भारत-पाकिस्तान संघर्ष: 8-9 मई की रात ड्रोन और वायु हमले!

8-9 मई की रात क्यों बढ़ा भारत-पाकिस्तान संघर्ष?
8-9 मई की दरम्यानी रात, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष चरम पर पहुँच गया। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में भारतीय मिलिट्री बेस पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।
भारत ने इन हमलों को नाकाम करते हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने 50 से अधिक ड्रोन भेजे, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने मार गिराया।
पाकिस्तान के हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई
रात के अंधेरे का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने जम्मू के आरएस पुरा, अरनिया और राजस्थान के जैसलमेर में विस्फोटकों से हमला किया। भारत की एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने इन मिसाइलों को बीच आसमान में ही नष्ट कर दिया।
इसके जवाब में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस और लाहौर की हवाई सुरक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया। भारत-पाकिस्तान संघर्ष में पहली बार F-16 और JF-17 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया गया।
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नागरिक सुरक्षा और सीमा पर बढ़ी सतर्कता
तनाव के बीच, भारत ने सीमावर्ती इलाकों में ब्लैकआउट लागू किया। राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को लाइट बंद करने और घरों में रहने का निर्देश दिया गया।
अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया और आपातकालीन हेल्पलाइन सक्रिय की गईं। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के इस दौर में सुरक्षा बलों ने सांबा जिले में घुसपैठ के एक बड़े प्रयास को भी विफल किया।
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद का हमला
7 मई की रात, भारत ने पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने 7-8 मई को सीमा पार हमला बोला।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उनके हमले केवल आतंकवादियों को निशाना बनाते थे, जबकि पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों पर अंधाधुंध हमले किए। भारत-पाकिस्तान संघर्ष की यह नई झड़प दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद का संकेत देती है।
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कैसे बचाई गई भारत की सैन्य संपत्ति?
भारतीय वायुसेना ने एलओसी पर पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधियों पर रियल-टाइम नज़र रखी। उधमपुर, सांबा और पठानकोट में तैनात वायु रक्षा इकाइयों ने 50 से अधिक ड्रोन नष्ट किए।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के F-16 विमानों को मार गिराने के लिए भारत ने उन्नत रडार तकनीक का इस्तेमाल किया। भारत-पाकिस्तान संघर्ष में यह सफलता भारत के उन्नत डिफेन्स सिस्टम का प्रमाण है।
तुर्किये का पाकिस्तान को खुला समर्थन
आज भारत ने अपने सबसे बड़े दुश्मन और भारत में आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने वाले पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया है तो इस पर तुर्किए को गहरा दर्द होता दिख रहा है।
अब तक भारत और तुर्किए के बीच कभी कोई खास तनाव नहीं रहा था। लेकिन तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पाकिस्तान पर भारतीय सेना के मुंबतोड़ कार्रवाई पर भारत के खिलाफ बयान दिया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि भारत ने यह तनाव खुले संघर्ष में बदल दिया है। जाहिर है भारत तुर्किये के इस रुख से बिलकुल खुश नहीं होगा वह अब दुश्मन का साथ देने वाले देश को भी दुश्मन की तरह ही देखेगा।
तुर्किये के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वह चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्टी बना रहे।
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संघर्ष की पृष्ठभूमि
इस संघर्ष की पृष्ठभूमि 2019 के बालाकोट हवाई हमले से जुड़ी है, जब भारत ने आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। इस बार, पाकिस्तान ने ड्रोन टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया, जो नई चुनौती पेश करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का काउंटर-ड्रोन सिस्टम दुनिया के सबसे उन्नत सिस्टम्स में से एक है। सीमा पर तैनात BSF के जवानों ने रातभर निगरानी करते हुए 15 घुसपैठ के प्रयासों को विफल किया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह संघर्ष क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालाँकि, पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों ने तनाव को और बढ़ा दिया है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के इस नए चरण में दोनों देशों की सेनाएँ अलर्ट मोड पर हैं, और किसी भी बड़े हमले की आशंका से नागरिकों में डर का माहौल है।
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