पहलगाम पर्यटक हमला : भारत सरकार और सेना सख्त

पहलगाम पर्यटक हमला पर भारत का कठोर ऐक्शन
कश्मीर घाटी की खूबसूरत पहलगाम घाटी उस वक्त थर्रा उठी जब मंगलवार को बैसरन मैदान में गोलियों की बौछार शुरू हुई। यह स्थान ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है और आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहता है। इस बार, इस शांत स्थल पर पहलगाम पर्यटक हमला त्रासदी के रूप में आतंक की काली छाया मंडरा गई।
इस भीषण आतंकी हमले में अब तक एक पर्यटक की मौत हो चुकी है और करीब 20 अन्य घायल हुए हैं। घायलों में अधिकतर उत्तर भारत से आए पर्यटक हैं, जिन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया।
भारत सरकार का गुस्सा और बयान :
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, यह हमला कायरता की पराकाष्ठा है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “देश आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा।”
- गृह मंत्रालय ने तत्काल सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा और हमले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।
प्रमुख बिंदु :
- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकियों का हमला, 1 मृत, 20 घायल।
- बैसरन में अंधाधुंध फायरिंग से मचा हड़कंप।
- सेना की विक्टर फोर्स ने मोर्चा संभाला, तलाशी अभियान जारी।
- गृह मंत्री और प्रधानमंत्री ने दोषियों पर कार्रवाई का ऐलान किया।
- विपक्ष ने केंद्र सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाए।
सेना की विक्टर फोर्स: कौन हैं ये?
इस हमले के बाद सेना की विक्टर फोर्स ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। यह इकाई भारतीय सेना की आतंकवाद विरोधी विशिष्ट इकाई है, जो विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय रहती है। विक्टर फोर्स को 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम के दौरान गठित किया गया था और यह दक्षिण कश्मीर के दुर्गम जंगलों और पहाड़ी इलाकों में संचालित होती है।
- विक्टर फोर्स की जिम्मेदारी अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जैसे जिलों में आतंक विरोधी अभियानों की है।
- इसमें विशेष प्रशिक्षण प्राप्त सैनिक, स्नाइपर, बम निष्क्रिय विशेषज्ञ और रात में ऑपरेशन करने में सक्षम कमांडो शामिल होते हैं।
- हमले के तुरंत बाद विक्टर फोर्स ने बैसरन घाटी को चारों ओर से घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
सेना के उच्च सूत्रों के अनुसार, घटना के पीछे लश्कर-ए-तैयबा या TRF जैसे संगठनों का हाथ हो सकता है। विक्टर फोर्स की टीम अब ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से पूरे इलाके की छानबीन कर रही है।
घटनास्थल की स्थिति और जांच :
- हमले के समय, बैसरन में 40 से अधिक पर्यटक उपस्थित थे।
- आतंकियों ने पास के जंगल से आकर सीधे पर्यटकों पर गोलियां चलाईं।
- घटनास्थल से AK-47 के खोखे और ग्रेनेड के अवशेष मिले हैं।
- हमले के बाद पहलगाम और आसपास के रिसॉर्ट खाली कराए गए।
चश्मदीदों की आपबीती :
- एक घायल महिला ने बताया, हम सिर्फ फोटो ले रहे थे, तभी गोलियों की आवाज आई और अफरातफरी मच गई।”
- एक पर्यटक ने कहा, पुलिस नहीं होती तो कई और जाने जा सकती थीं।”
नेताओं की प्रतिक्रिया :
- उमर अब्दुल्ला : “ऐसे हमले कश्मीर की शांति को फिर खतरे में डालते हैं।”
- महबूबा मुफ्ती : “कश्मीर को फिर से अशांति में झोंका जा रहा है। केंद्र सरकार को सख्त जवाब देना चाहिए।”
ऐतिहासिक संदर्भ :
- मई 2023 में भी पर्यटकों पर इसी इलाके में हमला हुआ था जिसमें दो घायल हुए थे।
- 2017 में अमरनाथ यात्रियों पर भी आतंकी हमला हुआ था, जिसकी पृष्ठभूमि में भी TRF का नाम आया था।
सोशल मीडिया पर हलचल :
- वायरल वीडियो में घायल महिला को पति को पुकारते हुए देखा गया।
- एक अन्य वीडियो में लोग लहूलुहान हालत में मदद मांगते दिखे।
पहलगाम पर्यटक हमला त्रासदी सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और उसकी नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा हमला है। केंद्र सरकार और सेना की संयुक्त सक्रियता से यह साफ है कि अब आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। सेना की विक्टर फोर्स जैसी विशिष्ट इकाइयाँ कश्मीर में आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने के लिए पूरी तरह तत्पर हैं।
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