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वक्फ संशोधन पर रोक? सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई

वक्फ संशोधन

सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन कानून चुनौती से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करने जा रही है। इस पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जो 13 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। पीठ में जस्टिस संजय कुमार और केवी विश्वनाथन भी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश की पीठ के पास सीमित समय होने की वजह से।

  • कुल 5 प्रमुख याचिकाएं सूचीबद्ध, जिनमें असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी
  • केंद्र ने अब तक 1,332 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया

केंद्र ने रोकी विवादास्पद कार्रवाई :

  • 17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह 5 मई तक किसी भी “वक्फ बाय यूजर” संपत्ति को अधिसूचित नहीं करेगी।
  • केंद्र वक्फ परिषद में नई नियुक्तियों से भी रुकी
  • सरकार ने कोर्ट के सवालों के बाद ही दी यह राहत
  • कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक संपत्तियों से छेड़छाड़ न हो

उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ विवादित प्रावधान :

“उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ” का प्रावधान उन संपत्तियों पर लागू होता है जो लंबे समय से धार्मिक गतिविधियों में प्रयुक्त हो रही हैं, भले ही उन्हें आधिकारिक रूप से वक्फ घोषित न किया गया हो। इस नियम के अनुसार, अगर कोई भूमि या भवन वर्षों से किसी मस्जिद, दरगाह या धार्मिक कार्य में इस्तेमाल हो रहा है, तो उसे वक्फ संपत्ति माना जा सकता है। यह प्रावधान विवादास्पद इसलिए है क्योंकि इससे निजी या सरकारी भूमि पर भी वक्फ बोर्ड दावा कर सकता है।

सरकार के अनुसार, बिना किसी वैधानिक दस्तावेज के किसी भूमि को वक्फ घोषित करना अनुचित है। इससे संपत्ति विवादों की संख्या बढ़ सकती है और कानूनी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। अदालतों में ऐसे कई मामलों में निजी मालिकों ने आपत्ति जताई है, जहां बिना स्वीकृति के वक्फ घोषित कर दिया गया। सरकार का मत है कि यह प्रथा भूमि अधिकारों की पारदर्शिता और सुरक्षा को कमजोर कर सकती है।

केंद्र का पक्ष: विधायी प्रक्रिया का सम्मान

  • सरकार ने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 संसद द्वारा “उचित विचार-विमर्श” के बाद पारित हुआ है।
  • राष्ट्रपति ने 5 अप्रैल को दी थी मंजूरी
  • लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 128 मतों से पास हुआ कानून
  • सरकार ने “पूर्ण रोक” का विरोध किया, बताया इसे “न्यायिक शासन” का खतरा

अल्पसंख्यक मंत्रालय की दलीलें :

1] केंद्र ने अपने जवाबी हलफनामे में बताया कि 1923 से ही वक्फ पंजीकरण अनिवार्य है।

2] 2013 के संशोधन के बाद वक्फ भूमि में 116% की वृद्धि

3] लगभग 20 लाख एकड़ वक्फ भूमि दर्ज

4] कानून आस्था और पूजा में हस्तक्षेप नहीं करता

विरोध में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड :

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार के आंकड़ों को गलत बताते हुए उन्हें “झूठा हलफनामा” कहा है। बोर्ड ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्डने कहा – सरकार निजी संपत्तियों पर नियंत्रण चाहती है इस कानून से मुस्लिम समुदाय के अधिकार प्रभावित होंगे

क्या होगा अगला कदम?

१) अंतरिम राहत या आंशिक रोक की संभावना
२) अंतिम निर्णय नई पीठ के गठन पर निर्भर हो सकता है
३) केंद्र और याचिकाकर्ताओं के बीच कानूनी टकराव गहराता दिख रहा

वक्फ संशोधन कानून चुनौती को लेकर अदालत और सरकार के बीच संतुलन की परीक्षा है।

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