1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा लेकर शुभांशु शुक्ला पहुँचे अंतरिक्ष स्टेशन

वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा लेकर पहुँचे। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरकर भारत का नाम अंतरिक्ष इतिहास में दर्ज कर दिया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा का प्रतिनिधि बताया
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे भारत के लिए नया मील का पत्थर कहा।
- 1984 के बाद पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है।
- मिशन में अमेरिका हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं।
- ISRO और NASA के सहयोग से संचालित यह मिशन 14 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोगों पर केंद्रित है।
विपक्ष के नेताओं ने भी इस उपलब्धि की सराहना की। लखनऊ समेत पूरे देश में गर्व और उत्साह का वातावरण है। यह मिशन भारत की तकनीकी शक्ति, वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है। शुभांशु शुक्ला आज न केवल एक अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणा बन गए हैं
शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 मिशन पर राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
क्रम | नाम / पद | प्रतिक्रिया / टिप्पणी | स्रोत |
---|---|---|---|
1 | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू | “भारत के लिए नया मील का पत्थर, ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना।” | एक्स पोस्ट |
2 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | “1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा लेकर चल रहे हैं।” | एक्स पोस्ट |
3 | केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह | “विकसित भारत की दिशा में संकेत।” | मंत्रिपरिषद बयान |
4 | राहुल गांधी (विपक्ष नेता) | “राकेश शर्मा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।” | एक्स पोस्ट |
5 | शशि थरूर (कांग्रेस) | “41 साल बाद फिर एक भारतीय अंतरिक्ष में!” | एक्स पोस्ट |
6 | ओडिशा सीएम मोहन माझी | “युवाओं को प्रेरणा देने वाला कदम।” | मीडिया बयान |
7 | तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई | “यह भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।” | एक्स पोस्ट |
8 | IAF आधिकारिक बयान | “यह भारत के क्षितिज को विस्तारित करने वाला मिशन है।” | ट्विटर |
9 | केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव | मंत्रिपरिषद प्रस्ताव पढ़ा और बधाई दी | प्रेस रिलीज़ |
10 | लखनऊ में परिजनों का जश्न | फ्लोरिडा से प्रक्षेपण के बाद जश्न | स्थानीय मीडिया |
मुख्य बिंदु :
- लखनऊ में उत्सव, मिशन को राष्ट्रीय गौरव बताया गया।
- शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने।
- “वसुधैव कुटुंबकम” का प्रतीक बना अंतरिक्ष मिशन।
- मिशन में अन्य तीन अंतरिक्ष यात्री – अमेरिका, पोलैंड, हंगरी से।
- मिशन 14 दिन का, वैज्ञानिक प्रयोगों पर केंद्रित।
- लखनऊ में उत्सव, मिशन को राष्ट्रीय गौरव बताया गया।
राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री तक बधाइयों की बाढ़ :
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्ला को बधाई देते हुए कहा
“भारत ने अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। वह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का सजीव उदाहरण हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा:
“ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा और विश्वास लेकर अंतरिक्ष में गए हैं। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।”
ऐतिहासिक विरासत का पुनरारंभ
1984 में स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के बाद, यह पहली बार है जब कोई भारतीय नागरिक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना हुआ है। 41 वर्षों के अंतराल के बाद, यह मिशन भारत की नई वैज्ञानिक दिशा और वैश्विक अंतरिक्ष नेतृत्व में प्रवेश का प्रतीक बन गया है।
संसद और मंत्रिपरिषद की संयुक्त सराहना
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने शुक्ला के इस मिशन को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि,
“यह मिशन केवल एक वैज्ञानिक अभियान नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा और आत्मनिर्भरता का परिचायक है।”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इसे “विकसित भारत के शिखर की ओर एक कदम” कहा।
विपक्ष ने भी दी शुभकामनाएं
राहुल गांधी ने इसे “हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण” कहा। उन्होंने आगे लिखा,
“राकेश शर्मा के बाद अब शुभांशु शुक्ला उस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,
“गर्व के साथ आकाश छूने का समय है।”
शशि थरूर ने तो भावुक होते हुए लिखा,
“41 साल बाद फिर कोई भारतीय अंतरिक्ष में! यह भारत के लिए गौरव का क्षण है।”
अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक
Axiom-4 मिशन में भारत के अलावा अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। यह मिशन इसरो और नासा की बढ़ती साझेदारी और वैश्विक विज्ञान के मंच पर भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। मिशन में पैगी व्हिटसन कमांडर हैं, जबकि शुक्ला मिशन पायलट हैं।
लखनऊ में उत्सव, देशभर में गर्व
शुक्ला के गृहनगर लखनऊ में उनके परिवार और रिश्तेदारों ने मिशन की सफलता पर मिठाइयाँ बाँटीं और पूजा की। भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया:
“यह एक योद्धा की वह यात्रा है जो धरती से सितारों तक जाती है।”
वैज्ञानिक उपलब्धियां और संभावनाएं
इस मिशन में 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे। इनमें बायोमेडिकल रिसर्च, एआई आधारित स्पेस टूल्स और पृथ्वी-पर्यावरण निगरानी प्रमुख हैं। राष्ट्रपति ने भी कहा,
“इन प्रयोगों से वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाएँ खुलेंगी।”
प्रमुख प्रतिक्रियाओं की तालिका
नाम | पद | टिप्पणी |
---|---|---|
द्रौपदी मुर्मू | राष्ट्रपति | “भारत के लिए मील का पत्थर” |
नरेंद्र मोदी | प्रधानमंत्री | “1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा का प्रतिनिधि” |
राहुल गांधी | विपक्ष नेता | “गर्व का क्षण” |
मल्लिकार्जुन खड़गे | कांग्रेस प्रमुख | “गौरव के साथ आकाश छूने का समय” |
अश्विनी वैष्णव | मंत्री | संसद में प्रस्ताव पढ़ा |
के. अन्नामलाई | TN BJP अध्यक्ष | “मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत” |
डॉ. जितेंद्र सिंह | मंत्री | “विकसित भारत की दिशा” |
IAF | आधिकारिक ट्वीट | “शौर्य और विज्ञान की ऊंचाई” |
Axiom-4 मिशन केवल एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं है, यह भारत की वैज्ञानिक क्षमता, वैश्विक नेतृत्व और राष्ट्रीय गौरव का प्रमाण है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज न केवल एक मिशन को बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षा को अंतरिक्ष में ले गए हैं। यह मिशन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
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