गुजरात से जासूस गिरफ्तार: पाक एजेंट को भेजी वायुसेना की जानकारी

गुजरात में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी मामले का पर्दाफाश करते हुए एक व्यक्ति को गुजरात से जासूस गिरफ्तार किया है। आरोपी ने व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट को भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी लीक की। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है।
आरोपी सहदेव सिंह गोहिल की पहचान और भूमिका
गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के वरिष्ठ अधिकारी सिद्धार्थ ने अहमदाबाद में मीडिया को बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम सहदेव सिंह गोहिल है। वह कच्छ जिले के लखपत तालुका के नारायण सरोवर का निवासी है। गोहिल एक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी था, जो कच्छ जिले के माता नो माध क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में काम करता था।
- गोहिल की उम्र 28 वर्ष है।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता होने के कारण इलाके में उसका व्यापक संपर्क था।
- उसने पाकिस्तानी एजेंट से लंबा संपर्क रखा।
- संवेदनशील सैन्य स्थलों की तस्वीरें और वीडियो भेजे।
जासूसी का तरीका: व्हाट्सएप के जरिए जानकारी साझा करना
एटीएस को मिली एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, गोहिल ने जुलाई 2023 से व्हाट्सएप के माध्यम से “अदिति भारद्वाज” नामक पाकिस्तानी महिला एजेंट से संपर्क किया। जांच में पता चला कि इस महिला एजेंट ने गोहिल से भारतीय तटीय सीमा पर चल रही बीएसएफ चौकियों, नौसेना कार्यालयों और निर्माण कार्यों की तस्वीरें और वीडियो मांगे थे।
- गोहिल ने पैगंबर सीमा सुरक्षा बल और नौसेना से संबंधित तस्वीरें भेजीं।
- 2025 की शुरुआत में गोहिल ने नया सिम कार्ड खरीदा।
- उसने व्हाट्सएप ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्रदान करके उस नंबर पर व्हाट्सएप अकाउंट एक्टिवेट किया।
- एजेंट ने इस नंबर से ही बातचीत और जानकारी ली।
फोरेंसिक जांच से सामने आया बड़ा सच
गुजरात एटीएस ने आरोपी के मोबाइल फोन को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) को भेजा, जहां से महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकले। फोरेंसिक जांच में व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड, और मल्टीमीडिया फाइलों में पाकिस्तानी एजेंट से गोपनीय रक्षा जानकारियों का आदान-प्रदान पाया गया।
- फोन में सुरक्षा एजेंसाओं और रक्षा स्थानों से जुड़ी संवेदनशील तस्वीरें मिलीं।
- ये तस्वीरें न केवल मौजूदा बल्कि निर्माणाधीन सैन्य प्रतिष्ठानों की भी थीं।
- फोरेंसिक विश्लेषण में पाकिस्तानी एजेंट के व्हाट्सएप नंबर का पाकिस्तान से संचालित होना भी साबित हुआ।
आतंकवादी हमले के बाद हुई सक्रियता
29 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयंकर आतंकवादी हमले की खबर सामने आई। इस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू गाइड शहीद हो गए थे। सुरक्षा एजेंसियां इसके बाद से देशभर में आतंकवाद विरोधी और जासूसी गतिविधियों पर विशेष नजर रख रही थीं।
- इस हमले के तुरंत बाद खुफिया एजेंसियों को गोहिल की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली।
- आतंकवाद निरोधी दस्ते ने तुरंत जांच शुरू की।
- गोहिल को 1 मई को अहमदाबाद में एटीएस मुख्यालय में हिरासत में लिया गया।
- जांच टीम में इंस्पेक्टर पी.बी. देसाई, सब-इंस्पेक्टर डी.वी. राठौड़, और आर.आर. गरचर शामिल थे।
गोहिल की जासूसी के लिए मिली नकद रकम
जांच में यह भी सामने आया कि गोहिल को जासूसी के लिए 40,000 रुपये नकद दिए गए थे। यह राशि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा दी गई, जो पाकिस्तान से संचालित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा माना जा रहा है।
- इस रकम से यह साफ है कि आरोपी अनुबंधित जासूस था।
- अधिकारियों को शक है कि नकद भुगतान जासूसी के लिए प्रोत्साहन था।
- रकम के स्रोत की जांच अभी जारी है।
- गोहिल के कबूलनामे ने जासूसी की सारी जानकारी दी।
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
गुजरात एटीएस ने आरोपी और पाकिस्तानी महिला एजेंट “अदिति भारद्वाज” के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 61 और 148 के तहत मामला दर्ज किया है। यह धारा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ जासूसी करने वालों के लिए लागू होती है।
- केस दर्ज होने के बाद केंद्रीय एजेंसियों से परामर्श हुआ।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित किया गया।
- आगे की जांच में जासूसी के और नेटवर्क का पता लगाने पर बल दिया जाएगा।
- गोहिल से पूछताछ जारी है।
देश की सुरक्षा के लिए बड़ी सफलता
यह मामला इस बात का प्रमाण है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां किस कदर सक्रिय और सतर्क हैं। सीमा सुरक्षा बल और नौसेना की सुरक्षा के लिए लगे कर्मचारी तक जासूसी में लिप्त पाए जाने से यह खतरा स्पष्ट होता है कि दुश्मन देश किस तरह से रणनीतिक रूप से भारत की रक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
- जासूस की गिरफ्तारी ने बड़े खतरे को टाला।
- भारतीय एजेंसियों के इंटेलिजेंस और फोरेंसिक विश्लेषण की सराहना।
- सुरक्षा एजेंसियों का सतर्क रहना जरूरी।
- देशवासियों को भी जागरूक रहने की जरूरत।
जम्मू-कश्मीर और सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच अहम गिरफ़्तारी
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस स्थिति में गुजरात से जासूस गिरफ्तार होना चिंता बढ़ाने वाला है। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।
- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियान तेज।
- सीमा पर सतर्कता बढ़ाई गई।
- जासूसी के मामलों की जांच पूरे देश में।
- सुरक्षा एजेंसियां सतर्क और मजबूत।
गुजरात से जासूस गिरफ्तार की यह खबर भारतीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जासूसी के जरिए कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है। सतर्कता और प्रभावी जांच से ही ऐसे खतरे टाले जा सकते हैं। देश को चाहिए कि वह हर स्तर पर सुरक्षा की मजबूत नींव डाले और ऐसे सभी षड्यंत्रों को नाकाम करे।
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