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राहुल गांधी के नागरिकता मामला: इलाहाबाद HC ने केंद्र को 4 हफ्ते का समय दिया, 21 अप्रैल को सुनवाई

Rahul Gandhi's citizenship case

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर चल रहे विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को गांधी की भारतीय नागरिकता की स्थिति पर फैसला लेने के लिए 4 सप्ताह का अंतिम समय दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। यह मामला पिछले कई वर्षों से चर्चा में है, जिसमें गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता का दावा करने का आरोप लगता रहा है।

क्या है पूरा विवाद? सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप और संवैधानिक पहलू

2019 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राहुल गांधी ने यूके अधिकारियों को सौंपे गए दस्तावेजों में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया। स्वामी के मुताबिक, यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 और नागरिकता अधिनियम 1955 का उल्लंघन है, जो दोहरी नागरिकता रखने पर प्रतिबंध लगाता है। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी का यह कृत्य ब्रिटिश पासपोर्ट धारण करने के बराबर है।

केंद्र सरकार का रुख और कोर्ट का निर्देश

स्वामी ने अदालत को बताया कि गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को इस मामले में नोटिस जारी किया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आने के कारण कार्रवाई नहीं हुई। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से स्वामी की याचिका और गृह मंत्रालय में दर्ज शिकायत पर हुए घटनाक्रमों की डिटेल्स मांगी हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह निर्देश मुख्य मामले के फैसले से नहीं, बल्कि स्वामी की याचिका पर तत्काल कार्रवाई के लिए है।

सीबीआई जांच की मांग और यूके सरकार के ‘गोपनीय ईमेल’ का दावा

इसके समानांतर, भाजपा नेता और वकील विग्नेश शिशिर ने भी हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। शिशिर ने दावा किया कि उनके पास यूके सरकार के कुछ गोपनीय ईमेल हैं, जो ब्रिटेन के नागरिकता रिकॉर्ड में राहुल गांधी के नाम की पुष्टि करते हैं। हालांकि, इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता अभी साबित नहीं हुई है।

राजनीतिक रिएक्शन और कांग्रेस का पक्ष

इस मामले पर कांग्रेस पार्टी ने आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने कभी भी भारतीय नागरिकता को छोड़ने का दावा नहीं किया और यह मामला सिर्फ उन्हें विवादों में घेरने की कोशिश है। वहीं, भाजपा नेता इस मुद्दे को “राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा” बताते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

क्या कहता है कानून? दोहरी नागरिकता पर सख्त प्रावधान

भारतीय कानून के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो विदेशी नागरिकता स्वीकार करता है, उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है। हालांकि, नागरिकता अधिनियम की धारा 9 के तहत यह साबित करना जरूरी है कि व्यक्ति ने जानबूझकर दूसरे देश की नागरिकता ली है। अगर राहुल गांधी के खिलाफ आरोप सही साबित होते हैं, तो उनकी संसद सदस्यता और राजनीतिक करियर पर गंभीर असर पड़ सकता है।

आगे की कार्यवाही: क्या होगा अगले चार हफ्तों में?

केंद्र सरकार को अब 4 हफ्तों के भीतर गृह मंत्रालय की जांच रिपोर्ट और कानूनी राय कोर्ट के सामने पेश करनी होगी। इसके साथ ही, 21 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि क्या राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं। यह केस न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

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