नई दिल्ली, 20 मार्च 2024: दिल्ली उच्च न्यायालय ने INI-CET 2025 के लिए स्पॉट एडमिशन राउंड न आयोजित करने के एम्स के फैसले पर सवाल उठाते हुए संस्थान और केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एम्स ने अपने प्रॉस्पेक्टस के नियमों का उल्लंघन कर छात्रों के प्रवेश अवसरों को नुकसान पहुंचाया है।
प्रॉस्पेक्टस बनाम व्यवहार: मामले की जड़
INI-CET (इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इम्पोर्टेंस कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के माध्यम से एम्स, जिपमर और पीजीआईएमईआर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में PG मेडिकल कोर्सेज में दाखिला होता है। 2024-25 के प्रॉस्पेक्टस में काउंसलिंग, ओपन राउंड और स्पॉट एडमिशन राउंड का स्पष्ट उल्लेख था। हालांकि, परिणाम घोषित होने के बाद एम्स ने स्पॉट राउंड रद्द कर दिया, जिससे सैकड़ों छात्र प्रभावित हुए।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष: “वादे से मुकरना अन्याय”
याचिकाकर्ताओं के वकील तन्वी दुबे ने तर्क दिया कि एम्स का यह कदम मनमाना और भेदभावपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कई छात्रों ने बेहतर विकल्पों की उम्मीद में प्रारंभिक राउंड में सीटें छोड़ दीं, लेकिन स्पॉट राउंड न होने से उनकी रणनीति विफल रही। याचिका में अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और 21 (शिक्षा का अधिकार) के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया।
एम्स का जवाब: “संस्थानों का विवेक”
एम्स ने कहा कि स्पॉट राउंड आयोजित करना संबंधित संस्थानों के विवेक पर निर्भर है और याचिका में अन्य INI संस्थानों को पक्षकार नहीं बनाया गया। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को अन्य संस्थानों को नोटिस जारी करने की अनुमति दी, साथ ही प्रॉस्पेक्टस से विचलन के कारणों पर सवाल उठाए।
तकनीकी पहलू: स्पॉट राउंड का महत्व
विशेषज्ञों के अनुसार, स्पॉट राउंड सीट आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2023 में इसके माध्यम से 18% सीटों का पुनः आवंटन हुआ था। वर्तमान में लगभग 150 सीटें खाली हैं, जिन्हें स्पॉट राउंड से भरा जा सकता है।
आगे की कार्यवाई: 4 अप्रैल को अगली सुनवाई
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल 2024 को निर्धारित की है। छात्र संगठनों ने इससे पहले 3 अप्रैल को धरना प्रदर्शन की योजना बनाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी हितधारकों के साथ चर्चा का संकेत दिया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
Q: स्पॉट एडमिशन राउंड क्यों महत्वपूर्ण है?
A: यह रिक्त सीटों को भरने और छात्रों को दूसरा मौका देने का अंतिम अवसर होता है।
Q: एम्स प्रॉस्पेक्टस में स्पॉट राउंड का उल्लेख था?
A: हां, प्रॉस्पेक्टस में स्पष्ट रूप से तीनों राउंड्स का जिक्र था।
Q: न्यायालय का निर्णय क्या प्रभाव डालेगा?
A: यह मेडिकल प्रवेश प्रक्रियाओं में पारदर्शिता के लिए एक मिसाल स्थापित कर सकता है।
यह मामला मेडिकल शिक्षा में प्रशासनिक जवाबदेही और छात्र अधिकारों के बीच संतुलन की कसौटी है। 4 अप्रैल की सुनवाई न केवल हज़ारों छात्रों का भविष्य तय करेगी, बल्कि भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की नीतिगत निष्ठा को भी परखेगी।
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