दहेज से तबाह ज़िंदगी : एनसीपी नेता के खिलाफ केस, बेटा फरार

दहेज से तबाह ज़िंदगी : वैष्णवी की मौत ने झकझोरा
पुणे की एक 26 वर्षीय महिला वैष्णवी की आत्महत्या ने एक बार फिर दहेज से तबाह ज़िंदगी की क्रूर सच्चाई सामने रख दी है। वैष्णवी ने 16 मई को बावधन स्थित अपने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। यह मामला अब महाराष्ट्र की राजनीति और पुलिस प्रशासन दोनों के लिए सवाल बन गया है।
- वैष्णवी की शादी को महज 11 महीने ही हुए थे।
- ससुरालवालों ने कथित तौर पर ₹2 करोड़ और ज़मीन की मांग की थी।
- 51 तोला सोना, चांदी और SUV पहले ही दहेज में दी जा चुकी थी।
आरोपों में नामजद: एनसीपी नेता और परिवार
पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और घरेलू हिंसा के तहत FIR दर्ज की है। जिन नामों में केस दर्ज है, उनमें एनसीपी के स्थानीय नेता राजेंद्र हगावने, उनकी पत्नी लता, बेटे शशांक व सुशील, और बेटी करिश्मा शामिल हैं।
- पति शशांक, सास लता और ननद करिश्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
- राजेंद्र और उनका बेटा सुशील अभी भी फरार हैं।
- पुलिस ने इनकी तलाश में टीमें बनाई हैं।
एनसीपी ने की त्वरित कार्रवाई
मामला सामने आते ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने पुणे में दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के गंभीर मामले में दो नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पुणे जिला एनसीपी प्रमुख शिवाजी गर्जे ने बताया कि आरोपी नेता राजेंद्र हगावने और उनके बेटे सुशील को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
- महाराष्ट्र युवा एनसीपी अध्यक्ष सूरज चव्हाण ने घटना को “मानवता पर धब्बा” बताया।
- उन्होंने वैष्णवी के लिए न्याय की मांग की और सख्त कार्रवाई पर बल दिया।
राजनीतिक पेंच : SUV, शादी और अजीत पवार की उपस्थिति
मामले में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब सोशल मीडिया पर शादी की एक तस्वीर वायरल हुई। इसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार, शादी में दूल्हा-दुल्हन को SUV की चाबी सौंपते नजर आए।
- यह वही SUV थी, जो लड़की के पिता ने दहेज में दी थी।
- इससे सवाल उठने लगे कि क्या यह दहेज था या स्वेच्छा से दिया गया तोहफा?
अजीत पवार ने सफाई दी:
“मैं हमेशा पूछता हूँ कि उपहार स्वेच्छा से दिया जा रहा है या दबाव में। अगर दबाव हुआ तो मैं उसे नहीं छोड़ता।”
पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने तत्काल पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस आयुक्त से सख्त कार्रवाई की मांग की, और अगर जरूरत हो तो अधिक टीमें लगाने का निर्देश भी दिया।
पीड़िता का दर्द: प्रेम विवाह से पश्चाताप
वैष्णवी के मामा उत्तम बहिरत ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि यह एक प्रेम विवाह था, जिसका पहले विरोध हुआ था। लेकिन शादी के बाद वैष्णवी को मानसिक और शारीरिक यातनाएं झेलनी पड़ीं।
- वैष्णवी ने SUV की डिमांड पूरी न करने पर शोषण की बात स्वीकार की थी।
- 6 महीने के भीतर वह टूट चुकी थी।
- उसने कहा था कि उसे अपने फैसले पर अफ़सोस है।
महिला आयोग की भूमिका
महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकनकर, जो खुद एनसीपी से जुड़ी हैं, ने कहा कि वैष्णवी का 10 महीने का बेटा अब उसके नाना-नानी के हवाले किया जाएगा।
- वर्तमान में बच्चा हगावने परिवार के रिश्तेदारों के पास है।
- महिला आयोग ने कार्रवाई की निगरानी की जिम्मेदारी ली है।
दहेज से तबाह ज़िंदगी: सामाजिक और कानूनी सवाल
यह कोई पहला मामला नहीं है जहां दहेज से तबाह ज़िंदगी की दर्दनाक तस्वीर सामने आई है। लेकिन इस बार मामला राजनीतिक कनेक्शन और सत्ता के समीकरण से भी जुड़ गया है।
- सवाल है कि क्या पार्टी नेता की मौजूदगी से आरोपी परिवार ने खुद को सुरक्षित समझा ?
- क्या हमारी राजनीतिक संस्कृति अब भी महिला सुरक्षा से ज्यादा रिश्तों को तरजीह देती है ?
दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या
भारत में दहेज के कारण आत्महत्या या हत्या के मामले कोई नए नहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार:
- हर दिन औसतन 20 महिलाएं दहेज से जुड़ी हिंसा का शिकार होती हैं।
- 2022 में लगभग 7,000 से अधिक दहेज हत्याएं दर्ज की गईं।
इससे स्पष्ट होता है कि कानूनों की मौजूदगी के बावजूद, सामाजिक मानसिकता में बदलाव बेहद जरूरी है।
सख्ती के बाद भी सवाल
दहेज पर एनसीपी कार्रवाई के इस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति को झकझोर दिया है। जहां अजीत पवार अपनी भूमिका से इंकार कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकते हैं।
- दहेज प्रथा पर फिर उठे गंभीर सवाल
- पार्टी से निष्कासन, पुलिस जांच और राजनीतिक सफाई
- वैष्णवी को न्याय दिलाना अब समाज और व्यवस्था की जिम्मेदारी
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