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मोदी वेंस राजनयिक वार्ता से रणनीतिक सहयोग को नई दिशा

मोदी वेंस राजनयिक वार्ता

रणनीतिक चर्चा का विस्तार :

मोदी वेंस राजनयिक वार्ता सोमवार को नई दिल्ली में हुई, जिसमें कई वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर सहमति बनी। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब भारत और अमेरिका वैश्विक शक्ति संतुलन के केंद्र में हैं।

इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्र पर चर्चा की। यह बातचीत मोदी की हालिया वॉशिंगटन यात्रा और पेरिस में वेंस से हुई संक्षिप्त बातचीत के बाद अगला बड़ा कदम मानी जा रही है।

मुख्य बिंदु :

  • मोदी वेंस राजनयिक वार्ता में व्यापार समझौते पर महत्वपूर्ण प्रगति।
  • ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और रक्षा पर विशेष ध्यान।
  • वैश्विक मुद्दों पर संवाद और कूटनीति पर सहमति।
  • वेंस की यात्रा से पहले तुलसी गबार्ड की भी भारत यात्रा हो चुकी है।
  • राष्ट्रपति ट्रम्प की प्रस्तावित भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई।

रणनीतिक साझेदारी पर फोकस :

  • मोदी वेंस राजनयिक वार्ता में व्यापार बाधाएं हटाने और निवेश बढ़ाने पर सहमति बनी।
  • एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि व्यापार समझौता अब अंतिम चरण में है।
  • “दोनों पक्षों में इसे पूरा करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है,” अधिकारी ने कहा।
  • ऊर्जा, रक्षा और सेमीकंडक्टर में भारत की क्षमता को अमेरिका ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य भी इस वार्ता में शामिल थे। भारत, वैश्विक प्रौद्योगिकी सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनने की ओर अग्रसर है।

व्यापार सहयोग में नई गति :

मोदी वेंस राजनयिक वार्ता के दौरान दोनों देशों ने भू-राजनीतिक तनावों और व्यापार युद्धों के असर पर चिंता जताई। वेंस ने कहा, “भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदार से तकनीकी और रक्षा सहयोग हमारी प्राथमिकता है।” यह बयान उस समय आया जब अमेरिका ने भारत पर 26% आयात शुल्क लगाया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “यह एक उच्चस्तरीय राजनयिक यात्रा है जो हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है। ”प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर यह भी संकेत दिया कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा का स्वागत करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई दे सकती है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संदर्भ :

  • फरवरी में मोदी और ट्रम्प की वॉशिंगटन में हुई बैठक ने सहयोग की नींव रखी थी।
  • भारत पहले भी “मेक इन इंडिया” के तहत अमेरिका के साथ रक्षा समझौते कर चुका है।
  • 2008 में न्यूक्लियर डील और 2020 में BECA समझौता इसके ऐतिहासिक उदाहरण हैं।

यातायात व्यवस्था और जनसहभागिता :

  • वेंस के स्वागत में दिल्ली में विशेष प्रोटोकॉल अपनाया गया।
  • केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पालम एयरपोर्ट पर स्वागत किया।
  • वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चों के साथ आए हैं।
  • अक्षरधाम, जयपुर और आगरा की यात्रा भी कार्यक्रम में शामिल है।
  • दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने विशेष मार्गदर्शन जारी किया है।

प्रतिक्रियाएं और विश्लेषण :

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा, “यह यात्रा अमेरिका-भारत संबंधों में बढ़ती रणनीतिक परिपक्वता का संकेत देती है। ”राजनीतिक विश्लेषक यशवंत देसाई के अनुसार, “वेंस की यात्रा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका को मजबूत करती है।”अमेरिकी उपराष्ट्रपति का यह पहला भारत दौरा है, जिससे द्विपक्षीय स्तर पर गहरी समझ बन रही है।

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