तेलंगाना विकास के प्रस्ताव पर रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी से की खास मुलाकात

तेलंगाना विकास के प्रस्ताव पर रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी से की खास मुलाकात
हैदराबाद मेट्रो चरण-II को मिली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को लेकर विशेष आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव नवंबर 2024 में MoHUA (आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय) को भेजा गया था।
- मंत्रालय ने जो स्पष्टीकरण मांगे थे, राज्य सरकार उन्हें पहले ही दे चुकी है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ₹24,269 करोड़ लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए शीघ्र कैबिनेट मंजूरी दी जाए।
- इसमें 4,230 करोड़ केंद्र को, 7,313 करोड़ राज्य को और 11,693 करोड़ ऋणदाताओं को वहन करना है।
रेवंत रेड्डी ने इस परियोजना को हैदराबाद के भविष्य की रीढ़ बताया।
क्षेत्रीय रिंग रोड को लेकर रणनीतिक मांग
मुख्यमंत्री ने तेलंगाना विकास के प्रस्ताव के तहत प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि राज्य सरकार रिंग रोड परियोजना में भूमि अधिग्रहण लागत का 50% वहन कर रही है।
- उन्होंने कहा कि केवल उत्तरी भाग को मंजूरी देना व्यावहारिक नहीं होगा।
- यदि दक्षिणी भाग को बाद में शुरू किया गया, तो निर्माण लागत बहुत बढ़ जाएगी।
- इसीलिए उन्होंने उत्तरी और दक्षिणी दोनों खंडों को एक साथ कैबिनेट मंजूरी देने की अपील की।
रेवंत ने प्रधानमंत्री को कहा,
“जब तक उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को एकसाथ पूरा नहीं किया जाता, तब तक इनका कुशल उपयोग नहीं होगा।”
370 किलोमीटर की रिंग रेलवे का भी प्रस्ताव
रेवंत रेड्डी ने लगभग 370 किमी लंबी क्षेत्रीय रिंग रेलवे की भी बात की। यह परियोजना राज्य में औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को बढ़ावा देगी।
- इससे लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी।
- साथ ही औद्योगिक इकाइयों को तीव्र ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी मिलेगी।
ड्राई पोर्ट और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे
मुख्यमंत्री ने ड्राई पोर्ट से बंदरगाह तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे प्रस्ताव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना मालभाड़ा कम करेगी और निर्यात गतिविधियों को गति देगी।
- एक्सप्रेसवे से राज्य के औद्योगिक इलाकों को बंदरगाह से सीधा जोड़ मिलेगा।
- यह तेलंगाना को दक्षिण भारत का प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब बना सकता है।
सेमीकंडक्टर मिशन में तेलंगाना की भागीदारी
रेवंत रेड्डी ने सेमीकंडक्टर मिशन को लेकर विशेष अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि तेलंगाना की ISM (इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन) परियोजना को जल्द मंजूरी दी जाए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य इस मिशन के तहत आवश्यक जमीन, नीति और संसाधन पहले ही तैयार कर चुका है
- तेलंगाना देश के डिजिटल आत्मनिर्भरता लक्ष्य में अहम योगदान दे सकता है।
हैदराबाद को रक्षा गलियारा घोषित करने की मांग
तेलंगाना सरकार ने रक्षा क्षेत्र में राज्य की भूमिका को विस्तार से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हैदराबाद में DRDO, HAL, BEL सहित कई रक्षा संस्थान कार्यरत हैं।
- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को सुविधाएं मिलनी चाहिए।
- हैदराबाद-बैंगलोर को रक्षा गलियारे के रूप में अधिसूचित किया जाए।
रेवंत रेड्डी ने यह भी प्रस्ताव दिया कि
“हैदराबाद में डिफेंस एक्सपो आयोजित करने से राज्य को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलेगी।”
राजनीतिक संकेत और राष्ट्रीय मंच पर प्रभाव
रेवंत रेड्डी की यह यात्रा महज़ एक शिष्टाचार मुलाकात नहीं थी। यह तेलंगाना की कांग्रेस सरकार की केंद्र के साथ समन्वय की मंशा को दर्शाती है।
- इससे पहले उन्होंने फरवरी 2025 में भी पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
- तब भी उन्होंने मेट्रो विस्तार, सेमीकंडक्टर मिशन और रक्षा सहयोग की बात रखी थी।
अबकी बार उन्होंने ठोस दस्तावेज और योजनाओं के साथ प्रधानमंत्री से आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी से सहयोग की अपील
मुलाकात के बाद रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से भी मुलाकात की। उन्होंने उन्हें विकास योजनाओं के शीघ्र स्वीकृति की जरूरत से अवगत कराया।
- मेट्रो, सड़क, रेलवे, उद्योग, निर्यात सभी क्षेत्रों में केंद्रीय सहयोग मांगा गया।
- कुमारस्वामी से MoHUA, MoD और उद्योग मंत्रालयों में समर्थन सुनिश्चित करने की अपील की गई।
तेलंगाना का नया विज़न
तेलंगाना सरकार ने अब स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि वह विकास को लेकर गंभीर है। तेलंगाना विकास के प्रस्ताव केवल कागज़ी नहीं, बल्कि ठोस योजनाओं के साथ प्रस्तुत किए गए हैं। अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। यदि सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है, तो तेलंगाना राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल राज्य बन सकता है।
रक्षा गलियारे से जुड़ी रणनीति
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि हैदराबाद-बैंगलोर मार्ग को आधिकारिक रूप से रक्षा गलियारे के रूप में अधिसूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कदम से क्षेत्र में रक्षा उद्योग को भारी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे न केवल MSMEs को अवसर मिलेंगे, बल्कि बड़ी विदेशी कंपनियों जैसे लॉकहीड मार्टिन, बोइंग और जीई के साथ संयुक्त उपक्रमों को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही, मुख्यमंत्री ने हैदराबाद में डिफेंसएक्सपो की मेजबानी का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इससे शहर को वैश्विक रक्षा मंच पर स्थान मिलेगा। यह कदम रोजगार और निवेश दोनों को बढ़ावा देगा।
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