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पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित : भारत-पाक राजनयिक टकराव गहराया

पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित

पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित : जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश

भारत ने हाल ही में नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को निष्कासित किया है, जिसे ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है। यह कार्रवाई पंजाब में एक जासूसी गिरोह के भंडाफोड़ के बाद की गई, जिसमें उक्त अधिकारी की संलिप्तता पाई गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है, यह बताते हुए कि उनकी गतिविधियाँ राजनयिक मानदंडों के अनुरूप नहीं थीं।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में भारतीय राजनयिक का निष्कासन

भारत की इस कार्रवाई के जवाब में, पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को निष्कासित कर दिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, उक्त भारतीय अधिकारी ‘विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के साथ असंगत गतिविधियों’ में शामिल थे। उन्हें और उनके परिवार को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य बिंदु:

  1. भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी अधिकारी को जासूसी के आरोप में निष्कासित किया।
  2. पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में इस्लामाबाद में भारतीय अधिकारी को निष्कासित किया।
  3. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ा।
  4. संघर्ष विराम के बावजूद, राजनयिक संबंधों में तनाव जारी है।
  5. विशेषज्ञ संवाद और संयम की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।

इन घटनाओं के मद्देनजर, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच खुले संवाद और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है।

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला: तनाव की जड़ें गहरी

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। कार्रवाई में लश्कर और जैश के ठिकाने नष्ट किए गए। पाक अधिकृत कश्मीर में भी सैन्य हस्तक्षेप हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को खुली छूट दी। पहलगाम हमले के बाद भारत का जवाब सटीक और योजनाबद्ध था। यह कार्रवाई पूरी तरह सेना की खुफिया सूचनाओं पर आधारित थी, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित होने का कारण भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है।

    पाकिस्तान की प्रतिक्रिया : भारतीय अधिकारी को निष्कासित किया गया

    i] भारत की कार्रवाई के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने भी भारतीय अधिकारी शंकर रेड्डी चिंताला को निष्कासित कर दिया।

    ii] इस्लामाबाद में भारतीय प्रभारी को तलब किया गया।

    iii] पाक विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई।

    iv] चिंताला पर जासूसी का आरोप लगाया गया।

    v] भारत में पाकिस्तानी अधिकारी पर भी यही आरोप था।

    vi] दोनों देशों ने “आपसी राजनयिक व्यवहार” का उल्लंघन कहा।

    यह स्थिति वर्ष 2016 के पठानकोट हमले के बाद जैसी है, जब दोनों देशों के अधिकारियों को एक-दूसरे की जासूसी में निष्कासित किया गया था।

    राजनयिक संवाद या जवाबी कार्रवाई? विशेषज्ञों की राय

    भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल का मानना है कि ऐसी घटनाएं दोनों देशों के संबंधों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती हैं।

    • UNSC ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है।
    • संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी मध्यस्थता की पेशकश की।
    • राजनीतिक विश्लेषक मनीष तिवारी ने इसे ‘चिंताजनक’ कहा।
    • भारतीय जनता पार्टी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की मांग की।
    • कांग्रेस ने सरकार से संयम बरतने की सलाह दी।

    पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित करने के बाद यदि कूटनीतिक बातचीत न हुई, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है।

    अतिरिक्त बुलेट जानकारी:

    • भारत ने पंजाब में 3 अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
    • RAW की रिपोर्ट से ISI नेटवर्क की पुष्टि हुई।
    • डेनिश ने खालिस्तानी नेटवर्क से भी संपर्क बनाए थे।
    • पाकिस्तान ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आधिकारिक विरोध जताया।
    • भारत में पाक उच्चायोग की निगरानी बढ़ा दी गई है।

    पाकिस्तान को मिले चेतावनी का संदेश :

    1] भारत की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि जासूसी या भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    2] पाकिस्तान बार-बार भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करता रहा है।

    3] 2003, 2016 और 2019 में भी ऐसे राजनयिक निष्कासन हुए हैं।

    4] भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है।

    5] पाकिस्तान को भविष्य में संयम और जिम्मेदारी से पेश आना होगा।

    पाकिस्तानी अधिकारी निष्कासित कर भारत ने स्पष्ट किया कि अब ‘रणनीति में ढील’ नहीं दी जाएगी। राजनयिक चैनल चालू रखने जरूरी हैं, परन्तु सख्ती भी जरूरी है।

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