सहरसा मुंबई ट्रेन सेवा: पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी
सहरसा मुंबई ट्रेन सेवा अब यात्रा को तेज़, सुरक्षित और किफायती बनाकर यात्रियों को राहत पहुंचा रही है।
24 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी से इस ट्रेन को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।
यह अमृत भारत एक्सप्रेस श्रृंखला की तीसरी ट्रेन है और पहली जो बिहार-महाराष्ट्र को जोड़ने का कार्य करती है।
ट्रेन में पुश-पुल तकनीक है, जिससे गति 130 किमी/घंटा तक जाती है और टर्नअराउंड समय घटता है।
₹450 से कम किराए में 1,000 किमी यात्रा की सुविधा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए वरदान बनती है।
आधुनिक सुविधाएं और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :
ट्रेन में फोल्डेबल स्नैक टेबल, रेडियम फ्लोरिंग और मोबाइल धारक जैसी आधुनिक सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी।
सीलबंद गैंगवे, वैक्यूम टॉयलेट, एयर स्प्रिंग सस्पेंशन यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देते हैं।
गैर-एसी कोच में पहली बार आग डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया, जिससे सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी हुई।
रेल मंत्री ने इसे गरीबों की ट्रेन बताया, बिहार के सीएम और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने प्रशंसा की।
ट्रेन सेवा देश की क्षेत्रीय एकता, संपर्क और समान विकास के मिशन को मजबूती से आगे बढ़ा रही है।
सहरसा-मुंबई ट्रेन सेवा : लॉन्च टाइमलाइन और तकनीकी ख़ूबियाँ
अमृत भारत एक्सप्रेस की पहली ट्रेन दरभंगा से आनंद विहार के लिए शुरू की गई थी।
दूसरी ट्रेन मालदा टाउन से बेंगलुरु के लिए चली, जिससे पूर्व और दक्षिण जुड़ाव मजबूत हुआ।
अब तीसरी ट्रेन सहरसा से मुंबई तक चलाई गई है, जो पूर्वी भारत को वेस्ट से जोड़ती है।
इसका रूट समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पाटलिपुत्र, प्रयागराज, जबलपुर, कटनी से होकर LTT, मुंबई तक जाता है।
दोनों सिरों पर इंजन लगे हैं, जिससे 130 किमी/घंटा तक गति और तेज़ टर्नअराउंड संभव हो पाता है।
यात्रियों की सुविधाएं और राष्ट्रीय महत्व की झलक :
ट्रेन में रेडियम फ्लोरिंग, मोबाइल धारक और फोल्डेबल स्नैक टेबल जैसी सुविधाएं यात्रियों को मिलती हैं।
वैक्यूम टॉयलेट, सीलबंद गैंगवे और ऑटोमेटेड साबुन डिस्पेंसर से स्वच्छता और सुविधा का स्तर बढ़ा है।
OBCMS तकनीक से व्हील और बियरिंग की निगरानी होती है, साथ ही आग का डिटेक्शन सिस्टम भी जोड़ा गया है।
रेल मंत्री ने इसे गरीबों की ट्रेन कहा, पीएम मोदी ने इसे “नए भारत की रेल” करार दिया।
यह सेवा सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि विकास और क्षेत्रीय समानता की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रही है।
विकास और समानता की दिशा में एक मजबूत निष्कर्ष :
सहरसा-मुंबई ट्रेन सेवा पूर्वी भारत के लिए नए आर्थिक अवसरों का द्वार खोलती है।
कम किराया और तेज़ कनेक्टिविटी से मध्यम वर्ग और कमजोर वर्ग के यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा।
19 स्टेशनों से होकर गुजरती यह सेवा क्षेत्रीय संतुलन और रोजगार के नए रास्ते बना रही है।
गैर-एसी कोच में पहली बार आग डिटेक्शन जैसी तकनीक आम लोगों को सुरक्षा का भरोसा देती है।
यह ट्रेन भारतीय रेलवे की नई सोच और डिजिटल, समावेशी भविष्य की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है।
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