CBSE परीक्षा 2026: अब साल में दो बार, छात्रों को मिलेगा बेहतर मौका!

CBSE परीक्षा 2026 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में एक ऐतिहासिक बदलाव की पुष्टि की है, जिसके तहत ये परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यह भारत की स्कूली परीक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। 25 जून, 2025 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप इस फैसले की घोषणा की है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों पर से शैक्षणिक दबाव कम करना और उन्हें अपने परिणामों में सुधार के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करना है। CBSE के परीक्षा नियंत्रक, डॉ. संयम भारद्वाज ने इस क्रांतिकारी कदम की पुष्टि करते हुए विस्तृत जानकारी प्रदान की है।
- यह निर्णय बोर्ड परीक्षाओं के ‘उच्च दांव’ वाले पहलू को कम करेगा।
- यह छात्रों को एक ही शैक्षणिक वर्ष में दो बार परीक्षा देने का अवसर प्रदान करेगा।
- एनईपी 2020 का दृष्टिकोण लचीली शिक्षा और छात्र-केंद्रित मूल्यांकन को बढ़ावा देना है।
मुख्य बिंदु :
- साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मिलेगा मौका, पहला अनिवार्य और दूसरा वैकल्पिक।
- दोनों परीक्षाओं में से छात्र के सर्वश्रेष्ठ अंक को ही अंतिम परिणाम में जोड़ा जाएगा।
- एक ही मौका नहीं, अब दो बार परीक्षा देकर कम किया जाएगा परीक्षा का मानसिक दबाव।
- जिनका फरवरी में प्रदर्शन कमजोर रहा, उन्हें मई में सुधार का मिलेगा सुनियोजित अवसर।
- केवल पहली परीक्षा देने वालों को ही दूसरी बार बैठने की पात्रता दी जाएगी।
- आंतरिक मूल्यांकन सिर्फ एक बार, पहली परीक्षा से पहले ही किया जाएगा आयोजित।
- खेल गतिविधियों और विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को लचीले विकल्प मिलते रहेंगे।
क्या है नया स्वरूप और यह कैसे काम करेगा?
- CBSE परीक्षा 2026 के तहत अब कक्षा 10 के छात्रों को वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
- पहला प्रयास अनिवार्य होगा, जो फरवरी के मध्य में आयोजित किया जाएगा।
- दूसरा प्रयास वैकल्पिक होगा, जो मई में उन छात्रों के लिए होगा जो अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि पहले प्रयास के परिणाम अप्रैल में और दूसरे के जून में घोषित किए जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्रों द्वारा दोनों परीक्षाओं में प्राप्त अंकों में से उच्चतम स्कोर को अंतिम परिणाम के लिए माना जाएगा। यह वर्तमान प्रणाली से काफी अलग है, जहां छात्रों को केवल एक वार्षिक अवसर मिलता था। खराब प्रदर्शन की स्थिति में, कंपार्टमेंट परीक्षा ही एकमात्र विकल्प थी, जो अक्सर सीमित और विलंबित होती थी। नई प्रणाली छात्रों को बिना किसी देरी या कलंक के अपने प्रदर्शन में सुधार करने का एक नियोजित अवसर प्रदान करती है।
- दोनों प्रयास एक ही पाठ्यक्रम पर आधारित होंगे, जिससे छात्रों को तैयारी में आसानी होगी।
- प्रश्न पत्र अलग-अलग होंगे ताकि निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहे।
- विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम और दिशानिर्देश 2026 सत्र के करीब जारी किए जाएंगे।
छात्रों और स्कूलों पर प्रभाव
इस बदलाव का छात्रों और स्कूलों दोनों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। छात्रों पर अब एक ही मौके का दबाव नहीं रहेगा, जिससे परीक्षा संबंधी चिंताएं कम होंगी। उन्हें पता होगा कि अगर पहला प्रयास संतोषजनक नहीं रहा, तो उनके पास दूसरा मौका है। शैक्षणिक कैलेंडर और संशोधन चक्रों में बदलाव आ सकता है, जिससे स्कूलों को अपनी शिक्षण रणनीतियों को अनुकूलित करना होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस कदम को “बहुत जरूरी” बताया है, उनका मानना है कि यह तनाव कम करेगा और एक आनंदमय शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देगा। यह योग्यता-आधारित मूल्यांकन की दिशा में एक बदलाव है, जहाँ रटने के बजाय समझ को महत्व दिया जाएगा।
- आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार, पहली परीक्षा से पहले आयोजित किया जाएगा।
- यह मूल्यांकन प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा और कार्यभार को कम करेगा।
- छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी तीन विषयों में अपने प्रदर्शन में सुधार करने की अनुमति होगी।
पात्रता और विशेष प्रावधान
नई संरचना के तहत, सभी छात्रों के लिए पहली परीक्षा में उपस्थित होना अनिवार्य है। केवल वे छात्र जिन्होंने पहले चरण में कम से कम तीन विषयों में उपस्थिति दर्ज कराई है, वे दूसरी परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में तीन या अधिक विषय छोड़ देता है, तो उसे ‘आवश्यक पुनरावृत्ति’ श्रेणी में रखा जाएगा।
- ऐसे छात्र अगले वर्ष की मुख्य परीक्षा में ही उपस्थित हो सकेंगे।
- जिन छात्रों को पहली परीक्षा में कंपार्टमेंट परिणाम मिलता है, उन्हें कंपार्टमेंट श्रेणी के तहत दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, शीतकालीन सत्र में भाग लेने वाले स्कूलों के छात्रों को दोनों चरणों में से किसी एक में परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। खेल उम्मीदवारों को भी दूसरे चरण में उन विषयों में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी जो उनके खेल आयोजनों से मेल खाते हैं। CWSN (विशेष आवश्यकता वाले बच्चे) को दोनों चरणों में पहले से उपलब्ध सभी परीक्षा सुविधाएं मिलती रहेंगी। CBSE परीक्षा 2026 की यह पहल एक अधिक सहायक और न्यायसंगत शैक्षणिक वातावरण बनाने का वादा करती है।
परिणाम और आगे की सेवाएं
- पहली परीक्षा का परिणाम डिजिलॉकर पर उपलब्ध होगा, XI में अनंतिम प्रवेश संभव होगा।
- अंतिम प्रमाणपत्र केवल दूसरी परीक्षा पूरी होने के बाद ही जारी किए जाएंगे।
- फोटोकॉपी, पुनर्मूल्यांकन और सत्यापन की सेवाएँ दूसरी परीक्षा परिणाम के बाद मिलेंगी।
- पहली परीक्षा में फेल छात्र दूसरी परीक्षा के बाद ही XI में अंतिम रूप से प्रवेश पाएंगे।
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