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जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना

जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना को मंजूरी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 9 अप्रैल को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस बैठक में दो अहम रेलवे परियोजनाओं जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना को मंजूरी दी गई, जिनका उद्देश्य प्रमुख शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक की भीड़ को कम करना है। इन्हीं में से एक है जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना, जो पंजाब और हरियाणा में सड़क संपर्क को सशक्त बनाएगी।

क्या है जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना ?

यह योजना पंजाब और हरियाणा राज्यों में 19.2 किलोमीटर लंबी छह लेन की एक्सेस-नियंत्रित बाईपास सड़क के निर्माण की है। इसे हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) पर विकसित किया जाएगा, जिससे निर्माण और संचालन में निजी और सरकारी भागीदारी सुनिश्चित होगी।

  • यह बाईपास NH-7 (जीरकपुर-पटियाला) से शुरू होकर NH-5 (जीरकपुर-परवाणू) तक जाएगा।
  • परियोजना की कुल लागत ₹1878.31 करोड़ है।
  • यह बाईपास पंजाब सरकार के मास्टर प्लान और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार किया जाएगा।

इन शहरों को होगा लाभ :

इस बाईपास के निर्माण से जीरकपुर,पंचकूला, मोहाली, और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
यह विशेष रूप से पटियाला, दिल्ली, और मोहाली एरोसिटी से आने वाले भारी ट्रैफिक को डायवर्ट करने में मदद करेगा।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश को सीधी सड़क कनेक्टिविटी मिल पाएगी।

योजना के प्रमुख लाभ :

  • जीरकपुर और पंचकूला के शहरी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचाव।
  • NH-7, NH-5, और NH-152 पर ट्रैफिक फ्लो में सुधार।
  • यात्रा का समय घटेगा और यातायात अधिक सुविधाजनक होगा।
  • चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला को जोड़ने वाला एक मजबूत रिंग रोड नेटवर्क तैयार होगा।

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस योजना की सराहना की और इसे भविष्य के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।
PIB (पत्र सूचना कार्यालय) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह बाईपास पीएम गतिशक्ति योजना का एक अहम हिस्सा है, जो एकीकृत परिवहन ढांचे को मजबूती देगा।

निष्कर्ष :

जीरकपुर बाईपास निर्माण योजना केवल एक सड़क परियोजना नहीं है, यह आने वाले समय में पंजाब और हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में यातायात की दिशा ही बदल देगी। यह योजना पीएम गतिशक्ति योजना के तहत एकीकरण, गति और विकास की दिशा में बड़ा कदम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 104 किलोमीटर लंबे तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन को 1,332 करोड़ रुपये की कुल लागत से दोहरीकरण करने को भी मंजूरी दी।

 

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