICC का भी मानना है।”

इस बयान से स्पष्ट है कि तेलंगाना सामाजिक न्याय विस्तार महज़ संख्या बढ़ाने का नहीं, बल्कि समावेशी राजनीति का प्रयास है।

तीन नए मंत्री कौन हैं?

गद्दाम विवेक वेंकटस्वामी

  • माला समुदाय से आते हैं
  • पूर्व सांसद और जी. वेंकटस्वामी के पुत्र
  • BRS और भाजपा छोड़कर फिर कांग्रेस में लौटे
  • चेन्नूर सीट से BRS को हराया

अदलुरी लक्ष्मण कुमार

  • मडिगा समुदाय
  • धर्मपुरी से पहली बार विधायक
  • युवा चेहरा, पार्टी का भविष्य माने जाते हैं

वक्ति श्रीहरि

  • ओबीसी मुदिराज समुदाय
  • कांग्रेस की युवा शाखा से शुरू किया
  • मकथल विधानसभा सीट से चुने गए

रामचंद्रू नाइक को नई ज़िम्मेदारी

महबूबाबाद ज़िले के दोर्नकल से विधायक और आदिवासी नेता रामचंद्रू नाइक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने आदिवासी प्रतिनिधित्व को मज़बूती दी।

वर्तमान मंत्रिमंडल में सामाजिक विविधता

मंत्रिमंडल में 15 मंत्री हो चुके हैं, तीन पद अभी भी खाली हैं।

वर्तमान सामाजिक प्रतिनिधित्व:

  • रेड्डी समुदाय: 4
  • अनुसूचित जाति (SC): 4
  • पिछड़ा वर्ग (BC): 3
  • वेलमा, ब्राह्मण, कम्मा, ST: 1-1

नेताओं की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति

टीपीसीसी और AICC नेताओं के बीच इस विस्तार को लेकर कई बैठकें हुईं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया:

“यह सब किसी एक नेता का फैसला नहीं था। सबकी राय से सामूहिक सहमति बनी।”

हालांकि कुछ नेताओं में असंतोष भी था, जैसे कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी, प्रेम सागर राव, सुदर्शन रेड्डी और रंगा रेड्डी मंत्री पद की दौड़ में थे। लेकिन AICC ने साफ कर दिया कि अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।

ऐतिहासिक और राजनीतिक विश्लेषण

तेलंगाना के गठन के बाद से ही सामाजिक प्रतिनिधित्व को लेकर बहस चलती रही है। पिछली BRS सरकार पर भी कुछ समुदायों को नज़रअंदाज़ करने के आरोप लगे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद जो पहला विस्तार किया, उसमें तेलंगाना सामाजिक न्याय विस्तार की अवधारणा को लागू कर साफ संदेश दिया है कि पार्टी सामाजिक संतुलन के आधार पर शासन चलाएगी।

  • कांग्रेस सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार सामाजिक संतुलन पर केंद्रित
  • दलित, ओबीसी और आदिवासी समुदायों को प्राथमिकता
  • गद्दाम विवेक, लक्ष्मण कुमार और श्रीहरि को मंत्री पद
  • रामचंद्रू नाइक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया
  • तीन पद अभी भी खाली, आगे विस्तार की संभावना
  • AICC और TPCC की संयुक्त सहमति से चयन
  • कांग्रेस ने संदेश दिया: समावेशी शासन ही प्राथमिकता
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