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बेंगलुरु रैपिडो विवाद क्या सीसीटीवी फुटेज ने बदल दी कहानी?

बेंगलुरु रैपिडो विवाद

बेंगलुरु रैपिडो विवाद में एक नया अध्याय तब खुला, जब इस घटना के सीसीटीवी फुटेज सामने आए। यह मामला पहले एकतरफा लग रहा था, जिसमें एक रैपिडो बाइकर को महिला यात्री को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया था। लेकिन, अब जो नए सबूत सामने आए हैं, वे इस पूरे घटनाक्रम पर एक अलग रोशनी डालते हैं। यह बेंगलुरु की सड़कों पर ग्राहक-सेवा प्रदाता संबंधों की जटिलताओं को उजागर करता है।

मुख्य बिंदु :

  1. सीसीटीवी फुटेज में महिला द्वारा बाइकर पर पहले हमला करते दिखाया गया।
  2. रैपिडो बाइकर सुहास ने महिला द्वारा गाली-गलौज और मारपीट का आरोप लगाया।
  3. महिला ने राइड के दौरान अचानक रुकने की मांग को लेकर विवाद शुरू किया।
  4. वायरल वीडियो में केवल बाइकर द्वारा थप्पड़ मारने का दृश्य पहले सामने आया।
  5. पुलिस ने पहले गैर-संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज की, बाद में एफआईआर में मामला बढ़ा।
  6. रैपिडो ने पूरे प्रकरण को पुलिस जांच का विषय बताकर टिप्पणी से इनकार किया।
  7. अब पुलिस की गहन जांच से विवाद की असली सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।

बाइकर का दावा: “पहले महिला ने की मारपीट”

रैपिडो बाइकर सुहास ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि महिला ने ही पहले उस पर हमला किया था। यह घटना 13 जून को हुई थी।

  • सुहास ने बताया कि महिला ने राइड बुक करने के बाद उसे ‘तुरंत रुकने’ के लिए कहा।
  • सुहास ने कहा कि उसने महिला को बताया कि वहां रुकना संभव नहीं है।
  • लेकिन महिला ने उसे अपशब्द कहना शुरू कर दिया, जिसके बाद उसने मारपीट की। सुहास ने इस संबंध में जयनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उसने पुलिस को बताया कि महिला ने मेरा कॉलर पकड़ने की कोशिश की और ऊंची आवाज में बोलने लगी।

विवाद का प्रारंभिक दृश्य और पुलिस की प्रतिक्रिया

यह मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें रैपिडो बाइकर सुहास महिला यात्री को थप्पड़ मारते दिख रहा था। पुलिस ने बताया कि यह लापरवाही से गाड़ी चलाने को लेकर हुई बहस का नतीजा था।

  • महिला जयनगर में एक आभूषण की दुकान पर सेल्सवुमन के रूप में काम करती है।
  • वह अपने कार्यस्थल जा रही थी।
  • महिला ने कथित तौर पर बीच रास्ते में उतरकर बाइकर के लापरवाही से गाड़ी चलाने पर आपत्ति जताई थी। यह भी कहा गया कि महिला ने किराया देने और हेलमेट वापस करने से इनकार कर दिया था। महिला ने बाइकर पर ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने का भी आरोप लगाया था।

सीसीटीवी फुटेज से बड़ा मोड़

घटना के कुछ समय बाद, एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया। इस फुटेज में महिला को बाइकर को तीन बार मारते हुए दिखाया गया है। यह सीसीटीवी फुटेज महिला के शुरुआती दावों का खंडन करता है।

  • वायरल हुए पहले के वीडियो में सिर्फ बाइकर द्वारा महिला को थप्पड़ मारने का दृश्य था।
  • इस नए फुटेज ने बेंगलुरु रैपिडो विवाद को एक नया आयाम दिया है।
  • इसने बहस की शुरुआत और दोनों पक्षों के बीच शारीरिक टकराव के क्रम को स्पष्ट किया।

पुलिस की जांच और रैपिडो का रुख

पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की है। मामला सामने आने पर महिला और बाइकर दोनों को जयनगर पुलिस स्टेशन लाया गया। पुलिस के अनुसार, महिला ने शुरू में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया था।

  • वीडियो के आधार पर, पुलिस ने गैर-संज्ञेय रिपोर्ट (एनसीआर) दर्ज की।
  • बाद में, सोमवार को महिला ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई।
  • बाइकर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79, 352 और 115 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  • रैपिडो ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, इसे पुलिस मामला बताया।
  • यह बेंगलुरु रैपिडो विवाद अब कानूनी पेचीदगियों में फंस गया है, और आगे की जांच ही सच्चाई सामने लाएगी।

बाइकर पर लगी धाराएँ और उनकी संभावित सज़ा

पुलिस ने रैपिडो बाइकर सुहास के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कुछ धाराएं लगाई हैं, जो उसके खिलाफ मामला दर्ज करने का आधार बनी हैं। यह धाराएँ अपराध की गंभीरता और प्रकृति को परिभाषित करती हैं।

  1. धारा 79 : यह धारा यह धारा किसी महिला की लज्जा का अनादर करने के इरादे से शब्द, हावभाव या कार्य करने से संबंधित है।
    • इस धारा के तहत अधिकतम तीन साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
  2. धारा 352 : यह धारा शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है।
    • इस धारा के तहत दो साल तक की कैद या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
  3. धारा 115 : यह धारा स्वेच्छा से चोट पहुँचाने से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति किसी को जानबूझकर चोट पहुँचाता है,
    • इस धारा के तहत एक साल तक की कैद या दस हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकता है। सीसीटीवी फुटेज में बाइकर द्वारा महिला को थप्पड़ मारना इस धारा के दायरे में आ सकता है।

इस बेंगलुरु रैपिडो विवाद में अब पुलिस की आगे की जांच महत्वपूर्ण होगी।

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