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ठाणे अवैध निर्माण में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ठाणे में 17 अवैध इमारतें ध्वस्त होंगी

ठाणे अवैध निर्माण  

ठाणे अवैध निर्माण में सुप्रीम कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड समर्थित इमारतों के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ठाणे में 17 अवैध इमारतों को गिराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इस फैसले ने भू-माफिया और अंडरवर्ल्ड से जुड़े बिल्डरों के अवैध निर्माणों पर नकेल कस दी है। यह एक महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप है जो कानून के शासन को मजबूत करेगा।

  • न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और मनमोहन की पीठ ने हाईकोर्ट के साहसिक रुख की सराहना की।
  • पीठ ने स्पष्ट किया कि इन निर्माणों के पीछे अंडरवर्ल्ड का हाथ है।

मुख्य बिंदु :

  1. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 17 इमारतों के विध्वंस आदेश को बरकरार रखा।
  2. अंडरवर्ल्ड कनेक्शन वाले निर्माणों पर खरीदारों की अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की।
  3. न्यायमूर्ति बोले- बिल्डर अवैध निर्माण के लिए निर्दोष घर खरीदारों को ढाल बना रहे।
  4. “बॉम्बे अतिक्रमण हो जाएगा” – सुप्रीम कोर्ट ने महानगरों में अवैध निर्माण पर चेताया।
  5. महिला की याचिका से खुलासा – भू-माफियाओं ने कब्जाई थी 5.5 एकड़ निजी जमीन।
  6. हाईकोर्ट ने टीएमसी को शहर की हर अवैध इमारत का नक्शा तैयार करने को कहा।
  7. सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों की भूमिका पर चिंता जताई, अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिए।

खरीदारों की अपील खारिज, कोर्ट का सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने उन फ्लैट खरीदारों द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया, जिन्होंने विध्वंस आदेश से प्रभावित 400 से अधिक परिवारों का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि बिना उचित दस्तावेज या भूमि के स्वामित्व सत्यापन के फ्लैट कैसे खरीदे गए। न्यायमूर्ति मनमोहन ने नियोजन अनुमोदन की कमी और बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माणों को बचाने के लिए निर्दोष खरीदारों के दुरुपयोग की कड़ी आलोचना की।

  • न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, “सही निर्णय लेने के लिए उच्च न्यायालय को बधाई।”
  • उन्होंने आगे कहा कि बिल्डरों द्वारा घर खरीदारों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

“आपका बॉम्बे अतिक्रमण हो जाएगा”: सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी

न्यायमूर्ति मनमोहन ने चेतावनी दी कि ऐसे अनधिकृत निर्माणों का जारी रहना किसी भी शहर के लिए खतरा है। उन्होंने विशेष रूप से मुंबई जैसे महानगर के लिए चिंता व्यक्त की। उनका कहना था, “इसके बाद, आपका बॉम्बे अतिक्रमण हो जाएगा। बस इतना ही करना बाकी है। कृपया अपने शहर के बारे में सोचें, अन्यथा सब कुछ अतिक्रमण हो जाएगा।” यह टिप्पणी अवैध अतिक्रमणों की बढ़ती समस्या पर शीर्ष अदालत की गंभीर चिंता को दर्शाती है।

  • न्यायालय ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि कुछ लोगों में इस न्यायालय में आने की हिम्मत है।
  • न्यायमूर्ति भुइयां ने उल्लेख किया कि अवैध निर्माण का खुलासा एक महिला की शिकायत से हुआ।

बॉम्बे हाईकोर्ट का दृढ़ आदेश और टीएमसी की जवाबदेही

बॉम्बे हाईकोर्ट का मूल आदेश एक महिला द्वारा दायर याचिका पर आया था। उसने दावा किया था कि भू-माफियाओं ने उसकी 5.5 एकड़ की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और बिना अनुमति के 17 बहुमंजिला ब्लॉक बना दिए। हाईकोर्ट ने नगर निगम अधिकारियों की निष्क्रियता पर ध्यान दिया और तत्काल विध्वंस का निर्देश दिया। उसका मानना था कि केवल ऐसी दृढ़ कार्रवाई ही कानून के शासन को बहाल कर सकती है।

  • हाईकोर्ट ने ठाणे नगर निगम (TMC) को शहर में हर अनधिकृत इमारत का नक्शा बनाने का निर्देश दिया।
  • इसमें ग्रीन ज़ोन में स्थित इमारतें भी शामिल हैं, और “इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, कार्रवाई करें” की चेतावनी दी गई।

“लालची खरीदार अधिकार का दावा नहीं कर सकते”: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने एम.आई. बिल्डर्स बनाम राधेश्याम में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया। उसने दोहराया कि अवैध संरचनाओं को “ध्वस्त करने की आवश्यकता है”। हाईकोर्ट ने जोर देकर कहा कि “लालची खरीदार, जो नागरिकों की एक अलग श्रेणी हैं, वे अवैध निर्माण के संबंध में अधिकारों का दावा नहीं कर सकते।” यह स्पष्ट संदेश देता है कि अवैध निर्माण में निवेश करने वालों को कोई कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी। यह ठाणे अवैध निर्माण पर अदालतों के सख्त रुख को दर्शाता है।

  • एक कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारी पुलिस सुरक्षा के साथ टीएमसी कमिश्नर की मौजूदगी में याचिकाकर्ता की जमीन का निरीक्षण करेगा।
  • एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी अवैध निर्माण करने वालों और नगर निगम अधिकारियों की भूमिका की जांच करेंगे।

नगर निगम अधिकारियों की संलिप्तता की जांच

अदालत ने इस बात पर अविश्वास व्यक्त किया कि इतना “बड़े पैमाने पर निर्माण” सरकार और नगर निगम अधिकारियों के आशीर्वाद के बिना हो सकता है। टीएमसी का हलफनामा, जिसमें याचिका का विरोध किया गया और याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया गया, “पूरी तरह से असंतोषजनक” पाया गया। टीएमसी ने स्वीकार किया कि निर्माण अवैध थे, लेकिन ठोस कदम कोर्ट की 9 जून की सुनवाई के बाद ही उठाए गए। यह ठाणे अवैध निर्माण के मामले में अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।

  • यदि टीएमसी विफल रहता है, तो अदालत शहर को चलाने के लिए “एक अलग/अलग मशीनरी” स्थापित कर सकती है।
  • न्यायालय ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

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