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UNSC कूटनीतिक : भारत-पाक संघर्ष तनाव पर समाधान

UNSC कूटनीतिक

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर तनाव बढ़ा। इस बीच, पाकिस्तान ने भारत की “आक्रामक नीतियों” और “उकसावे वाले बयानों” की शिकायत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से की। इसी संदर्भ में आज UNSC की विशेष बैठक आयोजित हुई, जिसमें क्षेत्रीय शांति, सिंधु जल संधि और कूटनीतिक स्थिरता जैसे मसलों पर चर्चा हुई। पाकिस्तान ने भारत के हालिया कदमों को “अवैध” और “युद्ध की चेतावनी” करार दिया।

  • पाकिस्तान ने UNSC से भारत पर दबाव डालने की मांग की
  • भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को “संप्रभु अधिकार” बताया
  • बैठक में ग्रीस, फ्रांस, अमेरिका और चीन ने विचार रखे
  • पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का निलंबन वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अध्यक्ष इवेंजेलोस सेकेरिस ने हमले की निंदा की और शांति बहाली के प्रयासों को समर्थन देने की बात कही।

मुख्य बिंदुओं का संक्षेप:

  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंध फिर तनाव में
  • पाकिस्तान ने UNSC में भारत पर उकसावे का आरोप लगाया
  • भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया
  • UNSC ने शांति बहाली की अपील की
  • अमेरिका, फ्रांस ने भारत की सुरक्षा नीति का समर्थन किया
  • रूस और चीन ने तटस्थ रुख अपनाया
  • UNSC की ऐतिहासिक भूमिका फिर चर्चा में
  • भारत ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताया

भारत की जवाबी कार्रवाई और कानूनी समीक्षा

भारतीय सरकार ने पहलगाम हमले के बाद त्वरित और कड़े कदम उठाए। सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से निलंबित कर दिया गया, जो 1960 से भारत-पाक के बीच लागू थी। इसके अलावा, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया गया और अटारी सीमा सील कर दी गई। भारत ने व्यापार और उड़ानों पर रोक लगा दी, जिससे द्विपक्षीय संपर्क पूरी तरह ठप हो गया।

  • भारत ने हवाई क्षेत्र पाकिस्तान के लिए बंद किया
  • आतंकवाद को राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला बताया
  • अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञों ने इस कार्रवाई को “सशर्त वैधता” कहा
  • पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय एयरलाइनों पर प्रतिबंध लगाया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमें आतंकवाद के मुद्दे को ज़ोर से उठाया और पाकिस्तान पर “आतंकी समूहों को समर्थन” देने का आरोप दोहराया।


ऐतिहासिक भूमिका और वैश्विक प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अतीत में भी भारत-पाक संकटों में मध्यस्थता की है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी UNSC ने तत्काल शांति की अपील की थी, जिससे अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा था। 2008 के मुंबई हमले के बाद भी UNSC ने 1267 समिति के तहत लश्कर-ए-तैयबा और हाफिज सईद पर प्रतिबंध लगाए थे, जिससे भारत की सुरक्षा नीति को वैश्विक समर्थन मिला।

  • 1999 में UNSC के दबाव से कारगिल युद्ध का अंत हुआ
  • 2008 में मुंबई हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर कार्रवाई हुई
  • UNSC की मध्यस्थता से 2016 में उरी हमले के बाद क्षेत्रीय तनाव घटा
  • वर्तमान बैठक में इन ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख किया गया

UNSC कूटनीतिक तनाव समाधान की दिशा में इस बैठक को एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, विशेषकर जब क्षेत्र दो परमाणु शक्तियों के बीच तनावपूर्ण है।

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