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ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की दहशत के बीच वतन वापसी की गुहार

ईरान में फंसे भारतीय

ईरान में इजरायली हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ गई है। इसके चलते वहां फंसे सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्रों में डर का माहौल है। कई छात्रों ने भारत सरकार से तत्काल निकासी की अपील की है। तेहरान के शाहिद बेहेश्टी विश्वविद्यालय में 350 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। अब कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं, और छात्रों ने अपनी जान के डर से बेसमेंट में शरण ले ली है।

  • शुक्रवार को सुबह 2:30 बजे तेज धमाकों की आवाज से जगे इम्तिसाल मोहिदीन ने बेसमेंट में शरण ली।
  • उनके छात्रावास से केवल 5 किमी दूर एक विस्फोट हुआ था।
  • केरामन विश्वविद्यालय के छात्र फैजान नबी ने बताया कि शांत क्षेत्रों में भी गोलीबारी हो रही है।

मुख्य बिंदु :

  1. इजरायली हवाई हमलों से ईरान में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों में भारी डर का माहौल।
  2. तेहरान के शाहिद बेहेश्टी विश्वविद्यालय में 350 से अधिक भारतीय छात्र हालात से जूझ रहे।
  3. कई छात्रों ने भारत सरकार से तत्काल निकासी के लिए सहायता की अपील की।
  4. तेहरान सहित देशभर में विस्फोट और गोलीबारी से हालात और भी गंभीर हो रहे।
  5. भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन और टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से सहायता शुरू की।
  6. दो कश्मीरी छात्र घायल, विश्वविद्यालय द्वारा सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण कराया गया।
  7. भारत सरकार निकासी अभियान पर विचार कर रही; विभिन्न वैकल्पिक रूट पर चर्चा जारी।

राजधानी से बाहर भी फैला डर का साया

यह डर केवल तेहरान तक सीमित नहीं है। देश के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति है। छात्रों को तीन-चार दिनों के लिए पानी जमा करने की सलाह दी गई है। धीमी इंटरनेट गति के कारण वे अपने परिवारों से मुश्किल से संपर्क कर पा रहे हैं। ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस की छात्रा मिदहत ने हमलों की पहली रात को “सबसे भयावह” बताया। वहां लगातार विस्फोटों की आवाजें आ रही थीं।

हवाई प्रतिबंध और बढ़ती चिंताएँ

बढ़ते संघर्ष के कारण ईरान के हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लग गया है। इससे छात्रों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। ज़्यादातर छात्र अपने कमरों में ही रह रहे हैं। वे तेहरान में भारतीय दूतावास से मिलने वाली सूचनाओं और सलाह पर निर्भर हैं। दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और एक टेलीग्राम समूह जारी किया है।

  • दूतावास व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों के संपर्क में है।
  • कुछ छात्रों को दूतावास की मदद से ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर भी भेजा गया है।

घायल छात्र और विश्वविद्यालयों की भूमिका

रविवार रात तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अंतरराष्ट्रीय छात्रों के छात्रावास के पास एक हमला हुआ। इसमें कश्मीर के दो भारतीय छात्र घायल हो गए। सौभाग्य से, दोनों की हालत स्थिर है। उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा रामसर में स्थानांतरित कर दिया गया है। छात्रों का कहना है कि उनके विश्वविद्यालयों ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कम किया है।

  • भारत के अनुरोध पर ईरान ने जमीनी सीमा के माध्यम से निकासी की अनुमति दी है।
  • छात्र अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते भारत लौट सकते हैं।

राजनीतिक दलों की अपील और समर्थन

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) जैसी राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से ईरान में फंसे छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने फंसे हुए कश्मीरी छात्रों से तेहरान में भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा है। उन्होंने संपर्क न होने पर उन्हें टैग करने की सलाह भी दी।

  • जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने विदेश मंत्री ए जयशंकर से निकासी की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
  • पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

निकासी अभियान और भविष्य की चुनौतियाँ

ईरान में लगभग 10,000 से ज़्यादा भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में मेडिकल और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं। इन छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना अब जीवित रहने की एक हताश लड़ाई में बदल गया है। भारत सरकार ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की निकासी के लिए एक विशेष बचाव अभियान पर विचार कर रही है। दूतावास कल्याण और सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा के लिए समुदाय के नेताओं के संपर्क में है। ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की निकासी प्राथमिकता बनी हुई है।

  • भारत सरकार ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के अभियान पर विचार कर रही है।
  • अन्य व्यवहार्य विकल्पों की भी जाँच की जा रही है, जिसमें संभावित निकासी योजनाएँ भी शामिल हैं।
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