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क्लासरूम निर्माण घोटाला: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को समन।

क्लासरूम निर्माण घोटाला

आम आदमी पार्टी (AAP) के दो बड़े नेताओं को समन भेजा गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हैं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हैं। उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बुलाया है। यह समन कथित क्लासरूम निर्माण घोटाला से जुड़ा है। दिल्ली में जांच एजेंसियां सक्रिय हैं।

  • यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
  • दिल्ली सरकार में कथित अनियमितताएं सामने आ रही हैं।

ACB इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में निर्माण हुआ था। क्लासरूम के निर्माण में कथित अनियमितताएं पाई गई हैं। इसमें वित्तीय गड़बड़ी भी हुई है। लागत में बेतहाशा वृद्धि के आरोप हैं। नियमों का उल्लंघन भी हुआ है। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।

क्लासरूम निर्माण घोटाला क्या है?

क्लासरूम निर्माण घोटाला 2015-16 का मामला है। यह दिल्ली सरकार के स्कूलों से संबंधित है। अतिरिक्त क्लासरूम बनाए जाने थे। आरोप है कि लागत मनमाने ढंग से बढ़ाई गई। निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ।

  • केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने रिपोर्ट भेजी थी।
  • दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को यह रिपोर्ट मिली थी।

CVC की रिपोर्ट में अनियमितताओं का उल्लेख है। प्रारंभिक जांच के आधार पर यह रिपोर्ट बनी। रिपोर्ट कहती है कि लागत 90% से ज्यादा बढ़ाई गई। इसका कोई उचित औचित्य नहीं दिया गया। कुछ क्लासरूम बिना अनुमति बने। ठेके देने में भी नियम टूटे।

मुख्य बिंदु :

  1. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को ACB ने क्लासरूम निर्माण घोटाले में समन भेजा।
  2. 2015-16 में दिल्ली स्कूलों में क्लासरूम निर्माण के दौरान भारी लागत बढ़ोतरी के आरोप लगे।
  3. CVC रिपोर्ट में ठेके देने, लागत बढ़ाने और नियमों की अनदेखी की पुष्टि हुई है।
  4. 34 फर्मों को ठेके मिले, जिनमें कई आप नेताओं से जुड़ी बताई जा रही हैं।
  5. आप पार्टी ने इसे केंद्र की एजेंसियों द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है।
  6. भाजपा ने कहा कि आप सरकार के सुशासन के दावों की सच्चाई अब सामने आ गई।
  7. इस घोटाले ने दिल्ली की शिक्षा नीति और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ACB ने दर्ज किया क्लासरूम घोटाला केस

दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने केस दर्ज किया है। यह मामला AAP के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ है। पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन इसमें शामिल हैं।

  • यह कथित 2000 करोड़ रुपये का घोटाला है।
  • शिकायत के अनुसार, 12 हजार से अधिक क्लासरूम बने।
  • AAP सरकार के कार्यकाल में यह निर्माण हुआ।

ACB प्रमुख मधुर वर्मा ने बयान दिया है।

ठेके और लागत वृद्धि के आरोप

वर्मा ने कहा कि ठेके 34 फर्मों को दिए गए थे। इनमें से अधिकांश फर्म AAP से जुड़ी पाई गईं। निर्माण तय समय में पूरा नहीं हुआ।

  • इससे लागत में भारी वृद्धि हुई।
  • जांच भाजपा नेताओं की शिकायत पर शुरू हुई।
  • उन्होंने लागत पांच गुना बढ़ने का आरोप लगाया था।

यह घोटाला महत्वपूर्ण जांच का विषय है।

समन की टाइमिंग और राजनीतिक प्रतिक्रिया

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को समन मिला है। यह दिल्ली की राजनीति में अहम है। दोनों नेता पहले से जांच झेल रहे हैं। मनीष सिसोदिया जेल में बंद थे। उन्हें शराब नीति घोटाले में पकड़ा गया है। सत्येंद्र जैन भी जेल में थे। वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में थे। अभी वह जमानत पर बाहर हैं।

  • आप ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध कहा है।
  • आप नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं।

आप का कहना है कि केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वे दिल्ली सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। उनके जनहितैषी कामों को रोकना चाहते हैं। आप प्रवक्ता ने बयान जारी किया। उन्होंने समन को बेबुनियाद बताया। इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने आएगी। दिल्ली सरकार ईमानदार है। पारदर्शिता से काम करती है। सभी आरोप निराधार हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आप पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि समन भ्रष्टाचार दर्शाता है। भाजपा नेताओं ने निष्पक्ष जांच की मांग की। दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह कहा गया। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि आप ने सुशासन का दावा किया था। अब घोटाले सामने आ रहे हैं। यह उनके दावों को झूठा साबित करता है।

दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल

यह कथित क्लासरूम निर्माण घोटाला शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है। दिल्ली सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देती है। सरकार ने स्कूलों में सुधार का दावा किया था। यह घोटाला उन दावों पर सवाल उठाता है।

  • शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
  • सरकारी धन का सही उपयोग होना चाहिए।

इस मामले से जनता का विश्वास डिग सकता है। सरकारी परियोजनाओं पर भी संदेह हो सकता है। शिक्षा के बुनियादी ढांचे को लेकर चिंता बढ़ सकती है।

जांच एजेंसियों की भूमिका और भविष्य

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इस मामले की जांच कर रहा है। उनकी भूमिका अब बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। निष्पक्ष और त्वरित जांच की उम्मीद है। सच्चाई सामने आना जरूरी है। यह क्लासरूम निर्माण घोटाला देश भर में चर्चा का विषय है। इसका परिणाम दूरगामी हो सकता है।

  • जांच एजेंसी हर पहलू पर गौर करेगी।
  • इसमें शामिल सभी लोगों से पूछताछ होगी।

यह क्लासरूम निर्माण घोटाला देश भर में चर्चा का विषय है। इसका परिणाम दूरगामी हो सकता है।

जांच का अगला कदम और संभावित प्रभाव

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने समन भेजे हैं। अब मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जांच में शामिल होना होगा। उन्हें अपने बयान दर्ज कराने होंगे। ACB कई पहलुओं की जांच कर रही है। इसमें वित्तीय लेनदेन शामिल है। ठेके देने की प्रक्रिया भी देखी जा रही है। लागत वृद्धि के कारण भी पता किए जा रहे हैं।

  • जांच एजेंसी अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।
  • परियोजना से जुड़े अन्य व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं।
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